मेडिटेरेनियन डाइट कम कर सकती है डिमेंशिया का खतरा, दिमाग को तेज बनाए रखने में करती है मदद
हाल ही में एक स्टडी की गई है जिसमें पता चला है कि मेडिटेरेनियन डाइट (Mediterranean Diet) दिमाग के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। इस डाइट की मदद से डिमेंशिया का रिस्क कम करने में काफी मदद मिलती है खासकर उन लोगों में जिनमें डिमेंशिया का खतरा ज्यादा है।

एएनआइ, नई दिल्ली। मेडिटेरेनियन डाइट में भरपूर मात्रा में फाइबर और एंटीआक्सीडेंट होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। मेडिटेरेनियन डाइट डिमेंशिया के खतरे को कम कर सकते है और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य से जुड़े ब्लड मेटाबोलाइट्स को प्रभावित कर सकते हैं।
क्या है मेडिटेरेनियन शैली का आहार
मेडिटेरेनियन शैली की डाइट में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, फलियां, मेवे, बीज और जैतून के तेल का प्रमुख रूप से शामिल किया जाता है। इस डाइट में मछली और सी फूड्स को ज्यादा मात्रा में, चिकन को मध्यम मात्रा में और रेड मीट का सेवन सीमित मात्रा में किया जाता है।
क्या कहती है स्टडी?
इसके लिए नर्सेज हेल्थ स्टडी में 4,215 महिलाओं के डाटा का विश्लेषण किया, जिसमें औसत आयु 57 वर्ष के प्रतिभागियों का फालोअप 1989 से 2023 तक किया गया। शोधकर्ताओं ने हेल्थ प्रोफेशनल्स फालोअप स्टडी में 1,490 पुरुषों के समान डाटा का विश्लेषण किया, जिनका फालोअप 1993 से 2023 तक किया गया।
अध्ययन में सुझाव दिया गया कि मेडिटेरेनियन डाइट डिमेंशिया के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है। यह अध्ययन नेचर मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है। इसमें पाया गया कि अल्जाइमर रोग के लिए निम्न आनुवंशिक खतरे वाले लोगों की तुलना में उच्च आनुवंशिक खतरे वाले लोगों को मेडिटेरेनियन डाइट का पालन करने से अधिक लाभ हुआ, जिससे डिमेंशिया के खतरे में कमी आई।
अध्ययन के लेखक युक्सी लियू ने कहा, हमने मेडिटेरेनियन अध्ययन करने का एक कारण यह था कि यह एकमात्र आहार का पैटर्न है जिसे एक रैंडम परीक्षण में संज्ञानात्मक लाभों से कारणात्मक रूप से जोड़ा गया है। पिछले कुछ दशकों में शोधकर्ताओं ने अल्जाइमर रोग व संबंधित डिमेंशियाओं के आनुवंशिक और मेटाबोलिक आधार के बारे में अधिक जानकारी हासिल की है। ये बुजुर्गों में संज्ञानात्मक गिरावट के सबसे सामान्य कारणों में से हैं।
किन में अल्जाइमर का रिस्क ज्यादा है?
अल्जाइमर रोग में एक मजबूत आनुवंशिक घटक होता है, जिसकी विरासत दर 80% तक आंकी गई है। विशेष रूप से एक जीन एपोलिपोप्रोटीन ई (एपीओई), स्पोराडिक अल्जाइमर रोग के लिए सबसे मजबूत आनुवंशिक जोखिम कारक के रूप में उभरा है। यह अधिक सामान्य प्रकार जीवन के बाद में विकसित होता है और इसे पूर्वानुमानित पैटर्न में सीधे विरासत में नहीं मिलता जो लोग एपीओई 4 वैरिएंट की एक प्रति रखते हैं, उनके अल्जाइमर विकसित करने का जोखिम 3 से 4 गुना अधिक होता है। जिन लोगों के पास एपीओई 4 वैरिएंट की दो प्रतियां होती हैं (जिन्हें एपीओई 4 होमोजाइगस कहा जाता है), उनका अल्जाइमर के खतरे बिना वैरिएंट वाले लोगों की तुलना 12 गुना अधिक होता है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग मेडिटेरेनियन शैली के आहार का अधिक पालन कर रहे थे, उनका डिमेंशिया के विकसित होने का जोखिम कम था और संज्ञानात्मक गिरावट धीमी थी। आहार का सुरक्षात्मक प्रभाव एपीओई 4 जीन वैरिएंट की दो प्रतियों वाले उच्च जोखिम समूह में सबसे मजबूत था।
इसमें यह सुझाव दिया गया कि मेडिटेरेनियन डाइट आनुवंशिक खतरे को संतुलित करने में मदद कर सकता है। लियू ने कहा कि ये निष्कर्ष सुझाव देते हैं कि मेडिटेरेनियन डाइट संज्ञानात्मक गिरावट के जोखिम को कम करने और डिमेंशिया को रोकने में मदद कर सकती हैं क्योंकि यह प्रमुख मेटाबोलिक रास्तों को व्यापक रूप से प्रभावित करती हैं।
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