Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बाथरूम से इन 7 चीजों को आज ही फेंक दें बाहर, हेल्थ एक्सपर्ट ने बताया इन्हें साइलेंट किलर

    क्या आप जानते हैं कि आपके बाथरूम में कुछ ऐसी चीजें हो सकती हैं जो आपकी सेहत को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा रही हैं? जी हां हेल्थ एक्सपर्ट ने ऐसी 7 चीजों के बारे में बताया है जो साइलेंट किलर से कम नहीं हैं। दरअसल ये चीजें आपको बिना बताए बीमार कर सकती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कौन-सी हैं ये चीजें और क्यों इन्हें तुरंत बाहर फेंक देना चाहिए।

    By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Sun, 08 Jun 2025 09:53 PM (IST)
    Hero Image
    इन 7 चीजों को बिना देर किए फेंक दें बाथरूम से बाहर (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपको पता है कि आपके बाथरूम के ठीक अंदर, कुछ ऐसी चीजें मौजूद हैं जो आपकी सेहत को धीरे-धीरे घुन की तरह खा रही हैं? जी हां, हेल्थ एक्सपर्ट ने ऐसी 7 चीजों को 'साइलेंट किलर' नाम दिया है (Bathroom Silent Killers)। ये वो दुश्मन हैं जो आपके बाथरूम में छिपे हैं और बिना बताए, आपकी सेहत पर रोजाना वार कर रहे हैं। ऐसे में, अगर आप हेल्दी रहना चाहते हैं, तो इन्हें आज ही अपने बाथरूम से उठाकर बाहर फेंक दीजिए। आइए जानते हैं ऐसी कौन-सी चीजें (Health Hazards In Bathroom) हैं, जिन्हें आपको तुरंत कूड़ेदान में डाल देना चाहिए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    View this post on Instagram

    A post shared by Nidhi Kakar (@_artofwellness_)

    PVC शावर कर्टेन

    आपके बाथरूम को सुंदर बनाने वाले ये प्लास्टिक के शावर कर्टेन असल में खतरनाक हो सकते हैं। PVC (पॉलीविनाइल क्लोराइड) में थैलेट्स (phthalates) जैसे हानिकारक केमिकल होते हैं। जब आप गर्म पानी से नहाते हैं, तो ये रसायन हवा में मिल जाते हैं और आप इन्हें सांस के जरिए अंदर ले लेते हैं। ये केमिकल्स हार्मोनल असंतुलन, सांस की समस्याओं और यहां तक कि कैंसर का कारण भी बन सकते हैं। इसलिए, आज ही अपने PVC शावर कर्टेन को कपड़े या इको-फ्रेंडली मटेरियल वाले कर्टेन से बदल दें।

    लूफा

    लूफा डेड स्किन को हटाने में मदद करता है, लेकिन ये नमी वाले वातावरण में बैक्टीरिया के पनपने के लिए एक बेस्ट जगह भी है। जी हां, हर बार जब आप लूफा का यूज करते हैं, तो इसमें त्वचा के कण और बैक्टीरिया फंस जाते हैं। अगर आप इसे ठीक से सुखाते नहीं हैं, तो ये बैक्टीरिया तेजी से बढ़ते हैं और अगली बार जब आप इसका इस्तेमाल करते हैं, तो ये आपकी स्किन पर फैल सकते हैं, जिससे इन्फेक्शन हो सकता है। यही वजह है कि इसे हर 3-4 हफ्ते में बदलना चाहिए और इस्तेमाल के बाद इसे अच्छी तरह से सुखाकर रखना चाहिए।

    एंटीबैक्टीरियल साबुन

    आपको लगता होगा कि एंटीबैक्टीरियल साबुन आपको कीटाणुओं से बचाते हैं, लेकिन असल में वे आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन साबुनों में ट्राइक्लोसन जैसे रसायन होते हैं, जो न केवल अच्छे बैक्टीरिया को मारते हैं बल्कि एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी बैक्टीरिया (antibiotic-resistant bacteria) को भी बढ़ावा दे सकते हैं। इसके अलावा, ये रसायन हार्मोनल संतुलन को भी बिगाड़ सकते हैं। इसलिए जान लीजिए कि नॉर्मल साबुन और पानी हाथ धोने के लिए काफी होते हैं।

    यह भी पढ़ें- इन 5 Supplements का ओवरडोज बना देगा आपको बीमार, दिल को होता है सबसे ज्यादा नुकसान

    एयर फ्रेशनर

    बाथरूम की बदबू दूर करने के लिए क्या आप भी एयर फ्रेशनर का इस्तेमाल करते हैं? अगर हां, तो सावधान हो जाइए, क्योंकि इन एयर फ्रेशनर में फैथलेट्स, वाष्पशील कार्बनिक एंजाइम (VOCs) और अन्य सिंथेटिक रसायन होते हैं। ये केमिकल्स एलर्जी, अस्थमा अटैक, सिरदर्द और सांस से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इसलिए, बाथरूम को फ्रेश रखने के लिए वेंटिलेशन का यूज करें, खिड़कियां खोलें या नेचुरल रिफ्रेशिंग ऑयल्स का यूज करें।

    पुराने रेजर

    पुराने रेजर ब्लेड न केवल आपकी स्किन को काट सकते हैं, बल्कि उन पर बैक्टीरिया और जंग भी लग सकती है। एक ही रेजर का बार-बार इस्तेमाल करने से त्वचा में जलन, रेडनेस और इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। हर 5-7 इस्तेमाल के बाद या जैसे ही ब्लेड सुस्त महसूस हो, तो रेजर को बदल देना चाहिए।

    3 महीने पुराने टूथब्रश

    टूथब्रश, अगर 3 महीने से ज्यादा पुराना हो जाए तो वह बैक्टीरिया और फंगस का घर बन सकता है। जी हां, समय के साथ टूथब्रश के ब्रिसल्स घिस जाते हैं और प्रभावी ढंग से साफ नहीं कर पाते। साथ ही, बाथरूम के नम वातावरण में बैक्टीरिया उन पर जमा होते रहते हैं। हर 3 महीने में या जब भी ब्रिसल्स खराब होने लगें, तो अपने टूथब्रश को बदलना न भूलें।

    पुराने शावर हेड

    क्या आपने कभी अपने शावर हेड की सफाई की है? बता दें, समय के साथ, शावर हेड के अंदर मिनरल डिपॉजिट और बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं। ये बैक्टीरिया, जिनमें माइकोबैक्टीरियम एवियम जैसे खतरनाक बैक्टीरिया भी शामिल हैं, नहाते समय पानी के साथ हवा में मिल जाते हैं और आप इन्हें सांस के जरिए अंदर ले सकते हैं, जिससे फेफड़ों में इन्फेक्शन हो सकता है। इसलिए, अपने शावर हेड को नियमित रूप से साफ करें या हर 6-12 महीने में इसे बदलने के बारे में सोचें।

    यह भी पढ़ें- Liver Disease का संकेत हो सकते हैं स्किन में नजर आने वाले 4 बदलाव, नजरअंदाज करने की न करें गलती