10 लक्षण, जो करते हैं Magnesium की कमी का इशारा, वक्त पर ध्यान न देना पड़ सकता है दिल पर भारी
हेल्दी रहने के लिए शरीर में हर मिनरल और विटामिन का सही मात्रा में होना जरूरी है। किसी भी पोषक तत्व की कमी शरीर में हाहाकार मचा सकती है। इसमें मैग्नीशियम का नाम भी शामिल है। शरीर के कई फंक्शन के लिए इसकी जरूरत होती है। इसकी कमी (Magnesium Deficiency Signs) की वजह से कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं जिसमें दिल से जुड़ी समस्याएं भी शामिल हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Magnesium Deficiency Signs: मैग्नीशियम शरीर के लिए एक जरूरी मिनरल है, जो हमारे स्वास्थ्य को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। यह हड्डियों, मांसपेशियों, नसों और दिल के सही तरीके से काम करने के लिए जरूरी है।
मैग्नीशियम की कमी को हाइपोमैग्नेसीमिया कहा जाता है और यह शरीर में कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है। अगर समय रहते इसकी पहचान न की जाए, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं (Magnesium Deficiency Heart Risks) का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं कि शरीर में मैग्नीशियम की कमी के क्या वॉर्निंग साइन्स (Magnesium Deficiency Symptoms) हो सकते हैं।
मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द
मैग्नीशियम की कमी का सबसे आम लक्षण मांसपेशियों में ऐंठन, खिंचाव और दर्द है। मैग्नीशियम मांसपेशियों को आराम देने और उनके कॉन्ट्रेक्शन को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसकी कमी होने पर मांसपेशियां अकड़ने लगती हैं, जिससे पैरों, पीठ और गर्दन में दर्द हो सकता है। कई बार यह ऐंठन इतनी तेज होती है कि रात में नींद खुल जाती है।
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थकान और कमजोरी
अगर आप बिना किसी वजह के थका हुआ महसूस करते हैं या शरीर में कमजोरी महसूस होती है, तो यह मैग्नीशियम की कमी का संकेत हो सकता है। मैग्नीशियम शरीर में ऊर्जा बनाने के लिए जरूरी है और इसकी कमी होने पर शरीर को भरपूर एनर्जी नहीं मिल पाती, जिससे थकान और सुस्ती महसूस होती है।
हाई ब्लड प्रेशर
मैग्नीशियम ब्लड वेसल्स को आराम देने और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसकी कमी होने पर ब्लड वेसल्स कॉन्स्ट्रिक्ट हो सकती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। अगर आपका ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ गया है, तो यह मैग्नीशियम की कमी का संकेत हो सकता है।
अनियमित हार्ट बीट
मैग्नीशियम दिल की मांसपेशियों को सही तरीके से काम करने में मदद करता है। इसकी कमी होने पर दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है, जिसे एरिथमिया कहा जाता है। यह स्थिति गंभीर हो सकती है और दिल से संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकती है।
मानसिक समस्याएं
मैग्नीशियम की कमी का असर दिमाग पर भी पड़ता है। इसकी कमी से एंग्जायटी, डिप्रेशन, घबराहट और मूड स्विंग जैसी मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। मैग्नीशियम दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर को कंट्रोल करने में मदद करता है और इसकी कमी होने पर मानसिक संतुलन बिगड़ सकता है।
हड्डियों का कमजोर होना
मैग्नीशियम हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। यह कैल्शियम के अब्जॉर्प्शन में मदद करता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है। मैग्नीशियम की कमी होने पर हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है।
सिरदर्द और माइग्रेन
मैग्नीशियम की कमी से सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या हो सकती है। मैग्नीशियम ब्लड वेसल्स को आराम देकर माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद करता है। अगर आपको बार-बार सिरदर्द होता है, तो यह मैग्नीशियम की कमी का संकेत हो सकता है।
पाचन संबंधी समस्याएं
मैग्नीशियम की कमी से पाचन तंत्र भी प्रभावित हो सकता है। इसकी कमी से कब्ज, अपच और पेट में ऐंठन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। मैग्नीशियम आंतों की एक्टिविटीज को कंट्रोल करने में मदद करता है और इसकी कमी होने पर पाचन प्रक्रिया धीमी हो सकती है।
नींद न आना
मैग्नीशियम की कमी से नींद संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। यह शरीर को आराम देने और नींद के हार्मोन मेलाटोनिन के उत्पादन में मदद करता है। इसकी कमी होने पर इनसोम्निया या नींद न आने की समस्या हो सकती है।
हाथ-पैरों में सुन्नपन या झनझनाहट
मैग्नीशियम की कमी से नसों के कामकाज में बाधा आ सकती है, जिससे हाथ-पैरों में सुन्नपन या झनझनाहट महसूस हो सकती है। यह लक्षण तब होता है जब नसों को पर्याप्त मैग्नीशियम नहीं मिल पाता।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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