World Malaria Day: 5 तरह का हो सकता है मलेरिया बुखार, जान लें लक्षण; अनदेखा करना पड़ सकता है भारी
मलेरिया भले ही सुनने में एक आम बीमारी लगे लेकिन समय पर इलाज न मिले तो मरीज की जान भी जा सकती है। हर साल लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से World Malaria Day मनाया जाता है। ये हमें याद दिलाता है कि हम इस रोग को केवल दवाओं से नहीं बल्कि जागरुकता और सतर्कता से भी हरा सकते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। तापमान बढ़ते ही मच्छरों का आतंक भी बढ़ जाता है। ऐसे में सतर्क रहना बेहद जरूरी है। दरअसल, गर्मियों में मच्छरों के पनपने से कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अगर मच्छर काट ले तो मलेरिया और डेंगू सबसे आम बीमारी में से एक है। कहते हैं कि अगर समय रहते इस बीमारी का इलाज नहीं कराया गया तो मरीज की जान भी जा सकती है।
आज फिलहाल हम मलेरिया के बारे में बात करेंगे। मलेरिया के बारे में लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से हर साल 25 अप्रैल को वर्ल्ड मलेरिया डे मनाया जाता है। इस दिन लोगों को इस बीमारी से बचाव और लक्षणों के बारे में जागरुक किया जाता है। अगर बीमारी का समय रहते पहचान कर लिया जाए तो इलाज संभव हो जाता है। ऐसे में हमें ये जानना जरूरी है कि मलेरिया कितने प्रकार के होते हैं। इनके लक्षण क्या हैं। आइए जानते हैं विस्तार से:
प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम (Plasmodium falciparum)
शारदा हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. श्रेय श्रीवास्तव ने बताया कि यह मलेरिया का सबसे घातक प्रकार माना जाता है। सबसे ज्यादा मौतें इसकी वजह से ही होती हैं। यह खासकर अफ्रीका और दक्षिण एशिया में पाया जाता है।
लक्षण
- बहुत तेज बुखार आना
- ठंड लगना और पसीना आना
- उल्टी और दस्त
- दिमागी भ्रम या दौरे
- किडनी और लिवर फेलियर की स्थिति
प्लाज्मोडियम वाइवैक्स (Plasmodium vivax)
उन्होंने कहा कि भारत में सबसे आम प्रकार का मलेरिया यही है। यह लिवर में जाकर लंबे समय तक छिपा रह सकता है और महीनों बाद फिर से सक्रिय हो सकता है। इस जीवाणु के शरीर में प्रवेश करने पर आपको कई तरह के लक्षण दिख सकते हैं।
लक्षण
- मध्यम से तेज बुखार, जो हर 2 दिन में आता है
- ठंड लगना
- कमजोरी और थकावट
- सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द
- भूख न लगना
- हाथ-पैर में दर्द होना
प्लाज्मोडियम मलेरिया (Plasmodium malariae)
डाॅ. के मुताबिक, यह दुर्लभ प्रकार का मलेरिया है, लेकिन इसका संक्रमण लंबे समय तक रह सकता है। ये मध्य और दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका में पाया जाता है। हालांकि यह मलेरिया प्लास्मोडिया वाइवैक्स की तुलना में कम खतरनाक होता है।
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लक्षण
- हर 3 दिन में बुखार का आना
- सामान्य कमजोरी
- कभी-कभी किडनी से जुड़ी समस्याएं
- शरीर में प्रोटीन की कमी
- बार-बार पेशाब लगना
प्लाज्मोडियम ओवाले (Plasmodium ovale)
यह पश्चिमी अफ्रीका और कुछ द्वीपीय क्षेत्रों में पाया जाता है। इसके लक्षण P. vivax से मिलते-जुलते होते हैं। यह मलेरिया का सबसे दुर्लभ प्रकार है। ऐसा इसलिए क्योंकि मच्छर के काटने के बाद परजीवी लंबे समय तक शरीर में रहता है।
लक्षण
- असमान अंतराल पर बुखार
- थकावट और कंपकंपी
- लिवर में सूजन
प्लाज्मोडियम नॉलेसी (Plasmodium knowlesi)
यह मलेरिया का हाल ही में पहचाना गया प्रकार है जो दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाता है।
लक्षण
- तेज बुखार जो तेजी से बढ़ता है
- मांसपेशियों में तेज दर्द
- सांस लेने में कठिनाई होना
मलेरिया से बचाव कैसे करें?
- मच्छरदानी का प्रयोग करें
- पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें
- घर के आसपास पानी जमा न होने दें
- मच्छर मारने वाली दवाओं और क्रीम का प्रयोग करें
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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