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    क्या है स्लीप एंग्जाइटी, जिसमें सोने से भी लगता है डर; इन तरीकों से कर सकते हैं इसे मैनेज

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 06:39 PM (IST)

    कई लोगों को नींद न आने की बात से ही एंग्जाइटी होने लगती है और यह समस्या बढ़कर स्लीप एंग्जाइटी का रूप ले लेती है। इसमें ट्रीटमेंट के साथ-साथ लाइफस्टाइल में भी बदलाव के तरीके अपनाए जाते हैं। आज इस आर्टिकल में हम इन्हीं तरीकों के बारे में जानेंगे जो स्लीप एंग्जाइटी को मैनेज करने में मदद करेंगे।

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    स्लीप एंग्जाइटी को दूर करने के आसान उपाय (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। स्लीप एंग्जाइटी एक ऐसी समस्या है, जिसमें सोने जाने या उसके बारे में सोचने पर डर लगता है। दरअसल सोने से जुड़ी समस्या और मेंटल हेल्थ का काफी गहरा नाता है। अगर किसी को एंग्जाइटी की परेशानी है तो उनमें स्लीप डिसऑर्डर पाए जाने की आशंका ज्यादा होती है। आखिर यह समस्या क्या है, इसके लक्षण क्या हैं और इसे कैसे मैनेज किया जा सकता है, हम इस आर्टिकल में जानेंगे।

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    स्लीप एंग्जाइटी के ये हैं लक्षण

    • सोने जाने से पहले अगले दिन किए जाने वाले कामों की चिंता करना।
    • उन कामों का डर सताना जो उन्होंने एक दिन पहले पूरे नहीं किए हैं।
    • इस बात का तनाव होना कि क्या उन्हें अच्छी नींद आएगी।
    • बार-बार घड़ी की तरफ देखना और परेशान होना कि आखिर उन्हें नींद आने में और कितना वक्त लगेगा।
    • इस बारे में सोचना कि आखिर उन्हें नींद क्यों नहीं आ रही।
    • नींद न आने के बारे में सोचकर बिस्तर पर जाने से डर लगना।

    किस तरह दूर कर सकते हैं यह समस्या

    अपने सोने की आदतों में बदलाव करके आप अपनी नींद को बेहतर बना सकते हैं। इस तरह आपको सोने जाने से पहले घबराहट या एंग्जाइटी का अनुभव कम होगा:

    • दिन के समय नैप लेने से बचें।
    • सोने का एक सुकूनभरा माहौल बनाएं।
    • सोने-जगने का एक ही समय तय करें।
    • अपने बेडरूम से जितना हो सके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को दूर रखें और सोने के एक घंटे पहले से ही फोन का इस्तेमाल करने से बचें।
    • शाम के समय हैवी मील, कैफीन और अल्कोहल लेने से बचें

    एंग्जाइटी और स्लीप डिसऑर्डर का उपचार

    • एंग्जाइटी: स्लीप एंग्जाइटी को दूर करने के लिए सबसे पहले यह देखना जरूरी होता है कि कहीं इसका संबंध किसी मानसिक समस्या से तो नहीं। अगर कोई एंग्जाइटी की समस्या से गुजर रहा है तो सबसे पहले साइकोथैरेपी कराने की सलाह दी जाती हे। इसके साथ ही एंग्जाइटी को मैनेज करने के लिए दवाएं भी दी जाती हैं।
    • स्लीप ट्रीटमेंट: अगर किसी को नींद से जुड़ी परेशानी इन्सोम्निया या अनिद्रा है तो स्लीप एंग्जाइटी का इलाज करने के लिए स्लीप डिसऑर्डर का ट्रीटमेंट किया जाता है। इसमें साइकोथैरेपी के साथ-साथ लाइफस्टाइल में भी बदलाव करने जैसे सुझाव दिए जाते हैं।

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