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    पुरुषों में दोगुना होता है Stomach Cancer का खतरा, इन लक्षणों से करें समय रहते पहचान

    कैंसर एक गंभीर समस्या है जिससे इन दिनों कई लोग प्रभावित है। खासकर भारत में बीते कुछ समय से इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कैंसर कई प्रकार के होते हैं और शरीर के अलग-अलग अंगों को प्रभावित करता है। पेट का कैंसर इन्हीं में से एक है जिससे मामले इन दिनों तेजी से बढ़ रहे हैं। खासकर पुरुषों (Stomach cancer risk in men) में इसका खतरा दोगुना है।

    By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Wed, 11 Dec 2024 03:17 PM (IST)
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    भारत में क्यों बढ़ रहा पेट का कैंसर (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब लोगों के बीच कैंसर के लेकर जागरूकता बढ़ने लगी है। हालांकि, आज भी पेट के कैंसर यानी Stomach Cancer के बारे में कम ही लोग बात करते हैं। बहुत कम लोग ही जानते हैं कि यह भारत में कैंसर के कारण होने वाली मौत का चौथा सबसे आम कारण है, बावजूद इसके पेट के कैंसर को अभी भी कम आंका गया है। पेट हमारे शरीर का यह अंग है, जो हमारे खाने को स्टोर करता है और खाना पचाने में आंत की मदद करता है।

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    ऐसे में पेट का कैंसर की तरह से हमारे स्वास्थ्य और जीवन को प्रभावित करता है। GLOBOCAN 2022 के एक डेटा के मुताबिक, पेट का कैंसर भारत में प्रमुख चिंताओं में से एक है, खासकर पुरुषों (Stomach cancer symptoms in men) में। मृत्यु दर ज्यादा होने की वजह से इसे दुनिया का पांचवां सबसे आम कैंसर माना जाता है। ऐसे में एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ. अरुण कुमार गोयल से जानते हैं भारत में बढ़ते पेट के कैंसर का कारण और इसके लक्षणों के बारे में-

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    क्यों बढ़ रहे पेट के कैंसर के मामले?

    डॉक्टर बताते हैं कि यह कैंसर लाइफस्टाइल, खानपान की आदतों में बदलाव और तंबाकू और शराब जैसे कार्सिनोजेन के कारण शहरी क्षेत्रों में ज्यादा देखने को मिलती है। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में निदान और इलाज तक आसान पहुंच की कमी होने की वजह से बीमारी और गंभीर हो जाती है।

    दुनिया भर में अकेले एशिया में ही पेट के कैंसर के 70% से ज्यादा मामले हैं और भारत में बड़ी आबादी और बदलते रिस्क फैक्टर्स के कारण यह ज्यादा आम है। ऐसे में इससे बचाव के लिए खाने की आदतों में सुधार, नमक और प्रोसेस्ड फूड में कमी करना और हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इन्फेक्शन को कंट्रोल करना जरूरी है।

    पेट का कैंसर इतना खतरनाक क्यों है?

    पेट के कैंसर चिंता का विषय इसलिए माना जाता है, क्योंकि इसमें होने वाला ट्यूमर स्वाभाविक रूप से तेजी से बढ़ता है और अत्यधिक घातक होता हैंं। इसके अलावा, पेट के कैंसर के लक्षण बहुत अस्पष्ट और कभी-कभी भ्रामक हो सकते हैं। ऐसे में निम्न लक्षण नजर आने पर इसे इग्नोर करने की गलती न करें-

    • एसिडिटी और पेट दर्द
    • कम हीमोग्लोबिन स्तर
    • तेजी से वजन कम होना
    • भूख में कम लगना

    रिस्क फैक्ट क्या हैं?

    पेट के ज्यादातर कैंसर खराब जीवनशैली से जुड़े हुए हैं। इसके कुछ परिवर्तनीय और गैर-परिवर्तनीय रिस्क फैक्टर्स इस प्रकार हैं -

    परिवर्तनीय जोखिम कारक -

    • डाइट- अच्छी सेहत के लिए डाइट एक जरूरी भूमिका होती है। ऐसे में अनहेल्दी और खानपान से जुड़ी आदतें पेट के कैंसर का कारण बन सकती है।
    • फल और सब्जियां- कई अध्ययनों से संकेत मिला है कि कम मात्रा में फलों और सब्जियों को खाने से पेट के कैंसर के विकास का खतरा बढ़ता है।
    • ज्यादा नमक खाना- बहुत ज्यादा नमक खाने से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन यह कम ज्ञात तथ्य है कि यह पेट के कैंसर के खतरे को भी बढ़ाता है। ज्यादातर नमक का सेवन अचार, मसालेदार सब्जियां, ब्रेड, अनाज, रेडीमेड फूड्स, मसालेदार मछली और मीट जैसे फूड्स के जरिए किया जाता है।
    • रेड और प्रोसेस्ड मीट- दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे वाले लोग आमतौर पर हाई कोलेस्ट्रॉल कंटेंट के कारण सीमित मात्रा में रेड मीट खाते हैं, लेकिन रेड और प्रोसेस्ड मीट भी पेट के कैंसर के खतरे से जुड़ा होता है।
    • स्मोक्ड फूड और स्मोकिंग- खाने को स्मोक करने से कार्सिनोजेनिक कपाउंड निकलते हैं, जो कैंसर का कारण बनने वाले केमिकल होते हैं। ऐसे लगातार इस तरह का खाना खाने से न सिर्फ पेट के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, बल्कि जीआई ट्रैक्ट के बाकी हिस्सों में भी कैंसर हो जाता है।
    • स्मोकिंग और ड्रिंकिंग- किसी भी रूप में तंबाकू (धूम्रपान या तंबाकू खाना) को पेट के कैंसर के बढ़ते खतरे से जोड़ा गया है। स्मोकिंग न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों को पेट के कैंसर का खतरा भी 3 गुना होता है। जैसे ही पेट एसिड छोड़ता है, एक एसिडिक वातावरण बनाता है, ऐसे में ज्यादा शराब पीने से (जो एसिडिक भी होता है) पेट की लाइनिंग को नुकसान पहुंचाता है, जिससे पेट के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
    • कुछ कंडीशन और कमी- पेट में सूजन, विटामिन बी-12 की कमी के कारण गंभीर एनीमिया, पॉलीप्स, मोटापा, एच-पाइलोरी बैक्टीरिया से इन्फेक्शन (अगर इलाज न किया जाए) भी पेट के कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं।

    गैर-परिवर्तनीय जोखिम कारक

    • आयु - विभिन्न रिपोर्ट्स से पता चला है कि बढ़ती उम्र, विशेषकर 75 साल से ज्यादा, पेट के कैंसर का खतरा बढ़ाती है।
    • लिंग - ग्लोबैकन 2020 के आंकड़ों से पता चलता है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में यह बीमारी होने की संभावना दोगुनी है। 2018 के बाद से, पुरुषों में पेट का कैंसर तीसरा सबसे आम कैंसर है।
    • जेनेटिक कारण - पेट के कैंसर का पारिवारिक इतिहास, ब्लड ग्रुप- ए या विरासत में मिली कंडीशन जैसे ली-फ्राउमेनी सिंड्रोम और फैमिलियल एडिनोमेटस पॉलीपोसिस (एफएपी) पेट के कैंसर के हाई रिस्क से जुड़े हैं।

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