पेट या कमर में महसूस होती है गांठ? हर्निया का हो सकता है संकेत, भूलकर भी न करें अनदेखा
खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण लोगों को कई बीमारियाें का सामना करना पड़ रहा है। आज के समय में हर्निया एक आम समस्या बन चुकी है। पेट की मसल्स कमजोर होने पर यह दिक्कत होती है जिसमें भयंकर दर्द होता है। ज्यादातर हर्निया पेट या कमर में होते हैं जिसका इलाज सर्जरी है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के कारण लोगों को कई तरह की बीमारियां अपने चपेट में ले रही हैं। वहीं वर्कआउट की कमी से भी कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। आज के समय में हर्निया में एक आम समस्या बन चुकी है। जब हमारे पेट की मसल्स कमजोर हो जाती हैं, तो ये दिक्कत देखने को मिलती है। ये दिक्कत होने पर लोगों को भयंकर दर्द का सामना करना पड़ता है।
आज का हमारा लेख भी इसी विषय पर है। हम आपसे हर्निया से जुड़ी हर एक जानकारी शेयर करने जा रहे हैं। आइए जानते हैं विस्तार से -
क्या है हर्निया?
क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, हर्निया तब होता है जब आपके शरीर का कोई हिस्सा (जैसे आंत या कोई और अंग) मसल्स या टिशू की कमजोर जगह से बाहर की तरफ निकल आता है। ज्यादातर हर्निया पेट या कमर में होते हैं। कई बार ये एक उभरे हुए गांठ जैसे नजर आते हैं, जो कभी आता है और कभी गायब हो जाता है। ये दर्द आपको परेशान भी कर सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि कोई लक्षण न भी दिखे। इसका इलाज सर्जरी ही है।
कहां-कहां हो सकता है हर्निया?
- सीने के नीचे वाले हिस्से में डायफ्राम के पास।
- कमर/ग्रोइन में, निचली पेट की दीवार से।
- पेट के बीच वाले हिस्से (midline) पर।
- पुराने ऑपरेशन के निशान (incision) वाली जगह से।
कितने तरह के होते हैं हर्निया?
- इंग्वाइनल हर्निया- सबसे आम, लगभग 75% केस। ये ज्यादातर पुरुषों में होता है। इसमें बॉवेल का हिस्सा इंग्वाइनल कैनाल में निकल आता है।
- फीमोरल हर्निया- ये ज्यादातर औरतों में हाेता है। ये फीमोरल कैनाल से निकलता है।
- हाइटल हर्निया- इसमें पेट का ऊपरी हिस्सा डायफ्राम के छेद से ऊपर की ओर निकलकर सीने में आ जाता है।
- कन्जेनिटल डायफ्रामैटिक हर्निया- ये दिक्कत जन्म से ही जुड़ी होती है। इसमें डायफ्राम पूरी तरह से बंद नहीं होता और पेट के अंग ऊपर सीने में चले जाते हैं।
- इंसीजनल हर्निया- पुरानी सर्जरी की जगह कमजोर पड़ने से वहां से टिशू बाहर आ जाते हैं।
- अम्बिलिकल हर्निया- ये नाभि के पास होता है। अक्सर जन्म से मौजूद रहता है।
- वेंट्रल हर्निया- पेट की सामने वाली दीवार पर किसी भी हिस्से में हो सकता है। इसमें अम्बिलिकल और इंसीजनल हर्निया भी शामिल हैं।
- पेरिनियल हर्निया- जब पेल्विक फ्लोर (pelvic floor) की कमजोरी से अंग बाहर आ जाएं तो इसे पेरिनियल हर्निया करते हैं।
हर्निया कितना गंभीर है?
ज्यादातर हर्निया तुरंत खतरनाक नहीं होते हैं, लेकिन समय के साथ इनकी स्थिति गंभीर हो सकती है। अगर हर्निया फंस जाए (अंदर वापस न जाए) तो खतरनाक हो जाता है। इसमें खून की सप्लाई रुक सकती है और टिशू मर सकते हैं। इसलिए ज्यादातर हर्निया का इलाज सर्जरी से ही करना पड़ता है।
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हर्निया के लक्षण
आपको बता दें कि हर हर्निया लक्षण नहीं दिखाता है। सबसे आम लक्षण है एक सूजन या गांठ, जो खड़े होने, झुकने, जोर लगाने या खांसने पर बाहर आती है और आराम करने पर चली जाती है। कई बार दबाव, हल्का दर्द या चुभन भी महसूस हो सकता है। हाइटल हर्निया में अक्सर एसिडिटी और सीने में जलन होती है।
हर्निया दिखता और लगता कैसा है?
ज्यादातर मामलों में ये पेट या जांघ के ऊपर एक उभरी हुई गांठ जैसा लगता है। ये हर समय नहीं दिखार्द देता है, कभी-कभार ही नजर आता है। हर्निया बाहर आने पर दबाव, दर्द या खिंचाव जैसा महसूस हो सकता है।
हर्निया के पहले संकेत
- झुकने, वजन उठाने या जारे लगाने पर गांठ निकलना।
- बच्चों में रोने या टॉयलेट करते समय गांठ दिखना।
महिलाओं और पुरुषों में लक्षण
आमतौर पर दोनों में लक्षण एक तरह से होते हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि पुरुषों में ये कभी-कभी टेस्टिकल तक सूजन हो सकता है। फीमोरल हर्निया औरतों में ज्यादा होता है और कई बार सिर्फ कमर दर्द देता है।
हर्निया क्यों होता है?
मसल्स या टिशू की कमजोरी की वजह से अंग बाहर आ जाते हैं। ये कमजोरी जन्म से भी हो सकती है या उम्र के साथ धीरे-धीरे बन सकती है। बार-बार जोरर लगाने, चोट या सर्जरी से भी ये हो सकता है।
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Source-
- https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/15757-hernia
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