शराब के एक पेग को सेफ मानकर आप भी कर रहे हैं चिल, तो जरूर पढ़ें WHO की यह नई स्टडी
शराब हर तरीके से सेहत को नुकसान पहुंचाती है। हालांकि कई लोग यह मानते हैं कि थोड़ी मात्रा में इसे पीना सेहत के लिए हानिकारक नहीं है। अगर आप भी इन्हीं लोगों में से हैं तो WHO की यह ताजा स्टडी (Who Cancer Study 2025) जरूर पढ़ें। हाल ही में हुए इस एक अध्ययन में शराब पीने और पैंक्रियाटिक कैंसर के बढ़ते खतरे के बीच सीधा संबंध पाया गया है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। शराब इन दिनों कई लोगों की लाइफस्टाइल का हिस्सा बन चुका है। स्ट्रेस हो या खुशी, बर्थडे हो या कोई और पार्टी शराब हर मौके पर लोगों की साथी बन जाती है। हालांकि, कुछ पल खुशी देने वाली यह शराब आपकी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। इसकी थोड़ी-सी मात्रा भी सेहत पर बुरा असर डालती है।
अब हाल ही में इसे लेकर एक नई स्टडी भी सामने आई है। इस नए अध्ययन में शराब पीने और पैनक्रियाटिक (Pancreatic Cancer From Alcohol) कैंसर के बढ़ते जोखिम के बीच सीधा संबंध पाया गया है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेजाइजेशन (WHO) की कैंसर (Who Alcohol Consumption Report) पर शोध के लिए अंतरर्राष्ट्रीय एजेंसी (IARC) द्वारा किए गए इस अध्ययन में एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के लगभग 2.5 मिलियन व्यक्तियों के डेटा का विश्लेषण किया गया। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-
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क्या कहती है स्टडी
इस स्टडी में पता चला कि शराब पीने से पैनक्रियाटिक कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। भले ही शराब पीने वाला पुरुष हो या महिला और वह किसी भी मात्रा में इसे पी रहा हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। मीडियम मात्रा में शराब पीने से भी जोखिम बढ़ जाता है। अध्ययन से पता चला है कि रोजाना लगभग 10 ग्राम शराब (एक स्टैंडर्ड ड्रिंक) पीने से भी पैनक्रियाटिक कैंसर का जोखिम 3% बढ़ जाता है। स्टडी में यह भी पता चला कि-
- जो महिलाएं प्रतिदिन 15-30 ग्राम शराब पीती हैं (लगभग 1-2 ड्रिंक) उनमें इसका 12% ज्यादा जोखिम होता है।
- जो पुरुष प्रतिदिन 30-60 ग्राम शराब पीते हैं, उनके जोखिम में 15% की बढ़ोतरी देखी गई।
- वहीं, रोजाना 60 ग्राम से ज्यादा शराब पीने वाले पुरुषों में इसका जोखिम 36% बढ़ गया।
जानलेवा हैं पैंक्रियाटिक कैंसर
पैंक्रियाटिक कैंसर दुनिया भर में मौजूद कैंसर के सबसे घातक रूपों में से एक है, जिसके लक्षण अक्सर देर से नजर आते हैं। यही वजह है कि इस कैंसर की पहचान करने में भी कई बार देर हो जाती है। हालांकि, यह दुनिया भर में कैंसर के मामलों में बारहवें स्थान पर है, लेकिन यह सभी कैंसर से होने वाली मौतों का लगभग 5% है।
किसी भी मात्रा में सुरक्षित नहीं है शराब
अध्ययन के अनुसार, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और पूर्वी एशिया में दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में पैंक्रियाटिक कैंसर की दर पांच गुना अधिक है। इस स्टडी से जुड़े लेखक पिएत्रो फेरारी के मुताबित यह ऐतिहासिक अध्ययन इस बात के बढ़ते प्रमाण को पुष्ट करता है कि शराब कोई भी मात्रा में सुरक्षित नहीं है। जबकि कई लोग सोशली शराब पीते हैं, यह शोध शराब पीने से जुड़े कैंसर के जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी जरूरी साबित होता है।
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Source:
- IARC: https://www.iarc.who.int/wp-content/uploads/2025/05/pr366_E.pdf
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