क्यों मानसून आते ही बढ़ जाता है UTI होने का रिस्क? बचने के लिए गांठ बांध लें ये बातें
क्या आप जानते हैं मानूसन में यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन का रिस्क बढ़ जाता है। इसका खतरा पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में होता है। बार-बार यूरिन आना पेशाब में दर्द आदि यूटीआई के लक्षण (UTI Symptoms) होते हैं। इसलिए इससे बचें कैसे ये मालूम होना जरूरी है। आइए जानें क्यों मानसून में यूटीआई का रिस्क बढ़ जाता है और इससे कैसे बचें।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। मानसून का मौसम गर्मी से राहत देने वाला होता है, लेकिन यह कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को भी साथ लाता है। इनमें से एक आम समस्या है यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI in Monsoon)। महिलाओं में यह समस्या खासतौर से ज्यादा देखने को मिलती है।
महिलाओं का यूरिनरी ट्रैक्ट पुरुषों की तुलना में छोटा होता है। इसलिए इनमें यूटीआई का खतरा भी ज्यादा होता है। लेकिन मानसून में यूटीआई का रिस्क क्यों बढ़ जाता है और इससे बचने के लिए क्या किया जा सकता है (UTI Prevention Tips)। आइए जानें इन्हीं जरूरी सवालों के जवाब।
मानसून में यूटीआई का खतरा क्यों बढ़ जाता है?
- नमी और बैक्टीरिया का बढ़ना- मानसून में हवा में नमी बढ़ जाती है, जिससे बैक्टीरिया और फंगस तेजी से पनपते हैं। गीले कपड़े पहनने या लंबे समय तक गीलापन रहने से यूरिनरी ट्रैक्ट में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
- पर्सनल हाइजीन की कमी- बारिश के मौसम में सही तरीके से सफाई न होने पर इन्फेक्शन का खतरा बढ़ता है। गंदे हाथों से जेनिटल एरिया को छूने या पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करने से बैक्टीरिया फैल सकते हैं।
- पानी की कमी पीना- कई लोग मानसून में पानी कम पीते हैं, जिससे यूरिन कम बनता है और बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक्ट में जमा हो जाते हैं। भरपूर मात्रा में पानी न पीने से इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
- टाइट या गीले कपड़े पहनना- बारिश में भीगने या पसीने से कपड़े गीले हो जाते हैं। टाइट और गीले अंडरगारमेंट्स पहनने से यूटीआई का खतरा बढ़ता है, क्योंकि नमी बैक्टीरिया को बढ़ने में मदद करती है।
- इम्युनिटी का कमजोर होना- मानसून में वायरल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन्स का खतरा बढ़ जाता है, जिससे शरीर की बीमारियों से लड़ने क्षमता कमजोर हो सकती है। इससे यूटीआई होने की संभावना बढ़ जाती है।
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यूटीआई से बचाव के उपाय
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं- दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने से यूरिन फ्लो बढ़ता है और बैक्टीरिया शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
- पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखें- टॉयलेट के बाद साफ पानी से अच्छी तरह सफाई करें।
- पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करते वक्त सफाई का खास ध्यान रखें। यूरिन पास करने के बाद जेनिटल एरिया को पानी से साफ करें और हमेशा साफ और सूखे अंडरगारमेंट्स पहनें।
- क्रैनबेरी जूस या कोकोनट वॉटर पिएं- क्रैनबेरी जूस में मौजूद तत्व यूटीआई के बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकते हैं। नारियल पानी भी शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है।
- गीले कपड़ों को तुरंत बदलें- बारिश में भीगने या पसीना आने पर तुरंत कपड़े बदलें। सूती और ढीले कपड़े पहनें, ताकि त्वचा सांस ले पाए।
यूटीआई के लक्षणों को नजरअंदाज न करें- बार-बार पेशाब आना, पेशाब करते समय जलन या दर्द, यूरिन में बदबू या खून आना, पेट के निचले हिस्से में दर्द यूटीआई के संकेत हो सकते हैं। इसलिए अगर ये लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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