“Pharaoh's Curse” दे सकता है कैंसर को मात? जानलेवा फंगस से मिली इलाज की नई उम्मीद
हाल ही में हुई एक स्टडी ने साइंटिस्ट्स को हैरान कर दिया है। मिस्त्र के बंद ताबूतों में एक खतरनाक फंगस पनपता है, जो कैंसर के इलाज में मददगार हो सकता है। फराओ का श्राप (Pharaoh’s Curse) के पीछे भी इसी फंगस का हाथ हो सकता है। इस फंगस पर हुई स्टडी में कई पॉजिटिव नतीजे देखने को मिले हैं।
कैंसर के इलाज में मिली नई उम्मीद (Picture Courtesy: X/Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। जब 1922 में तूतनखामुन की कब्र खोली गई, तो सभी हैरान रह गए थे। कुछ ही समय बाद, अजीबोगरीब घटनाएं सामने आईं- कब्र खोलने वाले कई लोगों की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई। इससे "फराओ का श्राप" (Pharaoh’s Curse) की अफवाह फैल गई, जिसमें कहा गया कि जो भी मिस्र के फराओं यानी शासकों की कब्रों को छेड़ेगा, उसे दुर्भाग्य, बीमारी या मौत का सामना करना पड़ेगा। सुनने में काफी खौफनाक लग रहा है न, लेकिन अगर हम कहें कि ये श्राप वरदान साबित हो सकता है तो? दरअसल, एक स्टडी में पता चला है कि इन कब्रों पनपने वाला एक खतरनाक फंगस कैंसर के इलाज (Deadly Fungus Can Help Fight Cancer) में मदद कर सकता है।
क्या था फराओं के श्राप का रहस्य?
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह कोई श्राप नहीं, बल्कि प्राचीन कब्रों में पनपने वाला एक खतरनाक फंगस था। जब कब्रों को सैकड़ों साल बाद खोला गया, तो उनमें मौजूद एस्परजिलस फ्लेवस (Aspergillus flavus) नाम के फंगस के स्पोर्स हवा में फैल गए। ये सांस के जरिए कब्र खोलने वाले लोगों के शरीर में घुसकर इन्फेक्शन पैदा कर सकते हैं, खासकर उन लोगों में जिनकी इम्युनिटी कमजोर हो।
वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि लॉर्ड कार्नावॉन, जिन्होंने तूतनखामुन की कब्र खोजने में अहम भूमिका निभाई थी, का निमोनिया भी इसी फंगस के कारण हुआ होगा, जो उनकी मौत की वजह बना। इस तरह, "फराओ का श्राप" असल में सिर्फ एक प्राकृतिक घटना थी, जिसे लोगों ने श्राप समझ लिया।
कैसे एक खतरनाक फंगस कैंसर के इलाज में मददगार बन सकता है?
हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सिलवेनिया के रिसर्चर्स ने एक चौंकाने वाली खोज की है। उन्होंने पाया कि एस्परजिलस फ्लेवस में मौजूद कुछ खास कंपाउंड्स कैंसर सेल्स को खत्म करने की क्षमता रखते हैं।
क्या है इस रिसर्च में खास?
रिसर्चर्स ने इस फंगस से एस्परिजाइमाइसिन (asperigimycins) नाम के चार नए पेप्टाइड्स अलग किए। ये पेप्टाइड्स कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकते हैं, जिससे कैंसर के इलाज में उम्मीद की एक नई किरण दिखाई दी है।
एक अभिशाप बना आशा की किरण
अगर यह फंगस आगे के ट्रायल्स में भी मददगार साबित होता है, तो यह रिसर्च कैंसर के इलाज में मील का पत्थर साबित हो सकती है। जिस फंगस को "फराओ का श्राप" माना जाता था, वही आज कैंसर जैसी बीमारी के इलाज की उम्मीद जगा रहा है।
हालांकि, अभी इस फंगस से मिले कंपाउंड्स पर और स्टडी की जा रही है और हो सकता है कि भविष्य में यह फंगस कैंसर के इलाज में क्रांति ला दें।
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Source:
Nature Chemical Biology: https://www.nature.com/articles/s41589-025-01946-9
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