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    क्यों 25 की उम्र में ही होने लगी हैं 50 वाली बीमारियां? एक्सपर्ट ने बताई वजह और बचाव के तरीके

    आज की लाइफस्टाइल हमें जितनी सुविधाएं दे रही है, उतने ही 'साइलेंट खतरे' भी साथ ला रही है। जी हां, कुछ दशक पहले तक जो बीमारियां 50 की उम्र के बाद होती थीं, वे अब 25-30 साल के युवाओं में भी दिखाई देने लगी हैं। डायबिटीज, हाई बीपी, मोटापा और हार्ट डिजीज जैसे Chronic Lifestyle Diseases अब सिर्फ बुजुर्गों ही नहीं, बल्कि युवाओं के लिए भी समस्या बन चुकी हैं।

    By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Tue, 24 Jun 2025 03:20 PM (IST)
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    युवाओं को जकड़ रहीं लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां (Image Source: Freepik) 

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आजकल यह देखना आम हो गया है कि जवानी में ही लोगों को ऐसी बीमारियां घेर रही हैं जो कभी 50 की उम्र के बाद ही दिखती थीं। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, और हार्ट डिजीज जैसी समस्याएं अब 25-30 साल के युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही हैं। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है (Early Age Health Problems)? इस बारे में जानने के लिए हमने डॉ. अपराजिता प्रधान (सीनियर कंसल्टेंट और यूनिट हेड - एंडोक्रिनोलॉजी और डायबिटीज विभाग, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, द्वारका) से खास बात की है। आइए जानते हैं (Expert Health Tips)।

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    early age health problems

    बैठे-बैठे बीमार हो रहा है शरीर

    एक्सपर्ट का कहना है कि आज का युवा दिनभर लैपटॉप, मोबाइल और ऑफिस डेस्क पर बैठा रहता है, जिससे उसकी फिजिकल एक्टिविटीज बेहद कम हो गई हैं। इसके अलावा, लोगों के पास एक्सरसाइज करने का समय नहीं है और चलने-फिरने की आदत खत्म होती जा रही है। वहीं, घंटों का स्क्रीन टाइम भी शरीर को धीरे-धीरे अंदर से कमजोर कर रहा है।

    फास्ट फूड बना धीमा जहर

    ज्यादातर युवा आज के समय में पैकेज्ड फूड, जंक फूड और हाई शुगर ड्रिंक्स पर निर्भर हो गए हैं। घर का खाना छोड़कर बाहर के खाने को प्राथमिकता देना अब आम हो चला है। इससे शरीर में फैट, शुगर और खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, जो डायबिटीज और दिल की बीमारियों की जड़ बनता है।

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    छिपा हुआ दुश्मन है मेंटल स्ट्रेस

    कॉलेज में टॉप करना हो या करियर में जल्दी आगे बढ़ने की दौड़, हर युवा किसी न किसी दबाव में है। इसके ऊपर पारिवारिक जिम्मेदारियां, सोशल मीडिया का प्रेशर और फ्यूचर की चिंता मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डालते हैं। यह तनाव धीरे-धीरे नींद की कमी, इमोशनल ईटिंग और हार्मोनल असंतुलन में बदलता है, जो बीमारियों को न्यौता देता है।

    नशे की बढ़ती लत

    कुछ युवाओं में स्मोकिंग, शराब और नशे की आदतें भी गंभीर हेल्थ इशूज को जन्म दे रही हैं। यह आदतें शरीर के अंदरूनी सिस्टम को प्रभावित करती हैं और लंबे समय में हार्ट, लिवर और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाती हैं।

    समय पर टेस्ट कराना है जरूरी

    अक्सर युवाओं को लगता है कि “अभी तो हम जवान हैं, हमें क्या होगा?” यही सोच उन्हें रेगुलर हेल्थ चेकअप से दूर रखती है। नतीजतन, जब बीमारी का पता चलता है, तब तक वह शरीर में काफी असर कर चुकी होती है।

    क्या असर पड़ रहा है इन बीमारियों का?

    • क्वालिटी ऑफ लाइफ गिर रही है: थकान, चिड़चिड़ापन, नींद की कमी और आत्मविश्वास में गिरावट आम हो चुकी है।
    • वर्कप्लेस पर परफॉर्मेंस प्रभावित: बीमारियां करियर ग्रोथ को रोकती हैं।
    • फ्यूचर हेल्थ रिस्क बढ़ते हैं: कम उम्र में शुरू हुई बीमारियां जल्दी जटिल रूप ले सकती हैं।

    कैसे बचें इन बीमारियों से?

    • रेगुलर एक्सरसाइज करें – दिन में कम से कम 30 मिनट की एक्टिविटी जरूरी है।
    • बैलेंस डाइट लें – फल, सब्जियां, प्रोटीन और फाइबर को डाइट में शामिल करें
    • स्ट्रेस को पहचानें और संभालें – मेडिटेशन, योग और अच्छी नींद इसमें मददगार है।
    • हेल्थ चेकअप करवाएं – साल में कम से कम एक बार ब्लड प्रेशर, शुगर, कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं।
    • नशे से दूरी बनाएं – यह सिर्फ आपकी नहीं, आपके परिवार की भी सेहत पर असर डालता है।

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