डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं में दोगुना होता है हार्ट डैमेज का खतरा, बचाव के लिए जरूरी हैं ये उपाय
क्या आप जानते हैं डायबिटीज की वजह से दिल को भी नुकसान पहुंच सकता है। जी हां ये बिल्कुल सच है और इसका रिस्क महिलाओं में पुरुषों से ज्यादा होता है। एक स्टडी में इस बारे में पता चला है। ऐसा क्यों होता है और हार्ट डिजीज (Diabetes and Heart Damage) का रिस्क कम करने के लिए क्या करना चाहिए।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। डायबिटीज एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो शरीर के कई अंगों को प्रभावित करती है। इनमें दिल भी शामिल है। ब्लड शुगर लेवल ज्यादा होने की वजह से आर्टरीज और दिल को नुकसान पहुंचता है, जिसके कारण दिल की बीमारियों का रिस्क बढ़ता है। लेकिन यह खतरा पुरुषों से ज्यादा महिलाओं (Women With Type-2 Diabetes) में है, वो भी हिडन हार्ट डैमेज का।
हिडन हार्ट डैमेज का मतलब होता है कि आपमें कोई खास लक्षण नजर नहीं आते, जिनसे पता लगाया जा सके कि दिल को नुकसान हो रहा है। लेकिन अंदर ही अंदर हार्ट डैमेज (Hidden Heart Risk in Women with Diabetes) होने लगता है। हाल ही में हुए एक स्टडी में यह पता चला है कि टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं में हिडन हार्ट डैमेज का खतरा पुरुषों की तुलना में लगभग दोगुना होता है।
यह स्टडी कोरोनरी माइक्रोवैस्कुलर डिसफंक्शन (CMD) कंडीशन पर फोकस्ड थी, जिसमें दिल के छोटे ब्लड वेसल्स में ब्लड फ्लो बाधित हो जाता है। आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है और इसका खतरा कम करने के लिए क्या किया जा सकता है।
महिलाओं में हार्ट डिजीज का खतरा ज्यादा क्यों?
लेस्टर यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने पाया कि 46% महिलाओं में CMD के लक्षण थे, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा केवल 26% था। यह अंतर इसलिए चिंताजनक है क्योंकि-
- महिलाओं में हार्ट डिजीज के लक्षण पुरुषों से अलग होते हैं, जो अक्सर ज्यादा क्लीयर नहीं होते।
- नॉर्मल टेस्ट, जैसे- ECG या एंजियोग्राफी आदि में यह समस्या पकड़ में नहीं आती।
- डायबिटीज के कारण महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा बिना किसी वॉर्निंग के बढ़ जाता है।
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हार्ट हेल्थ का ध्यान रखने के लिए क्या करना चाहिए?
ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करें
- नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करें।
- HbA1c टेस्ट (3 महीने का औसत शुगर लेवल) 7% से कम रखने की कोशिश करें।
- डॉक्टर की सलाह से दवाएं लें और इंसुलिन का सही इस्तेमाल करें।
हेल्दी डाइट फॉलो करें
- कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) वाली डाइट, जैसे- साबुत अनाज, हरी सब्जियां, दालें और फाइबर से भरपूर फल खाएं।
- सैचुरेटेड फैट और प्रोसेस्ड फूड्स से परहेज करें।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड (अलसी, अखरोट, मछली) दिल के लिए फायदेमंद होता है।
नियमित एक्सरसाइज करें
- 30 मिनट की मॉडरेट एक्टिविटी (तेज चलना, योग, स्विमिंग) हार्ट हेल्थ के लिए जरूरी है।
- वजन कंट्रोल करें, क्योंकि मोटापा डायबिटीज और हार्ट डिजीज दोनों का खतरा बढ़ाता है।
ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल पर नजर रखें
- हाई ब्लड प्रेशर और खराब कोलेस्ट्रॉल दिल की नसों को नुकसान पहुंचाते हैं।
- नमक कम खाएं और डॉक्टर की सलाह से दवाएं लें।
स्ट्रेस कम करें और अच्छी नींद लें
- तनाव ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर, दोनों को बढ़ाता है।
- मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें।
- 7-8 घंटे की नींद लें, क्योंकि नींद की कमी इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाती है।
स्मोकिंग और शराब से दूर रहें
- स्मोकिंग ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाती है।
- अल्कोहल के कारण भी दिल को नुकसान पहुंचता है।
नियमित हार्ट चेकअप करवाएं
- सामान्य ब्लड टेस्ट के अलावा, इकोकार्डियोग्राफी, स्ट्रेस टेस्ट या एडवांस्ड MRI से दिल की छिपी समस्याओं का पता लगाया जा सकता है।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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