खाने के बाद इस वजह से होती है Smoking की क्रेविंग, कंट्रोल करने में मदद करेंगे 4 ट्रिक्स
स्मोकिंग हमारी सेहत के लिए कई तरह से हानिकारक होता है। यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स हमेशा से ही इसे छोड़ने की सलाह देते हैं। हालांकि यह कुछ लोगों की आदत बन जाती है जिसे छोड़ पाना लगभग नामुमकिन होता है। खासकर खाने के बाद अक्सर स्मोक करने की क्रेविंग (Smoking control tricks) होती रहती है। आइए जानते हैं इसका कारण।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। स्मोकिंग हर तरह से सेहत के लिए हानिकारक होती है। इससे न सिर्फ फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ता है, बल्कि मेंटल हेल्थ और आंखें भी प्रभावित होती हैं। यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स भी लोगों को असे छोड़ने (quit smoking tips) की सलाह देते हैं। हालांकि, स्मोक करने वाले लोगों के पास इसे करने की अपनी अलग वजह होती है। कोई स्ट्रेस दूर करने के लिए स्मोक करता है, तो कोई डाइजेशन बेहतर बनाने के लिए। हालांकि, धूम्रपान करना हर तरह से ही हानिकारक होता है।
आमतौर पर जो लोग स्मोक करते हैं, वह इसके लिए कोई समय नहीं देखते हैं। जब उनका मन करता या उन्हें तलब लगती है, वह सिगरेट या बीड़ी का कश लगा लेते हैं, लेकिन आपने अक्सर देखा होगा कि ज्यादातर स्मोक करने वाले लोग खाना खाने के बाद धूम्रपान जरूर करते हैं। यह काफी हद तक लोगों की अपनी पसंद होती है, लेकिन इसके पीछे कई बार कुछ न्यूरोबायोलॉजिकल और मनोवैज्ञानिक कारक भी होते हैं, जो लोगों के इस व्यवहार को प्रभावित करते हैं। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं क्यों खाना खाने के बाद होती है स्मोक करने की क्रेविंग-
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क्यों होती है खाने के बाद स्मोक करने की इच्छा
ऐसे कई लोग हैं, जिन्हें खाने के बाद स्मोक करने की तलब लगती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि यह एक आदत होती है, जो आपके दिमाग ने बनाई है और इसके पीछे का सांइस बहुत आकर्षक होता है। इस सवाल का जवाब जानने के लिए यह जानना जरूरी है कि निकोटीन और खाना दोनों दिमाग पर कैसे काम करते हैं? दरअसल, खाने के बाद स्मोक की क्रेविंग खाने और निकोटीन के प्रति दिमाग की प्रतिक्रिया से जुड़ी हुई है। जब व्यक्ति खाना (खासतौर ज्यादा फैट और शुगर वाला) खाता हैं, तो ज्यादा मात्रा में डोपामाइन होता है। यह एक न्यूरोट्रांसमीटर जो खुशी और संतुष्टि की भावनाओं को बढ़ाता है।
स्मोक और खाने का ब्रेन से कनेक्शन
यह धूम्रपान से होने वाले डोपामाइन रिलीज के समान ही है। इसके अलावा, सिगरेट से निकलने वाला निकोटीन ब्रेन में निकोटिनिक एसिटाइलकोलाइन रिसेप्टर्स के साथ संपर्क करता है, जिससे धूम्रपान से मिलने वाली सुखद भावनाएं बढ़ जाती हैं। साथ ही पाचन प्रक्रिया भी शरीर के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करने और निकोटीन के प्रभाव को बढ़ाने में भूमिका निभाती है। आसान भाषा में समझें, तो खाने के बाद की जाने वाली स्मोकिंग (Smoking Cravings Control Tips) आपको खुशी का अनुभव कराती है।
इन तरीकों से करें स्मोकिंग कंट्रोल
यह एक तरह की साइकिल होती है, जो लगातार खुद को रिपीट करती है। इसलिए जब आप हर बार खाना खाने बैठते हैं, तो आपका दिमाग खाने के बाद उस सिगरेट के लिए तैयारी करना शुरू कर देता है। यह आपके दिमाग के लिए एक नियम की तरह होता है, जिसे आप जितना ज्यादा करते हैं, उसे छोड़ पाना उतना ही मुश्किल होता है। ऐसे में अगर आप इस साइकिल को तोड़ना चाहते हैं, तो इसकी पहचान कर इसमें सुधार कर सकते हैं। ऐसे में आप इन सुझावों की मदद से इस साइकिल को तोड़ सकते हैं-
- रोजाना एक ही समय पर खाना न खाएं। इस तरह आपको उस पैटर्न को तोड़ने में मदद मिलेगी, जिसे आपका ब्रेन फॉलो करता है और जिसके कारण आप खाने के तुरंत बाद स्मोक के लिए क्रेव करते हैं।
- अगर आप इस आदत को छोड़ना चाहते हैं, तो खाने के बाद स्मोकिंग करने के बजाय, टहलें, हर्बल टी पिएं या बस कुछ देर के लिए आराम करें, जिससे आपका माइंड डाइवर्ट हो सके।
- खाने के हर निवाले का स्वाद लें। इस तरह खाना खाने से आपके ब्रेन की सारी जरूरतें मील से ही पूरी हो जाती हैं, जिससे सिगरेट की क्रेविंग कम हो जाती है।
- अगर आप कॉफी के साथ स्मोक करते हैं, तो चाय पर स्विच करने की कोशिश करें। पैटर्न बदलने से आपका दिमाग पटरी से उतर सकता है और क्रेविंग कमजोर हो सकती है।
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