क्या मुमकिन है COPD का इलाज और कैसे होते हैं इसके लक्षण? डॉक्टर से जानें इन सवालों के जवाब
हर साल नवंबर के तीसरे बुधवार को World COPD Day मनाया जाता है। इस साल यह 18 नवंबर को मनाया जाएगा। यह फेफड़ों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, जिसके बारे में जानकारी होना जरूरी है, ताकि समय पर इसकी पहचान करके इसका इलाज किया जा सके। आइए जानें इसके लक्षण (COPD Signs) कैसे होते हैं और क्या इसे पूरी तरह ठीक कर सकते हैं।
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डॉक्टर से जानें COPD का इलाज किया जा सकता है? (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सांस लेना जीवन का आधार है, लेकिन जब यही सांस फूलने लगे और छाती में घरघराहट होने लगे, तो यह क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज का संकेत (COPD Symptoms) हो सकता है। COPD फेफड़ों की एक गंभीर बीमारी है जिसके बारे में जागरूकता बेहद जरूरी है। इसलिए हर साल नवंबर के तीसरे बुधवार को वर्ल्ड सीओपीडी डे मनाया जाता है।
इस बीमारी से जुड़ा एक आम सवाल जो मन में उठता है, वह यह है कि क्या COPD का इलाज मुमकिन है (Is COPD Curable)? इस बारे में हमने डॉ. मनु मदान (सीनियर कंसल्टेंट- रेस्पिरेटरी एंड स्लीप मेडिसिन, मेदांता हॉस्पिटल, नोएडा) से बात की। आइए जानें इस बारे में उन्होंने क्या बताया।
क्या COPD का इलाज मुमकिन है?
नहीं, COPD का इलाज पूरी तरह से मुमकिन नहीं है। यह एक प्रोग्रेसिव डिजीज है, यानी अगर इलाज न किया जाए, तो समय के साथ इसके लक्षण आमतौर पर बदतर हो सकते हैं। इस बीमारी के कारण फेफड़ों में होने वाला नुकसान स्थायी होता है।
हालांकि, COPD को मैनेज किया जा सकता है। इसका मतलब है कि सही इलाज और लाइफस्टाइल में बदलाव के जरिए इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है और मरीज के जीवन में सुधार लाया जा सकता है।
COPD के कारण क्या हैं?
COPD मुख्य रूप से फेफड़ों में वायु मार्ग के संकरा होने और फेफड़े में मौजूद छोटी थैलियों के डैमेज होने के कारण होता है।
- स्मोकिंग- यह COPD का सबसे अहम कारण है। सिगरेट, बीड़ी या हुक्का पीने वालों में इस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा होता है। यह फेफड़ों के टिश्यू को सीधे नुकसान पहुंचाता है।
- वायु प्रदूषण- लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से भी फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है।
- घरेलू वायु प्रदूषण- ग्रामीण इलाकों में लकड़ी, कोयला या उपले के चूल्हे पर खाना बनाने से निकलने वाला धुआं, खासकर महिलाओं में COPD का एक मुख्य कारण बन रहा है।
- मेटल और माइनिंग इंडस्ट्री- सीमेंट, कोयला, सूती कपड़े की धूल या केमिकल के संपर्क में आने वाले लोगों को भी इस बीमारी का खतरा रहता है।
- जेनेटिक कारण- कुछ मामलों में, अल्फा-1 एंटीट्रिप्सिन नाम के प्रोटीन की कमी भी COPD का कारण बन सकती है, भले ही व्यक्ति स्मोक न करता हो।
COPD के लक्षण कैसे होते हैं?
COPD के लक्षण शुरुआत में हल्के होते हैं और धीरे-धीरे गंभीर रूप ले लेते हैं।
- पुरानी खांसी- यह खांसी लगातार बनी रहती है और अक्सर इसके साथ बलगम भी आता है। कई लोग इसे मामूली सर्दी-जुकाम समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
- सांस फूलना- शुरुआत में सीढ़ियां चढ़ने या तेज चलने पर सांस फूलती है, लेकिन बीमारी के बढ़ने पर आराम करते समय भी सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
- छाती में घरघराहट- सांस लेते या छोड़ते समय छाती से सीटी जैसी आवाज आना।
- सीने में जकड़न- ऐसा महसूस होना जैसे छाती पर कोई भारी चीज रखी हुई है।
इसके अलावा, मरीजों को थकान, वजन कम होना और एक्ससेर्बेशन का सामना करना पड़ सकता है। एक्ससेर्बेशन का मतलब है लक्षणों का अचानक और तेजी से बिगड़ जाना, जो अक्सर इन्फेक्शन या प्रदूषण के कारण होता है। यह स्थिति गंभीर हो सकती है और तुरंत मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है।

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