सप्लीमेंट्स लेने के बावजूद नहीं हो रही Vitamin-D की कमी दूर, तो 6 कारण हो सकते हैं जिम्मेदार
विटामिन-डी की कमी (Vitamin D deficiency) से दुनियाभर में कई लोग परेशान हैं। इसकी कमी को दूर करने के लिए कई लोग सप्लीमेंट्स का भी सहारा लेते हैं लेकिन कई बार इसके बावजूद भी विटामिन-डी की कमी पूरी नहीं हो पाती। ऐसा क्यों होता है और इसके पीछे कौन-से फैक्टर जिम्मेदार हैं इस बारे में हम इस आर्टिकल में जानने की कोशिश करेंगे। आइए जानें।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। विटामिन-डी हमारे शरीर के लिए एक जरूरी पोषक तत्व है, जो हड्डियों की मजबूती, इम्यून सिस्टम को सही तरीके से काम करने और शरीर के कई अन्य फंक्शन के लिए जरूरी है। यह विटामिन सूरज की किरणों के कॉन्टेक्ट में आने पर हमारे शरीर में खुद बनता है। इसकी इसकी कमी (Vitamin D Deficiency) खतरनाक साबित हो सकती है।
हालांकि, आजकल की लाइफस्टाइल और घर के अंदर रहने की आदत के कारण कई लोगों में विटामिन-डी की कमी (Vitamin D deficiency) देखी जा रही है। इस कमी को पूरा करने के लिए लोग सप्लीमेंट्स (Vitamin D Supplements) का सहारा लेते हैं, लेकिन कई बार सप्लीमेंट्स लेने के बाद भी विटामिन-डी का लेवल सही नहीं हो पाता। ऐसा क्यों होता है? इसके पीछे कई कारण (Vitamin D deficiency Causes) हो सकते हैं, जिन्हें समझना जरूरी है।
आइए इस बारे में डॉ. तुषार तयाल (सी.के. बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम के इंटरनल मेडिसिन के लीड कंसल्टेंट) से जानते हैं।
सप्लीमेंट्स की गलत खुराक
विटामिन-डी की कमी को पूरा करने के लिए सही खुराक लेना बहुत जरूरी है। कई बार लोग बिना डॉक्टर की सलाह के सप्लीमेंट्स लेते हैं, जिससे उन्हें भरपूर मात्रा में विटामिन-डी नहीं मिल पाता। वहीं, कुछ लोग जरूरत से ज्यादा खुराक ले लेते हैं, जो शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। सही खुराक जानने के लिए डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
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सप्लीमेंट्स का सही तरीके से अब्जॉर्प्शन न होना
कई बार शरीर सप्लीमेंट्स से मिलने वाले विटामिन-डी को ठीक से अब्जॉर्ब नहीं कर पाता। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे पाचन तंत्र की समस्याएं, आंतों की बीमारी या लिवर और किडनी की फंक्शनिंग में गड़बड़ी। विटामिन-डी एक फैट-सॉल्युबल विटामिन है, यानी इसे अब्जॉर्ब करने के लिए शरीर में भरपूर मात्रा में फैट होना चाहिए। अगर आपकी डाइट में फैट की कमी है, तो विटामिन-डी का अब्जॉर्प्शन प्रभावित हो सकता है।
सूरज की किरणों की कमी
विटामिन-डी का सबसे बड़ा सोर्स सूरज की किरणें हैं। सप्लीमेंट्स लेने के बावजूद अगर आप सूरज की रोशनी में समय नहीं बिताते हैं, तो शरीर में विटामिन-डी का लेवल सही नहीं हो पाएगा। सूरज की किरणें विटामिन-डी को बनाने और एक्टिव करने में मदद करती हैं, इसलिए सप्लीमेंट्स के साथ-साथ धूप में समय बिताना भी जरूरी है।
शरीर की अलग-अलग जरूरतें
हर व्यक्ति के शरीर की जरूरतें अलग-अलग होती हैं। उम्र, वजन, लिंग और हेल्थ कंडिशन के आधार पर विटामिन-डी की जरूरत बदल सकती है। जैस- प्रेग्नेंट महिलाओं, बुजुर्गों और मोटापे से ग्रस्त लोगों को ज्यादा विटामिन-डी की जरूरत होती है। अगर सप्लीमेंट्स की खुराक इन जरूरतों के अनुसार नहीं है, तो विटामिन-डी की कमी बनी रह सकती है।
दवाओं का असर
कुछ दवाएं विटामिन-डी के अब्जॉर्प्शन को प्रभावित कर सकती हैं। जैसे- स्टेरॉयड, वजन घटाने की दवाएं और कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं विटामिन-डी के लेवल को कम कर सकती हैं। अगर आप ऐसी दवाएं ले रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
डाइट में पोषक तत्वों की कमी
विटामिन-डी के अब्जॉर्प्शन के लिए अन्य पोषक तत्वों जैसे मैग्नीशियम, कैल्शियम और विटामिन-के की भी जरूरत होती है। अगर आपकी डाइट में इन पोषक तत्वों की कमी है, तो विटामिन-डी का लेवल सही नहीं हो पाएगा।
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