Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    World Breastfeeding Week 2024: बच्चे के साथ कनेक्शन डेवलप करने के साथ कई गंभीर बीमारियों से बचाता है स्तनपान

    Updated: Sun, 04 Aug 2024 03:20 PM (IST)

    दुनियाभर में हर साल अगस्त महीने का पहला हफ्ता World Breastfeeding Week या विश्व स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य महिलाओं को स्तनपान के महत्व के बारे में बताना है कि कैसे इससे बच्चे के साथ मां को भी कई तरह के फायदे मिलते हैं। फिजिकल और मेंटल दोनों हेल्थ रहती है दुरुस्त और गंभीर बीमारियों का खतरा हो जाता है कम।

    Hero Image
    ब्रेस्ट फीडिंग के फायदे (Pic credit- freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हर साल 1 से 7 अगस्त का दिन वर्ल्ड ब्रेस्ट फीडिंग वीक के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य माताओं को स्तनपान के महत्व के बारे में बताना है। स्तनपान कराना न सिर्फ बच्चे के लिए फायदेमंद है, बल्कि इससे मां को भी शारीरिक और मानसिक रूप से कई लाभ मिलते हैं। World Breastfeeding week की शुरुआत साल 1992 में हुई थी।   

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मां के दूध को शिशु के लिए अमृत के समान माना गया है। इससे बच्चे के हर तरह से सही विकास होता है, लेकिन इसके साथ भी यह भी जानना जरूरी है कि ब्रेस्टफीडिंग के लिए शांतिपूर्ण और पॉजिटिव माहौल होना चाहिए। ब्रेस्टफीडिंग नई माताओं के लिए एक ऐसा प्रोसेस है, जिसे लेकर शुरुआत में उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है और कई बार ये भी झल्लाहट की वजह बन सकता है। नई मां डिलीवरी के बाद कई तरह के दौर से गुजरती है। पोस्टपार्टम डिप्रेशन, बच्चे से कनेक्शन न फील होना, बच्चे के पालन-पोषण की चिंता ये सारी चीजें ब्रेस्टफीडिंग की प्रक्रिया पर असर डाल सकती है। ऐसे में पार्टर के साथ परिवार का भी सहयोग जरूरी है। सहयोग व प्रोत्साहन बिल्कुल जादू की तरह काम करते हैं।

    ब्रेस्ट फीडिंग के फायदे

    स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती

    मदर मिल्क जरूरी न्यूट्रिशन के साथ एंटीबॉडी और एंजाइम भी प्रदान करता है, जिससे बच्चे की ग्रोथ में मदद मिलती है। उसका आईक्यू भी बढ़ता है।

    बॉन्डिंग

    ब्रेस्टफीडिंग मां और बच्चे के बीच इमोशनल कनेक्शन को बढ़ाता है। 

    ये भी पढ़ेंः- महिलाओं में होने वाला गंभीर कैंसर है Uterine Cancer, शरीर में नजर आने कुछ बदलावों से कर सकते हैं पहचान

    बीमारियों का जोखिम कम

    ब्रेस्टफीडिंग कराने से बच्चे के साथ मां को भी कई तरह की गंभीर संक्रमण, एलर्जी और पुरानी बीमारियों से बचाता है। ब्रेस्ट फीडिंग डिलीवरी के बाद मां के गर्भाशय को अपने आकार में आने में मदद मिलती है।

    वजन घटाने में मददगार

    स्तनपान के बाद वजन कंट्रोल कंट्रोल करने में मदद मिलती है। स्तनपान कराने से दूध प्रोडक्शन के लिए एक्स्ट्रा एनर्जी और कैलोरी खर्च होती है।

    ये भी पढ़ेंः- तनाव से दूरी व हेल्दी डाइट जैसी चीजों पर ध्यान देकर बढ़ा सकते हैं आईवीएफ की सफलता