किडनी या गॉल ब्लैडर ही नहीं, टॉन्सिल में भी हो सकते हैं स्टोन; लक्षण देखकर हो जाएं सतर्क
स्टोन्स की समस्या आमतौर पर किडनी या गॉल ब्लैडर में होती है लेकिन क्या आपको पता है कि टॉन्सिल में भी स्टोन हो सकते हैं जिसे टॉन्सिलोलिथ कहा जाता है। अगर आपका आपका गला बार-बार खराब हो रहा है और आपके सांसों से बदबू आती है तो यह टॉन्सिल स्टोन की वजह से भी हो सकता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आमतौर पर लोग किडनी या गॉल ब्लेडर स्टोन के बारे में ही बात करते हैं और उसे लेकर ही ज्यादा सतर्कता बरतते हैं। लेकिन क्या आपको पता है टॉन्सिल में भी स्टोन हो सकते हैं, जिसे टॉन्सिलोलिथ कहा जाता है।
डॉक्टरों का मानना है कि यह एक आम समस्या है और किसी को भी हो सकती है। स्टडीज बताती है कि 60% लोगों को कभी ना कभी यह समस्या होती है। आइए जानते हैं यह कैसे होता है और इससे बचने के क्या तरीके हैं।
क्या होते हैं टॉन्सिल स्टोन्स
टॉन्सिल्स में छोटे आकार के पीले या सफेद रंग के डिपॉजिट हो जाते हैं। ऐसा बैक्टीरिया, स्लाइवा, खाने के कण और टुकड़े मुंह की सेल्स लाइनिंग क्रिप्ट पर फंस जाने की वजह से हो सकता है। ये आकार में इतने छोटे हो सकते हैं कि खुली आंखों से नजर ना आएं या फिर थोड़े बड़े हो सकते हैं।
आमतौर पर ये स्टोन मुलायम ही होते हैं, लेकिन कई बार पत्थर की तरह सख्त भी हो सकते हैं। टॉन्सिल स्टोन्स कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक बने रह सकते हैं।
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ये होते हैं लक्षण
- गले में खराश होना या ऐसा महसूस होना कि गले में कुछ अटक गया है
- मुंह से बदबू आना
- खांसी
- कुछ निगलने में परेशानी होना
- गले में इंफेक्शन
किन लोगों को होती है ये परेशानी
- अगर किसी के टॉन्सिल का सरफेस चिकना ना होकर खुरदरा हो।
- स्मोकिंग की आदत हो।
- शक्कर युक्त पेय ज्यादा पीते हों।
- परिवार में टॉन्सिल स्टोन्स की हिस्ट्री हो।
ऐसे किया जाता है इलाज
- अगर किसी को टॉन्सिल स्टोन की वजह से कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे तो फिर उन्हें इलाज की जरूरत नहीं, लेकिन किसी को परेशानी हो रही है तो ये उपाय किए जा सकते हैं:
- नमक मिले पानी से गरारे करने या फिर रूई के फाहे या वॉटर फ्लॉसर की मदद से इसे निकालने में मदद मिल सकती है।
- टॉन्सिल स्टोन को नुकीली चीजों जैसे टूथपिक या फिर पेन से निकालने की कोशिश न करें, इससे गले या टॉन्सिल को नुकसान हो सकता है।
- अगर आपके टॉन्सिल्स में सूजन या इन्फेक्शन हो गया है तो डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक या सूजनरोधी दवाएं दे सकते हैं।
इस तरह बचे रह सकते हैं टॉन्सिल स्टोन के खतरे से
- दांतों और जीभ की नियमित रूप से सफाई करें।
- रोजाना फ्लॉस करें।
- खाने के बाद नमक वाले पानी से गरारे करें।
- ज्यादा शक्कर वाली चीजें खाने-पीने खाने से बचें, इससे मुंह में बैक्टीरिया का खतरा कम किया जा सकता है और स्टोन्स बनने से रोकने में मदद मिल सकती है।
- स्मोक ना करें, इससे सूजे हुए टॉन्सिल्स में और भी असहजता महसूस हो सकती है। स्टोन बनने का खतरा भी बढ़ सकता है।
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