सोते-सोते अचानक क्यों होता है गिरने का एहसास? डॉक्टर ने समझाया इसका साइंस
क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है? आप बिस्तर पर लेटे हैं, बस सोने ही वाले हैं और अचानक- धड़ाम! आपके शरीर को एक जोरदार झटका लगता है। आपको ऐसा महसूस होता है ज ...और पढ़ें

क्या आपको भी नींद में महसूस होता है 'गिरने' का झटका? (Image Source: AI-Generated)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपने कभी सोते-सोते ऐसा महसूस किया है कि आप अचानक गिर रहे हैं और फिर झटके से आपकी नींद खुल जाती है? यह एहसास जितना अजीब लगता है, उतना ही दिलचस्प वैज्ञानिक कारण भी इसके पीछे छिपा है। जी हां, इंग्लैंड के ब्रैडफोर्ड में नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) से जुड़े जनरल प्रैक्टिशनर डॉ. आमिर खान के मुताबिक, इस घटना को हाइपनिक जर्क कहा जाता है और लगभग हर व्यक्ति इसे अपनी जिंदगी में कई बार अनुभव करता है।

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क्या है हाइपनिक जर्क?
जब आप नींद में डूबने लगते हैं, आपका शरीर और मांसपेशियां धीरे-धीरे ढीली होने लगती हैं। इसी दौरान कभी-कभी दिमाग इस ढीलापन को 'गिरने' के संकेत के रूप में गलत समझ लेता है। यानी आपका शरीर सामान्य रूप से नींद में जा रहा होता है, लेकिन दिमाग को लगता है कि कुछ गलत हो रहा है और वह आपको बचाने की कोशिश करता है।
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दिमाग क्यों भेजता है अचानक झटका?
दिमाग इस ‘गिरने’ के झूठे अलार्म पर तुरंत शरीर को एक तेज संकेत भेजता है, ताकि आप खुद को 'संभाल' सकें। इसका परिणाम होता है- एक अचानक झटका, एक हरकत, या अचानक नींद टूट जाना। यह सब कुछ सेकंड के हिस्से में होता है।
क्या यह हमारे पूर्वजों की आदत है?
कई वैज्ञानिकों का मानना है कि यह झटका हमारी प्राचीन प्रवृत्तियों से जुड़ा है। जब इंसान पेड़ों पर सोया करते थे, तो जरा-सा भी संतुलन बिगड़ना खतरनाक हो सकता था। ऐसे में शरीर का अचानक झटका शायद गिरने से बचाने वाला सुरक्षा तंत्र था। समय के साथ यह आदत हमारे अंदर बनी रही, भले ही हम अब पेड़ों पर नहीं सोते।

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क्या यह हानिकारक है?
हाइपनिक जर्क पूरी तरह सामान्य और सुरक्षित है। यह किसी बीमारी का संकेत नहीं है और न ही किसी गंभीर समस्या से जुड़ा होता है। बल्कि, यह शरीर का एक छोटा-सा रिफ्लेक्स है- जैसे आंख पर पड़ने वाली रोशनी पर पलकें झपकना।
कब होता है ज्यादा?
हालांकि, यह किसी को भी हो सकता है, लेकिन कुछ स्थितियां इसे ज्यादा सामान्य बना देती हैं-
- जरूरत से ज्यादा स्ट्रेस
- बहुत थकान
- रात में कैफीन का इनटेक
- बेचैनी या लगातार भागदौड़ वाला दिन
इन परिस्थितियों में दिमाग ज्यादा एक्टिव रहता है, जिससे नींद में जाते समय वह शरीर की ढील को जल्दी 'अलार्म' मान लेता है।
जब अगली बार ऐसा हो, तो घबराएं नहीं
अगर यह झटका आपको कभी भी परेशान करे, तो एक बात याद रखें- यह पूरी तरह नॉर्मल हैं। आपका शरीर बस एक पुरानी आदत निभा रहा है और दिमाग अपनी 'ज्यादा एक्टिव' रहने वाली हैबिट फॉलो कर रहा है। नींद में यह छोटा-सा झटका अजीब जरूर लग सकता है, लेकिन यह बिल्कुल भी हानिकारक नहीं है। बस यह आपके दिमाग की दिलचस्प हरकतों में से एक है।

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