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    खान-पान भी बन सकता है टीनेज लड़कियों में चिड़चिड़ेपन की वजह? क्या है डाइट और मूड का कनेक्शन

    टीनेजर्स को लेकर हम अक्सर यह मानते हैं कि हार्मोनल बदलाव के कारण वे आक्रामक या मूडी हो जाते हैं (Teenage Girl Mood Swings)। लेकिन सिर्फ हार्मोन्स इसके पीछे जिम्मेदार नहीं हैं। अगर बात टीनेज लड़कियों की करें तो अगर वे वेस्टर्न डाइट खाती हैं तो ज्यादा संभावना है कि उनका बरताव अग्रेसिव हो। इसकी वजह एक रिसर्च में सामने आई है। आइए जानें।

    By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Wed, 16 Apr 2025 12:21 PM (IST)
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    Teenage Girl Mood Swings: सिर्फ हार्मोन्स की वजह से ही नहीं हो रही हैं टीनेज लड़कियां चिड़चिड़ी (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अगर आपकी टीनेज बेटी हाल के दिनों में ज्यादा गुस्सैल और चिड़चिड़ी (Teenage Girl Mood Swings) हो गई है, तो इसकी वजह (Teenage Irritability Causes) सिर्फ हार्मोनल बदलाव या स्ट्रेस नहीं, बल्कि उसका खानपान भी हो सकता है।

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    हाल ही में हुई एक स्टडी से पता चला है कि जो टीनेजर्स वेस्टर्न डाइट (पश्चिमी खानपान) जैसे प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड, शुगर वाले ड्रिंक्स और रिफाइंड कार्ब्स खाती हैं, उनमें आक्रामकता और चिड़चिड़ेपन का खतरा बढ़ जाता है (Western Diet Effects)।

    वेस्टर्न डाइट और अग्रेशन का कनेक्शन (Teenage Girls Aggression Linked to Western Diet)

    अब तक हम जानते थे कि वेस्टर्न डाइट मोटापा, डायबिटीज और दिल की बीमारियों को बढ़ावा देती है, लेकिन नई रिसर्च बताती है कि यह मेंटल हेल्थ को भी गंभीर रूप से प्रभावित करती है। ईरान में हुई एक स्टडी में 12 से 18 साल की 670 किशोरियों के खानपान और व्यवहार का विश्लेषण किया गया। इसमें पाया गया कि जो लड़कियां ज्यादा प्रोसेस्ड फूड, रेड मीट, शुगर ड्रिंक्स और हाई-फैट स्नैक्स खाती थीं, उनमें आक्रामकता और चिड़चिड़ेपन की समस्या ज्यादा देखी गई।

    यह भी पढ़ें: उम्र के अलग-अलग पड़ाव में कैसी होनी चाहिए डाइट और लाइफस्टाइल? डॉक्टर से जानें जवाब

    क्यों बढ़ रहा है आक्रामक व्यवहार?

    शुगर और आर्टिफिशियल एडिटिव्स का प्रभाव

    ज्यादा शुगर और प्रीजर्वेटिव्स वाले फूड्स दिमाग के केमिकल बैलेंस को बिगाड़ते हैं। इससे मूड स्विंग्स, इरिटेबिलिटी और एंग्जाइटी बढ़ती है

    पोषक तत्वों की कमी

    वेस्टर्न डाइट में विटामिन्स, मिनरल्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स की कमी होती है, जो दिमाग के सही विकास के लिए जरूरी हैं। इनकी कमी से डिप्रेशन और एग्रेसिव बिहेवियर बढ़ता है।

    गट हेल्थ और मेंटल हेल्थ का संबंध

    प्रोसेस्ड फूड आंतों में हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं, जो दिमाग तक सिग्नल भेजकर मूड को प्रभावित करते हैं।

    क्या है समाधान?

    • हेल्दी डाइट खाने के लिए प्रोत्साहित करें।
    • ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और नट्स को डाइट में शामिल करें।
    • ओमेगा-3 से भरपूर फूड्स जैसे अलसी, अखरोट और फैटी फिश खिलाएं।

    प्रोसेस्ड फूड से बचें

    • कोल्ड ड्रिंक्स, पैक्ड स्नैक्स और फास्ट फूड की जगह घर के बने हेल्दी ऑप्शन दें।

    पूरी नींद और एक्सरसाइज

    • नींद की कमी और फिजिकल इनएक्टिविटी भी मेंटल प्रॉब्लम्स को बढ़ाती हैं।

    टीनेज शारीरिक और मानसिक विकास का महत्वपूर्ण दौर है। इस उम्र में खानपान का ध्यान रखकर न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाया जा सकता है। इस स्टडी से साफ है कि हम जो खाते हैं, वह सिर्फ हमारे शरीर ही नहीं, बल्कि हमारे दिमाग और व्यवहार को भी प्रभावित करता है। इसलिए बैलेंस्ड डाइट को अपनाकर टीनेजर्स की मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाया जा सकता है।

    अगर आपकी बेटी का व्यवहार बदल रहा है, तो उसकी डाइट पर गौर करें और हेल्दी ऑप्शन्स को अपनाएं। साथ ही, अगर आक्रामकता या मूड डिसऑर्डर गंभीर है, तो किसी डॉक्टर से सलाह लें।

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    Source:

    PsyPost: https://www.psypost.org/western-diet-may-result-in-increased-aggression-for-adolescent-girls-study-suggests/