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    Study: युवाओं में तेजी से बढ़ रहा Colon Cancer, ये 5 फैक्टर्स बढ़ाते हैं इसका खतरा

    इन दिनों युवाओं (Colon cancer risk in young adults) में कोलन कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हाल ही में आई एक स्टडी में इस बात खुलासा हुआ। हालांकि इसका सटीक कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है लेकिन शोधकर्ताओं का मनाना है कि मोटापा डायबिटीज जैसे फैक्टर्स इसका कारण बन सकते हैं। आइए जानते हैं कोलन कैंसर के अन्य संभावित कारण।

    By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Sat, 14 Dec 2024 02:40 PM (IST)
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    इन वजहों से युवाओं में बढ़ रहा कोलन कैंसर का खतरा (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कैंसर एक गंभीर बीमारी बन चुकी है, जिससे इन दिनों कई लोग परेशान हैं। यह दुनियाभर में अपने पैर पसार रहा है, जिसकी वजह से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है। खासकर भारत में पिछले कुछ दिनों से कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसकी वजह से यह देश में एक गंभीर स्वास्थ्य विषय बना हुआ है। कैंसर कई तरह का होता है, जो शरीर के अलग-अलग अंगों प्रभावित करता है और उसी नाम से जाना जाता है। कोलन या बॉवेल कैंसर इन्हीं में से एक है, जो इन दिनों युवाओं को तेजी से अपना शिकार बना रहा है।

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    हाल ही में एक स्टडी सामने आई है, जिसमें यह पता चला है कि युवाओं में आंत के कैंसर के मामले तेजी से मामले बढ़ रहे हैं। चिंता का विषय यह है कि इन बढ़ते मामलों को कोई स्पष्ट कारण नहीं है। कैंसर रिसर्च यूके का कहना है कि यह बीमारी अभी भी बुजुर्गों को ज्यादा प्रभावित करती है, लेकिन कई देशों में 50 से कम उम्र के लोगों में इसकी बढ़ोतरी चिंताजनक है। शोधकर्ताओं का कहना है कि खराब डाइट और मोटापा इसके जोखिम कारकों में से हो सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ अन्य ऐसे फैक्टर, जो बनते है कोलन कैंसर का कारण-

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    मोटापा

    अगर आपका वजन जरूरत से ज्यादा है, तो कोलन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। मोटापा कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है, बॉवेल कैंसर इन्हीं में से एक है। ज्यादा वजन होने से लोगों में कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन पुरुषों में यह संबंध ज्यादा मजबूत नजर आता है। ऐसे में इसका खतरा कम करने के लिए हेल्दी वेट बनाए रखें।

    टाइप-2 डायबिटीज

    टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों में कोलोरेक्टल कैंसर विकसित होने की संभावना उन लोगों की तुलना में ज्यादा होती है, जिन्हें कोलोरेक्टल कैंसर नहीं होता है। शोधकर्ताओं की मानें तो यह यह हाई रिस्क डायबिटीज से पीड़ित लोगों में इंसुलिन के हाई लेवल के कारण हो सकता है। टाइप 2 डायबिटीज और कोलोरेक्टल कैंसर दोनों में कुछ समान जोखिम कारक (मोटापा या शारीरिक एक्टिविटी) की कमी होते हैं, लेकिन इनका ध्यान रखने के बाद भी डायबिटीज पीड़ित लोगों में इस कैंसर का खतरा ज्यादा होता है।

    कुछ खास तरह की डाइट

    कुछ खास तरह की डाइट भी कोलन कैंसर का खतरा बढ़ाती है। रेड मीट (जैसे बीफ, पोर्क, लैप्म या लिवर) और प्रोसेस्ड मीट (जैसे हॉट डॉग आदि) को ज्यादा मात्रा में खाने से आप में कोलोरेक्टल कैंसर के खतरे को बढ़ाता है।

    स्मोकिंग

    जो लोग लंबे समय स्मोकिंग करते हैं, उनमें धूम्रपान न करने वाले लोगों की तुलना में कोलोरेक्टल कैंसर होने संभावना ज्यादा होती है। धूम्रपान करने से लोगों में कोलन पॉलीप्स विकसित होने का खतरा भी बढ़ जाता है। आमतौर पर यह फेफड़ों के कैंसर का कारण बनता है, लेकिन यह कई अन्य कैंसरों से भी जुड़ा हुआ है।

    शराब पीना

    अगर आप शराब पीते हैं, तो भी कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। यूं तो शराब की हर मात्रा सेहत के लिए हानिकारक है, लेकिन अगर आप पीते भी हैं, तो पुरुषों को एक दिन में 2 ड्रिंक और महिलाओं को एक दिन में 1 ड्रिंक से ज्यादा नहीं पीना चाहिए। हालांकि, ऐसा करने से यह पक्का नहीं होता कि आप कैंसर से बच सकते हैं। इसलिए कोशिश करें कि इससे परहेज ही करें।

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