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    18 साल बाद जगी महिला के मां बनने की उम्मीद! AI ने खोज निकाले Hidden Sperm, पढ़ें पूरा मामला

    Updated: Sun, 06 Jul 2025 05:21 PM (IST)

    क्या आपने कभी सोचा था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) किसी की जिंदगी में इतनी बड़ी खुशी ला सकता है? जी हां बिल्कुल ऐसा ही हुआ है एक महिला के साथ जिसकी मां बनने की 18 साल पुरानी उम्मीदें AI की मदद से जग उठी हैं। बताया जा रहा है कि यह तकनीक उन लोगों के लिए बेहद मददगार है जो सालों से इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे हैं।

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    AI के जरिए महिला को मिली 'मां' बनने की उम्मीद (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपने कभी सोचा था कि जो सपना 18 सालों से आंखों में पल रहा हो, जो उम्मीद डॉक्टरों ने भी लगभग छोड़ दी हो, उसे एक मशीन पूरा कर सकती है? जी हां, यह कोई कल्पना नहीं, बल्कि हकीकत है! आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने एक महिला की सूनी गोद को भरने की उम्मीद फिर से जगा दी है, एक ऐसा चमत्कार कर दिखाया है जिसकी शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। आइए आपको विस्तार से बताते हैं इस पूरे मामले के बारे में।

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    आखिर क्या था पूरा मामला?

    अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी के फर्टिलिटी सेंटर में एक कपल पिछले 18 वर्षों से बच्चा नहीं होने की समस्या से जूझ रहा था। कई बार IVF (टेस्ट ट्यूब बेबी) की कोशिशें भी नाकाम रही थीं। असली वजह थी एक दुर्लभ पुरुष बांझपन की स्थिति – 'एजोस्पर्मिया'। इसमें पुरुष के सीमन में कोई भी स्पर्म दिखाई नहीं देते। डॉक्टर भी हार मान चुके थे, लेकिन इसी समय AI पर आधारित एक नई तकनीक ने चमत्कार कर दिखाया। इस तकनीक की मदद से डॉक्टरों ने केवल एक घंटे के भीतर तीन जीवित शुक्राणु खोज निकाले। यही तीन शुक्राणु उस महिला की उम्मीद बन गए।

    क्या है ‘स्टार मैथड’ और कैसे करता है काम?

    इस काम के पीछे जो तकनीक है, उसे ‘स्टार मैथड’ कहा जाता है, यानी Sperm Tracking And Recovery Method। यह एक AI संचालित माइक्रोस्कोपिक कैमरा सिस्टम है जो सीमन के नमूने में लाखों चित्रों का विश्लेषण करता है।

    जहां पारंपरिक लैब तकनीशियन दो दिन में भी कोई शुक्राणु नहीं ढूंढ पाए, वहीं इस AI तकनीक ने 80 लाख से भी ज्यादा तस्वीरें लेकर उनमें से 44 स्पर्म खोज लिए। बाद में इनमें से कुछ को एग्ग के साथ मिलाया गया और महिला प्रेग्नेंट हो गई। अब वह महिला इसी साल दिसंबर में अपने बच्चे को जन्म देने वाली हैं।

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    AI से बदल रही है फर्टिलिटी की दुनिया

    फर्टिलिटी ट्रीटमेंट यानी बांझपन का इलाज लंबे समय से चुनौती बना हुआ है, खासकर तब जब समस्या का कारण 'अदृश्य' शुक्राणु हों। AI अब ऐसे मामलों में डॉक्टरों का एक अनमोल सहयोगी बन रहा है। इससे न केवल सफलता की संभावना बढ़ रही है, बल्कि इलाज का समय भी कम हो गया है।

    क्या AI सच में भरोसेमंद है?

    AI को लेकर समाज में मिली-जुली राय है। अमेरिका में हुए एक सर्वे के मुताबिक, 43% लोग मानते हैं कि AI समाज के लिए अच्छा है, जबकि कई लोग इसे नौकरी और निजता के लिए खतरा भी मानते हैं। हालांकि यह भी सच है कि एक साल पहले यही आंकड़ा 38% था, यानी लोगों का भरोसा धीरे-धीरे बढ़ रहा है।

    शहरी क्षेत्रों में 60% और कस्बाई इलाकों में 55% लोग अभी भी AI को लेकर संदेह में हैं। लेकिन जब AI इंसान की सबसे बड़ी खुशियों में से एक- संतान प्राप्ति को संभव बना देता है, तो यह सोचने का विषय है कि तकनीक को सही दिशा में इस्तेमाल किया जाए।

    जब उम्मीदें खत्म होने लगें, तो तकनीक बन सकती है सहारा

    यह कहानी केवल एक महिला या एक परिवार की नहीं है, बल्कि उन लाखों दंपतियों की है जो मां-बाप बनने की आस लगाए बैठे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब सिर्फ तकनीकी सुविधा नहीं, बल्कि एक नई उम्मीद बनकर उभर रही है। जब ट्रेडिशनल इलाज जवाब दे दें, तब AI जैसे इनोवेशन्स से चमत्कार संभव हो सकता है।

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    Source: 

    The University of British Columbia: https://www.med.ubc.ca/news/could-ai-and-lab-grown-sperm-solve-male-infertility/