सावधान! अगर गोली निगलने में फंसती है, तो हो सकती है ये गंभीर समस्या; जानें इसके लक्षण
कैप्सूल या टेबलेट जब खाने की नली या एसोफैगस में फंस कर उसे डैमेज करे तो उसे पिल एसोफैगिटिस कहते हैं। ऐसा खाने की नली में टेबलेट अटकने से ऐसा होता है। कुछ खास प्रकार की दवाएं इसका कारण हो सकती हैं। आइए जानते हैं क्या है ये परेशानी और कैसे हो सकती है ठीक।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। काफी लोगों को हर दिन कोई न कोई कैप्सूल या टेबलेट लेनी होती है। जिन लोगों को टेबलेट या कैप्सूल लेने के तुरंत बाद ही सीने में तेज दर्द या जलन महसूस हो तो उन्हें पिल एसोफैगिटिस हो सकता है। खाने की नली में टेबलेट के अटकने की स्थिति में ऐसा होता है। यह समस्या क्या है, इसके क्या खतरे और लक्षण हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है, इस आर्टिकल में जानते हैं।
क्यों होता है ऐसा?
भले ही लोग खाने को आराम से चबाकर निगल लेते हों, कई लोगों को साइकोलॉजिकली और फिजिकली टेबलेट निगलने में परेशानी होती है। दरअसल, खाने की नली से होते हुए खाना, फ्लूइड और दवाएं पेट तक जाती हैं। यह मांसपेशियों का एक स्ट्रक्चर होता है और कई बार इतना नहीं फैल पाता कि उससे टेबलेट पास हो सके। टेबलेट या कैप्सूल का साइज, शेप और उसका टेक्सचर उसे निगलना मुश्किल बना देते हैं। ऐसा डर, तनाव, एंजाइटी या किसी बीमारी की वजह से हो सकता है।
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पिल एसोफैगिटिस का सबसे बड़ा खतरा क्या है?
यदि आपने कभी बिना पानी के टेबलेट लेने की कोशिश की या पर्याप्त पानी नहीं पी पाए या फिर आपको कम स्लाइवा की वजह से ड्राई माउथ की समस्या आई तो आपको पिल एसोफैगिटिस का खतरा हो सकता है। इसके
अन्य खतरे इस प्रकार हैं:
- सोने से पहले दवाई लेना: रात के समय कम मात्रा में स्लाइवा या लार बनती है।
- कुछ खास दवाएं: इसमें कई तरह की एंटीबायोटिक, आयरन और पोटेशियम के सप्लीमेंट, ऑस्टियोपोरोसिस की दवाइयां और कीमोथैरेपी की दवाइयों के अलावा कुछ पेन किलर शामिल हैं।
किन्हें ज्यादा होता है
पुरुषों की तुलना में महिलाओं को पिल एसोफैगिटिस का खतरा ज्यादा होता है। बुजुर्गों को भी यह समस्या हो सकती है, क्योंकि उनमें स्लाइवा कम बनता है या उन्हें ड्राई माउथ की समस्या ज्यादा होती है।
ये होते हैं लक्षण
निगलने के दौरान दर्द महसूस होना
सीने और पीठ में दर्द
ठोस या लिक्विड चीजें निगलने में परेशानी
गंभीर स्थिति में उल्टी या स्टूल में ब्लड का आना
कितने दिनों तक बनी रहती है यह समस्या
आमतौर पर यह समस्या कुछ दिनों या हफ्तों में ठीक हो जाती है। कई लोगों में गंभीर स्थिति होने पर अल्सर, ब्लीडिंग या जख्म की वजह से सर्जिकल ट्रीटमेंट भी करनी पड़ती है।
इससे कैसे बचें
सभी दवाइयां आपको खड़े होकर या सीधे बैठकर लेनी चाहिए
टेबलेट या कैप्सूल को कम से कम एक ग्लास पानी के साथ लें
दवाइयां लेने के बाद कम से कम 10 मिनट तक सीधे बैठें या खड़े रहें
जिन लोगों को खाने की नली की बीमारी है तो लिक्विड या क्रश की गई दवाइयां ले सकते हैं
हमेशा नहीं बनी रहती है यह समस्या
सबसे अच्छी बात है कि एसोफैगिटिस की समस्या अपने आप चली जाती है। कुछ मामले में उस दवा को बंद कर देने से समस्या दूर हो जाती है, जिसे लेने से ऐसा हुआ था। ऐसा कभी कभार ही होता है कि यह क्रॉनिक समस्या बने और आपको लंबे समय तक इलाज कराना पड़े।
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