अमेरिका में वैली फीवर का प्रकोप, जानें लक्षण और बचाव के उपाय
अमेरिका के कैलिफोर्निया में वैली फीवर (Valley Fever in California) के मामले बढ़ रहे हैं जिससे चिंता बढ़ गई है। यह एक फंगल इन्फेक्शन है जो फेफड़ों को प्रभावित करता है। वैली फीवर कॉकसीडियोड्स फंगस के कारण होता है जो मिट्टी में पाया जाता है। आइए जानते हैं कि वैली फीवर के लक्षण कैसे होते हैं और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक बार फिर से वैली फीवर (Valley fever in US) के मामले बढ़ने लगे हैं। अभी तक वहां लगभग 3100 एक्टिव मामले सामने आ चुके हैं। यह आंकड़ा पिछने साल हुए वैली फीवर के इन्फेक्शन से काफी ज्यादा है। इसलिए कैलिफोर्निया में चिंता का माहौल बढ़ गया है।
आपको बता दें कि वैली फीवर एक खतरनाक फंगल इन्फेक्शन है, जिसके कारण फेफड़ों में इन्फेक्शन हो जाता है। आइए जानते हैं कि वैली फीवर क्या होता है, इसके लक्षण (Valley Fever Symptoms) कैसे होते हैं और इससे बचने (Valley Fever Prevention) के लिए क्या किया जा सकता है।
क्या होता है वैली फीवर?
वैली फीवर, जिसे कॉकसीडियोडोमाइकोसिस (Coccidioidomycosis) भी कहा जाता है, फेफड़ों में होने वाला एक फंगल इन्फेक्शन है। यह कॉकसीडियोड्ज नाम के फंगस की वजह से होता है। यह फंगस कुछ खास इलाकों की मिट्टी में पाया जाता है, जो हवा में मिलकर सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंच सकते हैं।
इस इन्फेक्शन का सबसे शुरुआती स्टेज वैली फीवर कहलाता है, जिसके आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते या माइल्ड फ्लू जैसे संकेत नजर आते हैं। हालांकि, अगर वक्त पर इलाज न मिले, तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।
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वैली फीवर के लक्षण कैसे होते हैं?
कई मामलों में वैली फीवर के कोई लक्षण नजर नहीं आते, लेकिन इसके कुछ संकेत ऐसे हो सकते हैं-
- थकान
- बुखार
- बलगम
- रात को पसीना आना
- सिरदर्द
- ठंड लगना
- सांस फूलना
- जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
- पैर के निचले हिस्से पर लाल रंग के दाने जैसे रैश
किन लोगों को वैली फीवर से ज्यादा खतरा है?
- प्रेग्नेंट महिलाएं, जो अपनी तीसरे ट्राइमेस्टर में हैं
- कमजोर इम्युनिटी वाले लोग
- डायबिटीज के मरीज
- ऐसे इलाकों में गए हों, जहां कि मिट्टी में यह फंगस पाया जाता है
- मिट्टी से जुड़ा काम करने वाले लोग
वैली फीवर से बचाव के लिए क्या करना चाहिए?
ऐसे इलाके, जहां वैली फिवर का फंगस बहुत कॉमन है, में इससे बचाव करना काफी मुश्किल होता है। हालांकि, कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप इस इन्फेक्शन के रिस्क को जरूर कम कर सकते हैं, जैसे-
- ऐसे इलाकों में जाने से बचें, जहां धूल-मिट्टी का काम चल रहा हो। जैसे- कंस्ट्रक्शन साइट
- बाहर निकलते समय N95 मास्क पहनें, ताकि फंगस के स्पोर्स सांस के जरिए शरीर में न जा सकें।
- धूल उड़ने या आंधी आने पर अपने घर के खिड़की-दरवाजे बंद करके रखें।
- गार्डिनिंग, जैसे काम न करें, जिसमें फंगस मिट्टी से बाहर आ सकता है।
- घर के अंदर एयर फिल्टर का इस्तेमाल करें।
- मिट्टी की खुदाई करने से पहले, उसे गीला कर लें, ताकि मिट्टी उड़े न।
- हाथों को साबुन से अच्छी तरह साफ करें।
- किसी भी स्क्रैच या कट को अच्छी तरह डिसइंपेक्टेंट से साफ करें, ताकि इन्फेक्शन न हो।
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