कोलन कैंसर का खतरा कम करेंगी ये सब्जियां, रिस्क कम करने के लिए इन 6 बातों का भी रखें ध्यान
कोलन कैंसर दुनियाभर में होने वाले सबसे कॉमन कैंसर (Colon Cancer) में से एक है। आंतों में होने वाले इस कैंसर के पीछे लाइफस्टाइल और डाइट की काफी अहम भूमिका है। हालांकि कुछ खास तरह की सब्जियां इसके रिस्क को कम करने में काफी मददगार साबित हो सकती हैं। आइए जानें इस बारे में।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कोलन कैंसर महिलाओं और पुरुषों दोनों में ही होने वाले सबसे कॉमन कैंसर में से एक है। अनहेल्दी डाइट, स्ट्रेस,जेनेटिक्स और फिजिकल इनएक्टिविटी इसके सबसे अहम कारणों में शामिल हैं। लेकिन अच्छी खबर यह है कि हमारी थाली में मौजूद कुछ सब्जियां इसके खतरे को कम करने (Vegetables to Fight Colon Cancer) में अहम भूमिका निभा सकती हैं।
जी हां, एक स्टडी में पता चला है कि क्रूसिफेरस सब्जियां कोलन कैंसर से बचाव में काफी फायदेमंद साबित हो सकती हैं। ब्रोकली, फूलगोभी, केल, पत्तागोभी, सरसों का साग, पालक जैसी सब्जियों को क्रूसिफेरस वेजिटेबल्स (Cruciferous Vegetables for Colon Cancer) कहते हैं। इन्हें खाने से कोलन कैंसर का रिस्क कम होता है।
क्या कहती है स्टडी?
रिसर्चर्स ने 6,39,500 से ज्यादा लोगों को शामिल करने वाले 17 बड़ी स्टडीज को एनलाइज किया, जिनमें से 97,595 कोलन कैंसर से पीड़ित थे। नतीजे चौंकाने वाले थे- जो लोग सबसे ज्यादा मात्रा में क्रूसिफेरस सब्जियों खाते थे, उनमें कोलन कैंसर का खतरा न खाने वालों की तुलना में 20-26% तक कम पाया गया।
कैसे फायदेमंद हैं ये सब्जियां?
- ग्लूकोसाइनोलेट्स- ये सल्फर कंपाउंड होते हैं, जो इन सब्जियों को उनका तीखा स्वाद और सुगंध देते हैं। ये टूटकर सल्फोराफेन जैसे एक्टिव तत्व बनाते हैं। यही तत्व कैंसर से लड़ने में मददगार हैं।
- एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण- ये तत्व शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं, जो कैंसर के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।
सिर्फ सब्जियां ही काफी नहीं, इन बातों का भी रखें ध्यान
क्रूसिफेरस सब्जियां कोलन कैंसर के रिस्क कम करने में मददगार हैं, लेकिन इनके साथ हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना भी उतना ही जरूरी है।
- फाइबर से भरपूर डाइट- साबुत अनाज, दालें और फलों को अपनी डाइट में शामिल करें। फाइबर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है।
- रेड और प्रोसेस्ड मीट कम खाएं- हैम, बेकन, सॉसेज जैसे प्रोसेस्ड मीट और ज्यादा मात्रा में रेड मीट खाने से कोलन कैंसर का रिस्क बढ़ सकता है।
- नियमित एक्सरसाइज- फिजिकली एक्टिव रहना पाचन को दुरुस्त रखता है और मोटापे को रोकता है, जो कैंसर का एक रिस्क फैक्टर है।
- वजन पर नियंत्रण- स्वस्थ बॉडी मास इंडेक्स बनाए रखने की कोशिश करें।
- स्मोकिंग और शराब से परहेज- तंबाकू और शराब कोलन सहित कई तरह के कैंसर के रिस्क को बढ़ाते हैं।
- नियमित जांच- अगर आपकी उम्र 45 से ज्यादा है या पारिवारिक इतिहास है, तो नियमित स्क्रीनिंग जरूर करवाएं। शुरुआती पहचान इलाज को आसान बना देती है।
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Source:
BMC Gastroenterology: https://bmcgastroenterol.biomedcentral.com/articles/10.1186/s12876-025-04163-9
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