4 वजहों से हो सकता है किडनी स्टोन, ये लक्षण दिखते ही हो जाएं सावधान; वरना पड़ जाएंगे लेने के देने
किडनी के यूरीनरी सिस्टम में बनने वाला हार्ड डिपॉजिट ही किडनी स्टोन होता है। शुरुआत में इसके लक्षण नजर नहीं आते लेकिन जब स्टोन का आकार बढ़ता है तो तेज दर्द महसूस होता है। यह कई कारणों से हो सकता है और कुछ सावधानियां बरतकर आप इसकी तकलीफ से बच सकते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अधिक वजन के साथ अगर कोई हाई सोडियम और हाई ऑक्सालेट फूड या बेवरेज लेता है तो किडनी स्टोन होने का खतरा बढ़ जाता है, खासकर अगर आप पानी भी कम पीते हैं। यह बेहद आम समस्या है और काफी बड़ी आबादी इससे ग्रसित है। लेकिन सही खानपान और लाइफस्टाइल से आप किडनी में बनने वाले स्टोन और उससे होने वाले गंभीर दर्द से बच सकते हैं।
ये होते हैं लक्षण
शुरुआत में तो इसके लक्षण नजर नहीं आते लेकिन स्टोन का आकार बढ़ने पर यह असहनीय दर्द दे सकता है। इससे किडनी में ब्लॉकेज होने की समस्या भी हो सकती है। इसके लक्षणों में शामिल है:
- पेट में दर्द होना, खासकर यह दर्द कमर से नीचे की तरफ जाता है
- यूरीन में खून आना
- बार-बार यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) होना
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क्या हैं किडनी स्टोन होने के कारण
- गर्म मौसम: अगर आप बेहद ही गर्म इलाके में रहते हैं, तो पानी की पर्याप्त नहीं ले पाते, जितना कि आपके शरीर से फ्लूइड निकल जाता है। इसकी वजह से यूरीन में कुछ खास मिनरल्स जैसे कैल्शियम, ऑक्सलेट, यूरिक एसिड, फॉस्फेट जमा होने लगता है और क्रिस्टल बनने लगते हैं।
- खानपान: कम मात्रा में पानी पीना और ज्यादा सोडियम युक्त भोजन करने से किडनी स्टोन होने का खतरा बढ़ता है। मूंगफली, बादाम, चॉकलेट, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, पालक, गेहूं के चोकर में ज्यादा मात्रा में ऑक्सलेट होता है। वहीं चाय, कॉफी, बीयर, सोया ड्रिंक्स में भी इसकी मात्रा ज्यादा होती है।
- अनुवांशिक कारण: अगर किडनी स्टोन की फैमिली हिस्ट्री है तो इसके होने का खतरा उन लोगों की तुलना में दो से तीन गुना ज्यादा होता है, जिनके परिवार में ऐसा नहीं है।
- बीमारी: हाइपरकैल्शिमिया (शरीर में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा होना), गाउट, क्रॉनिक डायरिया और बाउल डिसऑर्डर होने पर किडनी स्टोन होने का खतरा बढ़ जाता है।
ऐसे बचें रहें इससे
- हर दिन कम से कम 2-3 लीटर पानी पिएं। खुद को हाइड्रेट रखें।
- फलों और सब्जियों में ऑक्सलेट मौजूद होता है। हालांकि पालक, चॉकलेट, नट्स, चाय और सोया प्रोडक्ट्स और कुछ बेरीज यूरीन में ऑक्सालेट की मात्रा बढ़ा सकते हैं, जो कि स्टोन बनाने वाला मिनरल है। इस तरह की चीजें सीमित मात्रा में लें। खासकर कैल्शियम युक्त चीजों को इसके साथ मिलाकर न लें।
- यूरीनरी कैल्शियम के स्तर को कम करने के लिए खाने में नमक की मात्रा कम करना बेहद जरूरी है। आपको हर दिन 3 ग्राम से 5 ग्राम तक ही नमक लेना चाहिए।
- लोगों में ऐसी गलत धारणा है कि कैल्शियम कम कर देने से किडनी स्टोन का खतरा कम हो जाता है। यह सही नहीं है क्योंकि कैल्शियम की कम मात्रा से यूरीन में ऑक्सलेट का स्तर बढ़ सकता है। इसलिए हर दिन 1 ग्राम से 1.2 ग्राम तक कैल्शियम लेना ठीक है। कैल्शियम सप्लीमेंट लेने की बजाय कैल्शियम से भरपूर डेयरी प्रोडक्ट लेना ज्यादा सही है।
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