World Health Day 2025: वजाइना को नुकसान पहुंचाती हैं ये 5 आदतें, महिलाएं कर लें नोट
महिलाओं की सेहत की बात करें तो वजाइनल हेल्थ के बारे में बात करना जरूरी है। वजाइनल हेल्थ (Vaginal Health) उनकी पूरी सेहत का एक अहम हिस्सा है। इसलिए आज वर्ल्ड हेल्थ डे (World Health Day) के मौके पर हम 5 ऐसी गलतियों के बारे में बता रहे हैं जो महिलाओं की वजाइनल हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकती हैं। आइए जानें हेल्दी वजाइना के लिए क्या नहीं करना चाहिए।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। जब भी हम महिलाओं की हेल्थ (Women's Health) की बात करते हैं, उसमें अक्सर वजाइनल हेल्थ (Vaginal Health) को इग्नोर कर देते हैं। इस बारे में ज्यादातर लोग बात करने से हिचकिचाते हैं। लेकिन यह महिलाओं की सेहत का एक अहम हिस्सा है।
एक हेल्दी वजाइना न केवल इन्फेक्शन से बचाता है, बल्कि रिप्रोडक्शन और मानसिक शांति के लिए भी जरूरी है। लेकिन कई बार अनजाने में की गई गलतियां (Mistakes Women Should Avoid for Vaginal Health) वजाइनल हेल्थ को प्रभावित कर सकती हैं।
आज वर्ल्ड हेल्थ डे (World Health Day 2025) पर डॉ. आस्था श्रीवास्तव (मैक्स सुपर स्पेशेलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज के स्त्री रोग एवं प्रसुति विभाग की यूनिट हेड एंड प्रिंसिपल कंसल्टेंट) से जानते हैं ऐसे ही 5 कामों के बारे में, जिन्हें अक्सर अनजाने में महिलाएं कर तो लेती हैं, लेकिन इससे वजाइना को नुकसान ही पहुंचता है। इसलिए इन 5 गलतियों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए (Vaginal Health Tips)।
वजाइना की ज्यादा सफाई (डूशिंग)
कई महिलाएं वजाइना को "साफ" रखने के लिए वेजाइनल वॉश या डूशिंग का सहारा लेती हैं, लेकिन यह गलत है। वजाइना एक सेल्फ-क्लीनिंग ऑर्गन है, जो नेचुरल तरीके से खुद को साफ रखता है। डूशिंग करने से वजाइना के अंदर मौजूद अच्छे बैक्टीरिया (लैक्टोबैसिली) नष्ट हो जाते हैं, जिससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसके बजाय, सादे पानी से बाहरी हिस्से की हल्की सफाई ही काफी है।
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सेंटेड सैनिटरी पैड या टैम्पोन का इस्तेमाल
पीरियड्स के दौरान कई महिलाएं सेंटेड सैनिटरी पैड या टैम्पोन का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन इनमें मौजूद केमिकल्स वजाइना के पीएच लेवल को बिगाड़ सकते हैं। इससे खुजली, जलन और यीस्ट इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। बेहतर होगा कि अनसेंटेड और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स को ही चुनें। साथ ही, टैम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप को लंबे समय तक न रखें, नहीं तो टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (TSS) का खतरा हो सकता है।
टाइट अंडरवियर या सिंथेटिक कपड़े पहनना
टाइट अंडरगार्मेंट्स या नायलॉन, पॉलिएस्टर जैसे सिंथेटिक कपड़े प्राइवेट पार्ट में हवा के आवागमन को रोकते हैं, जिससे नमी और बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं। इससे यीस्ट इन्फेक्शन और बैक्टीरियल वेजिनोसिस हो सकता है। इसलिए, कॉटन अंडरवियर पहनें, जो हवादार हो और पसीने को सोख ले।
सेक्स के बाद सफाई न करना
सेक्सुअल एक्टिविटी के बाद वजाइना की सफाई न करना इन्फेक्शन को निमंत्रण दे सकता है। स्पर्म, लुब्रिकेंट या कंडोम के वजाइना के पीएच लेवल को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए, सेक्स के बाद हल्के गुनगुने पानी से जरूर सफाई करें। हालांकि, साबुन या हार्श केमिकल्स का इस्तेमाल न करें और सिर्फ बाहरी हिस्से की सफाई करें।
ब्लीच और वैक्स न करें
हमारे प्राइवेट पार्ट्स का रंग हमारे शरीर के दूसरे अंगों की तुलना में थोड़ा डार्क होता है। इसलिए इसका रंग निखारने के लिए कुछ महिलाएं यहां ब्लीच का इस्तेमाल कर लेती हैं। ब्लीच में काफी हार्ष केमिकल होते हैं, जो वजाइना को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसकी वजह से जलन और खुजली जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
वहीं वैक्स करने से भी वजाइना को नुकसान पहुंच सकता है, क्योंकि वहां के आस-पास की त्वचा काफी नाजुक होती है। वैक्स की वजह से इरिटेशन और जलन जैसी परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए प्युबिक हेयर को मैनेज करने के लिए सावधानी से उन्हें ट्रिम कर लें और कुछ न करें।
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