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    World Asthma Day 2025: रात को बढ़ सकते हैं अस्थमा के लक्षण, यहां पढ़ें क्यों और कैसे करें इन्हें मैनेज

    अस्थमा एक बेहद गंभीर बीमारी है जिसके लक्षण रात के समय और गंभीर हो सकते हैं (Asthma At Night)। लेकिन ऐसा क्यों होता है? क्यों रात के समय अस्थमा के लक्षण बढ़ने लगते हैं और क्या इन्हें मैनेज किया जा सकता है? इन्हीं सवालों का जवाब जानने के लिए हमने वर्ल्ड अस्थमा डे (World Asthma Day 2025) के मौके पर डॉक्टर से बात की।

    By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Tue, 06 May 2025 09:17 AM (IST)
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    क्यों रात को बढ़ जाते हैं अस्थमा के लक्षण? (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अस्थमा (Asthma) एक सांस की बीमारी है, जिसमें एयर पाइप में सूजन आ जाती है और सांस लेने में तकलीफ होती है। अस्थमा का कोई इलाज नहीं है। यानी इसे पूरी तरीके से ठीक नहीं किया जा सकता।

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    कई मरीजों को रात के समय (Asthma Gets Worse At Night) खांसी, घरघराहट, सीने में जकड़न और सांस फूलने जैसे लक्षण बढ़ जाते हैं। इसे नॉक्टर्नल अस्थमा (Nocturnal Asthma) कहा जाता है। लेकिन ऐसा क्यों होता है और इसे कैसे कंट्रोल (Tips to Control Asthma) किया जा सकता है?

    आइए वर्ल्ड अस्थमा डे (World Asthma Day 2025) पर इस बारे में डॉ. सौरभ पहुजा (सीनियर कंसल्टेंट- पल्मोनोलॉजी, अमृता हॉस्पिटल फरीदाबाद) और डॉ. नीरज गुप्ता (डायरेक्टर-पल्मोनोलॉजी, रेस्पिरेटरी क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन, मैक्स हॉस्पिटल, गुरुग्राम) से जानते हैं। 

    (Picture Courtesy: Freepik)

    रात में अस्थमा के लक्षण बढ़ने के कारण

    शरीर का सर्केडियन रिदम

    हमारे शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन होता है, जो सूजन को कम करने में मदद करता है। रात के समय इस हार्मोन का लेवल कम हो जाता है, जिससे एयर वे में सूजन बढ़ सकती है और अस्थमा के लक्षण तेज हो जाते हैं।

    ठंडी और सूखी हवा

    रात को तापमान गिरने से हवा ठंडी और सूखी हो जाती है, जो एयर वे को परेशान कर सकती है। खासकर एलर्जिक अस्थमा वाले मरीजों को इससे ज्यादा दिक्कत होती है।

    धूल और बिस्तर के एलर्जेंस

    हमारे गद्दे, तकिए और चादरों में धूल के कण (डस्ट माइट्स) छिपे होते हैं, जो रात में सांस के साथ अंदर जाकर अस्थमा को ट्रिगर कर सकते हैं।

    लेटने की स्थिति

    जब हम लेटते हैं, तो फेफड़ों में बलगम जमा हो सकता है और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा, पेट का दबाव डायाफ्राम पर पड़ता है, जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है।

    एसिड रिफ्लक्स (GERD)

    कुछ लोगों को रात में पेट का एसिड गले तक आ जाता है, जो एयर वे को परेशान करके अस्थमा के लक्षण बढ़ा सकता है।

    यह भी पढ़ें: कैसे होते हैं अस्थमा के लक्षण? डॉक्टर से जानें इन्हें मैनेज करने के तरीके

    रात में अस्थमा को कैसे कंट्रोल करें?

    बिस्तर और कमरे को साफ रखें

    • चादरें, तकिए और गद्दे को हर हफ्ते साफ करें।
    • डस्ट माइट प्रूफ कवर का इस्तेमाल करें।
    • कमरे को नियमित रूप से वैक्यूम करें।

    डॉक्टर की बताई गई दवाएं समय पर लें

    • अगर आपका डॉक्टर कोई प्रिवेंटर इनहेलर (Preventer Inhaler) देता है, तो उसे नियमित रूप से इस्तेमाल करें।
    • रात में सोने से पहले इनहेलर लेने से लक्षणों को कम किया जा सकता है।

    ठंडी हवा से बचें

    • रात में खिड़कियां बंद रखें और गर्म कपड़े पहनकर सोएं।
    • अगर हवा बहुत सूखी है, तो ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें।

    भाप लें और गर्म पानी पिएं

    • सोने से पहले भाप लेने से एयर वे खुलते हैं और बलगम लूज होता है।
    • गर्म पानी या हर्बल चाय पीने से भी आराम मिलता है।

    सिर को ऊंचा रखकर सोएं

    • एक या दो तकिए का इस्तेमाल करके सिर को थोड़ा ऊंचा रखें, इससे सांस लेने में आसानी होगी।

    रात में तला-भुना खाना और एलर्जी वाली चीजें न खाएं

    यह भी पढ़ें: सिर्फ सांस की बीमारी नहीं है अस्थमा, डॉक्टर से जानें कैसे हार्ट और डाइजेशन पर भी डालता है गहरा असर