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    पीरि‍यड्स में Menstrual Cup का इस्‍तेमाल क‍ितना सेफ? जान लें 5 साइड इफेक्ट्स; वरना ब‍िगड़ जाएगी सेहत

    Updated: Mon, 31 Mar 2025 09:46 AM (IST)

    आज हमने आपको अपने इस लेख में Menstrual Cup के साइड इफेक्‍ट्स के बारे में बताया है। अगर आप पीरियड्स के दौरान सैनिटरी पैड की जगह मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करती हैं तो आपकी सेहत को कई नुकसान (side effects of menstrual cup) हो सकते हैं। हालांक‍ि इसके कुछ फायदे भी हैं। बस इन्‍हें इस्‍तेमाल करने का सही तरीका मालूम होना चाह‍िए।

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    क्‍या सुरक्षित होता है Menstrual Cup का इस्‍तेामल? (Image Credit- Freepik)

     लाइफस्‍टाइल डेस्‍क, नई द‍िल्‍ली। हर मह‍िला को महीने में छह दि‍न पीर‍ियड्स के असहनीय दर्द से गुजरना पड़ता है। ये द‍िन काफी मुश्किल भरे होते हैं। पीरियड के दौरान लीकेज से बचने, कम्फर्टेबल रहने और डेली टास्क को नॉर्मल करने के लिए मह‍िलाएं पैड्स, टेंपून या मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करती हैं। आज के समय की बात करें तो मह‍िलाओं में Menstrual Cup का इस्‍तेमाल ज्‍यादा देखा जाता है।

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    यह एक इको-फ्रेंडली, किफायती और कम्फर्टेबल ऑप्‍शन है। हर चीज की तरह मेंस्ट्रुअल कप के भी कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इससे जुड़े कई सवाल आज भी महिलाओं के मन में हैं। मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करना कितना सेफ है और इन्हें इस्तेमाल करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, ये हम आज अपने इस लेख में जानेंगे। तो आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से-

    क्‍या होता है Menstrual Cup?

    यह कप नुमा आकार का होता है। ये सिलिकॉन से बना होता है। इसे महिलाओं की वजाइना में डाला जाता है। ये काफी मुलायम भी होता है। ये जब वजाइना में जाता है, तो कप की तरह शेप में आ जाता है। इसके अंदर पीरियड्स का ब्लड जमा होने लगता है।

    इन्‍फेक्‍शन का खतरा

    अगर मेंस्ट्रुअल कप को सही तरीके से साफ नहीं किया जाता या बार-बार हाथ धोए बिना इसे लगाया और निकाला जाता है तो आपको इंफेक्‍शन होने का खतरा बढ़ जाता है। खासतौर पर अगर कप को लंबे समय तक बिना धोए इस्तेमाल किया जाए, तो बैक्टीरियल या फंगल इंफेक्शन हो सकता है।

    जलन या एलर्जी

    कुछ महिलाओं को सिलिकॉन, लेटेक्स या रबर से एलर्जी हो सकती है। इससे वजाइना में जलन, खुजली या रैशेज हो सकते हैं। अगर कप लगाने के बाद जलन महसूस हो रही है तो इस्‍तेमाल करने से पहले 10 बार सोचें।

    टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (TSS) का खतरा

    टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (TSS) एक गंभीर संक्रमण होता है जो लंबे समय तक मेंस्ट्रुअल कप को अंदर रखने से हो सकता है। यह समस्या तब होती है जब बैक्टीरिया शरीर में टॉक्सिन रिलीज करते हैं। इससे बुखार, उल्टी, चक्कर आना और कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसल‍िए सावधानी बरतना जरूरी है।

    पेशाब की दिक्कतें

    मेंस्ट्रुअल कप लगाने के बाद कुछ महिलाओं को बार-बार पेशाब आने या हल्का दबाव महसूस होने की शिकायत होती है। इसका कारण यह हो सकता है कि कप गलत तरीके से फिट हो गया हो।

    वजाइनल ड्राइनेस की समस्‍या

    कुछ महिलाओं को मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करने से वजाइनल ड्राइनेस की समस्या से जूझना पड़ सकता है। अगर कप का साइज सही न हो या बहुत ज्यादा सूखा हो तो जलन या असहजता महसूस हो सकती है।

    ऐसे करें बचाव

    • सही साइज चुनें।
    • हाइजीन मेंटेन रखें।
    • ज्यादा देर तक न पहनें।
    • अगर असहज महसूस हो तो हटा दें।

    जानें इस्‍तेमाल का सही तरीका

    मेंस्ट्रुअल कप को सी आकार में फोल्ड करके वजाइना में डाला जाता है। कप के अंदर जाने के बाद इसे छोड़ दें। अंदर जाते ही यह कप नुमा आकार में आ जाएगा और अंदर जाकर चिपक जाएगा।

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    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।