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    स्ट्रेस कम करने में काफी मददगार साबित हो सकती है आर्ट थेरेपी, बेचैन मन को मिलती है शांति

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 02:31 PM (IST)

    क्या आप जानते हैं आर्ट भी आपके दिमाग को शांत करने और भावनाओं को जाहिर करने में मदद कर सकती है? जी हां, इसे आर्ट थेरेपी (Art Therapy) कहते हैं, जो स्ट्रेस और एंग्जायटी से राहत दिलाने में काफी मदद करती है। आज की जिंदगी में जहां तनाव हमारा साथी बन चुका है, आर्ट थेरेपी काफी कारगर साबित हो सकती है। 

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    माइंड को शांत करने में मदद करती है आर्ट (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। तेजी से भागती इस जिंदगी में स्ट्रेस लगभग हर किसी की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। कुछ लोग इसे मैनेज करने के लिए मेडिटेशन या योग का सहारा लेते हैं, तो कुछ लोग अपनी क्रिएटिविटी में सुकून ढूंढते हैं। बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा भी उन्हीं में से एक हैं, जिनके लिए पेंटिंग सिर्फ एक शौक नहीं, बल्कि एक तरह की थेरेपी (Art Therapy) है।

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    जी हां, एक इंटरव्यू में सोनाक्षी ने बताया कि जब भी वह उदास होती थीं, तो पेंटिंग करने लगती थीं। पेंटिंग करने से उनका दिमाग पूरी तरह शांत हो जाता था (Art Therapy Benefits)। उन्हें ऐसा लगता था जैसे मैं किसी और दुनिया में पहुंच गई हूं। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि अपने पति से मिलने के बाद उन्होंने पेंटिंग करना छोड़ दिया, लेकिन उनके पति जहीर इकबाल उन्हें बार-बार याद दिलाते हैं कि उन्हें फिर से ब्रश उठाना चाहिए, क्योंकि यही उनकी असली थेरेपी है।

    क्या है आर्ट थेरेपी?

    आर्ट थेरेपी एक ऐसी थेरेप्यूटिक प्रोसेस है, जिसमें कला का इस्तेमाल भावनाओं को जाहिर करने और समझने के लिए किया जाता है। यह केवल कलाकारों के लिए नहीं होती। यहां फोकस आर्ट की परफेक्शन पर नहीं, बल्कि उसे बनाने की प्रक्रिया पर होता है। यानी चाहे आप रंगों से खेलें या कुछ लिखें। इसका मकसद मन के बोझ को हल्का करना होता है।

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    आर्ट थेरेपी स्ट्रेस कम करने में कैसे मदद करती है?

    नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक रिपोर्ट के अनुसार, आर्ट थेरेपी शरीर और मन के बीच बैलेंस बनाकर तनाव को कम करने में मदद करती है। ट्रेडिशनल “टॉक थेरेपी” की तरह इसमें शब्दों पर नहीं, बल्कि भावनाओं की अभिव्यक्ति पर जोर दिया जाता है। जब कोई व्यक्ति आर्ट बनाता है, तो उसका ध्यान अपनी चिंताओं से हटकर उस आर्ट पर फोकस होता है, जिससे मानसिक शांति मिलती है।

    कला के जरिए से व्यक्ति अपने भीतर के इमोशन्स को बाहर लाता है, जिन्हें शब्दों में कहना मुश्किल होता है। रंगों, धुनों या कहानियों के जरिए वह अपने मन की गहराइयों में झांकता है और यही प्रक्रिया तनाव को धीरे-धीरे कम करती है। यह सेल्फ अवेयरनेस बढ़ाती है, आत्मविश्वास मजबूत करती है और मेंटल बैलेंस को बेहतर बनाती है।

    मन को सुकून देने वाली प्रक्रिया

    कई अध्ययनों में पाया गया है कि आर्ट थेरेपी न केवल मूड सुधारती है, बल्कि नींद, कॉन्सनट्रेशन और इमोशनल बैलेंस बनाने में भी मदद करती है। जब व्यक्ति अपनी क्रिएटिविटी से जुड़ता है, तो उसके दिमाग में डोपामाइन जैसे “फील-गुड” हार्मोन रिलीज होते हैं, जो तनाव और उदासी को कम करते हैं।