2 साल से छोटे बच्चों की डाइट में क्यों नहीं शामिल करनी चाहिए Artificial Sugar? डॉक्टर ने समझाया 'फंडा'
क्या आप भी अपने नन्हे-मुन्ने को मीठी चीजें खिलाते हैं? अगर हां तो यह आर्टिकल आपके लिए है। अक्सर माता-पिता को लगता है कि बच्चों को थोड़ी-बहुत मिठाई या चॉकलेट देने से कोई नुकसान नहीं होगा लेकिन यह एक बड़ी गलतफहमी है। डॉक्टर के अनुसार 2 साल से कम उम्र के बच्चों को Artificial Sugar बिल्कुल नहीं देनी चाहिए। आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हम अक्सर प्यार से बच्चों को बिस्किट, जूस या दूध में थोड़ी चीनी मिलाकर देते हैं, यह सोचकर कि इससे क्या ही फर्क पड़ेगा, लेकिन यही छोटी-सी आदत आपके बच्चे के भविष्य को खतरे में डाल सकती है। डॉक्टर माधवी भारद्वाज एक इंस्टाग्राम रील के जरिए चेतावनी दी रही हैं कि 2 साल से छोटे बच्चों की डाइट में आर्टिफिशियल शुगर शामिल करना उनकी सेहत के लिए सबसे बड़ी भूल है। आइए, विस्तार से जानते हैं इस बारे में।
बच्चों के लिए क्यों नुकसानदायक है चीनी?
स्वाद की आदत और पोषण की कमी
डॉक्टर का कहना है कि अगर बच्चों को शुरुआत में ही मीठे का स्वाद लग जाए, तो वे बाकी पोषक तत्वों से भरपूर, लेकिन कम मीठी चीजें जैसे दाल, सब्जियां, फल और दही खाना पसंद नहीं करते। मीठे की लत के कारण उनकी खाने की आदतें बिगड़ जाती हैं और उन्हें सही पोषण नहीं मिल पाता, जिसका सीधा असर उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है।
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दिमागी विकास पर बुरा असर
क्या आप जानते हैं कि बच्चों का दिमाग 2 साल की उम्र तक सबसे तेजी से विकसित होता है? हाल ही में हुए कई शोध में यह बात सामने आई है कि ज्यादा चीनी खाने से बच्चों की मेमोरी, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और सीखने की शक्ति कम हो सकती है। आसान शब्दों में कहें तो, चीनी आपके बच्चे को जीनियस बनने से रोक सकती है।
मोटापे और बीमारियों का खतरा
आजकल बच्चों में मोटापा एक बड़ी समस्या बन गया है, और इसका एक मुख्य कारण है अतिरिक्त चीनी का सेवन। चीनी में खाली कैलोरी (Empty Calories) होती है, जिससे वजन तो बढ़ता है, लेकिन शरीर को कोई पोषण नहीं मिलता। डॉक्टर बताते हैं कि बचपन में ज्यादा चीनी खाने से भविष्य में उन्हें कई गंभीर बीमारियां जैसे टाइप-2 डायबिटीज, दिल की बीमारियां और लिवर से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
पाचन तंत्र और किडनी पर बोझ
बच्चों का पाचन तंत्र और किडनी अभी पूरी तरह से विकसित नहीं होते। ऐसे में, जब उन्हें आर्टिफिशियल शुगर दी जाती है, तो यह उनके छोटे से शरीर पर एक अतिरिक्त बोझ डालती है। इससे अपच, पेट में दर्द और किडनी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। कई मामलों में, चीनी के कारण बच्चों में हाइपरएक्टिविटी (जरूरत से ज्यादा फुर्ती और चिड़चिड़ापन) भी देखी गई है।
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