आपके बच्चों का दुश्मन बन सकता है उनका बिस्तर, मैट्रेस से निकलने वाले केमिकल पहुंचा रहे गंभीर नुकसान
हाल ही में हुए शोध से पता चला है कि बच्चों के बिस्तर और गद्दों (Toxic mattress health risks) से जहरीले केमिकल निकलते हैं जो उनके विकास को प्रभावित कर सकते हैं और हार्मोनल विकार पैदा कर सकते हैं। शिशुओं का शरीर कम विकसित होता है इसलिए इन केमिकल्स का उन पर ज्यादा असर होता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में आई दो नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि शिशुओं और बच्चों के मैट्रेस और बेडिंग (Toxic mattress health risks) से बेहद ही टॉक्सिक केमिकल निकलते हैं। इससे बच्चे के विकास पर असर पड़ता है और उनमें हॉर्मोनल डिसऑर्डर होने का खतरा बढ़ जाता है।
छोटे बच्चों के सही विकास के लिए नींद बेहद जरूरी होती है। ऐसे में नींद के दौरान उनके लिए एक सुरक्षित और सुकून भरा माहौल तैयार करना और भी जरूरी हो जाता है। लेकिन हाल ही में एन्वॉयरमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी की स्टडी में बताया गया है कि आपके नौनिहाल जिन गद्दों (toxic mattress effects on children) पर सोते हैं, उससे निकलने वाले जहरीले केमिकल उनकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
बच्चों के खिलौनों में भी पाया जाता है ये केमिकल
इस स्टडी में थैलेट, बैन किए गए अग्निरोधी पदार्थ और कई दूसरे हानिकारक केमिकल्स की जांच की गई। दरअसल, थैलेट्स का इस्तेमाल प्लास्टिक के प्रोडक्ट्स में किया जाता है। यह प्लास्टिक को ज्यादा लचीला और टिकाऊ बनाता है। प्लास्टिक के डिब्बों, शैम्पू, मेकअप, परफ्यूम और बच्चों के खिलौनों में भी थैलेट होता है।
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इन हानिकारक केमिकल्स के संपर्क में आने से शरीर में हॉर्मोन के निर्माण में परेशानी आ सकती है। थैलेट्स को जल्दी प्यूबर्टी आने, री-प्रोडक्टिव समस्याओं और जननांगों (genital) में समस्या आने से जोड़कर देखा जाता है। इस स्टडी में मैट्रेस में काफी ज्यादा मात्रा में थैलेट्स पाया गया, जो कि खिलौनों में तो बैन है, लेकिन मैट्रेस (child safety bedding) में नहीं।
बच्चों को होता है ज्यादा नुकसान
चूंकि, बच्चों का ब्रेन और बॉडी अभी भी डेवलप हो रहा होता है, इसलिए इन केमिकल्स का असर उन पर ज्यादा होता है।
- बच्चे, बड़ों की तुलना में 10 गुना ज्यादा तेजी से सांस लेते हैं
- उनकी स्किन ज्यादा पतली होती है और चीजों को ज्यादा सोखती है
- उनके वजन की तुलना में उनके स्किन का सरफेस एरिया ज्यादा होता है
पेरेंट्स क्या करें
- बच्चों के बिस्तर पर ढेर सारे तकिए, खिलौने या कंबल जैसी चीजें रखने से बचें
- चादर और कवर को लगातार धोते रहने से केमिकल के निर्माण को कम किया जा सकता है
- नेचुरल कलर वाले या बिना डाई की बेडिंग चुनें
- कॉटन से बने मैट्रेस प्रोटेक्टर एक बैरियर की तरह काम करेंगे
- नेचुरल मटेरियल जैसे लेटेक्स, कॉटन और मेरिनो से बने मैट्रेस का चुनाव करें
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