प्रोडक्ट्स की शेल्फ लाइफ बढ़ाने वाला पैराबीन सेहत को पहुंचा रहा नुकसान, जानें इसके गंभीर परिणाम
पिछले कई साल से स्किनकेयर और हेयरकेयर प्रोडक्ट्स में पैराबीन का इस्तेमाल हो रहा है लेकिन अब कंपनियां पैराबीन-फ्री विकल्प पेश कर रही हैं। विशेषज्ञ इसे स्वास्थ्य समस्याओं का कारण मानते हैं। पैराबीन उत्पादों को बैक्टीरिया और यीस्ट से बचाता है लेकिन यह शरीर में एस्ट्रोजेन हार्मोन को प्रभावित कर सकता है। आइए जानते हैं इसके कुछ नुकसान।
लाइफस्टाइस डेस्क, नई दिल्ली। पिछले पचास सालों से स्किनकेयर से लेकर हेयरकेयर में पैराबीन का इस्तेमाल हो रहा है। अब कई सारी कंपनियां पैराबीन फ्री प्रोडक्ट देने के होड़ में लगी हैं। एक्सपर्ट इसे कई सारी हेल्थ प्रॉब्लम का कारण मान रहे हैं।
जब स्किन केयर या ब्यूटी केयर प्रोडक्ट की शेल्फ लाइफ लंबी होती है, तो हमें ज्यादा खुशी होती है। हमें लगता है इससे प्रोडक्ट लंबा चलेगा और उसे बार-बार खरीदने में पैसे भी खर्च करने नहीं पड़ेंगे। लेकिन शेल्फ लाइफ बढ़ाना कोई खेल या चमत्कार नहीं, बल्कि ये केमिकल का कमाल है। ऐसा ही एक केमिकल पैराबीन है, जो प्रोडक्ट्स में बड़े पैमाने पर सालों से प्रीजर्वेटिव के तौर इस्तेमाल होता आ रहा है। आइए जानते हैं आखिर पैराबीन क्या है और कैसे ये हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक है?
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ये प्रोडक्ट्स को देता है लंबी जिंदगी
पैराबीन प्रोडक्ट्स को यीस्ट, बैक्टीरिया और मोल्ड से बचाता है और लंबे समय तक खराब नहीं होने देता। कुछ पैराबीन तो फलों और फूलों में भी नेचुरली पाया जाता है, लेकिन आप रोजमर्रा में जिस पैराबीन के संपर्क में आते हैं, वो इंडस्ट्री में बनाया जाता है।
इन चीजों में होता है पैराबीन
- पर्सनल केयर प्रोडक्ट: स्किन केयर, हेयर केयर, कॉस्मैटिक्स तथा शेविंग प्रोडक्ट्स को लंबी शेल्फ लाइफ देने के लिए उनमें पैराबीन मिलाया जाता है। मेडिकली इस्तेमाल होने वाली चीजों जैसे ऑइंटमेंट और क्रीमों में भी पैराबीन होता है।
- प्रोसेस्ड फूड: पैकेटबंद या डिब्बाबंद फूड में सूक्ष्मजीवों को बढ़ने से रोकने लिए पैराबीन डाला जाता है। उनमें कैंडी, डिब्बे में मिलने वाले फूड, फ्रोजन डेयरी प्रोडक्ट्स शामिल हैं।
क्या ये हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है
- हॉर्मोन पर हमला: जब आप खाते या पीते हैं, तो पैराबीन आपकी स्किन के जरिए शरीर में चला जाता है। एक बार शरीर में प्रवेश करने के बाद ये एस्ट्रोजेन हॉर्मोन में गड़बड़ी पैदा करता है और आपका पूरा हॉर्मोनल सिस्टम उससे प्रभावित हो जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि पैराबीन की एक अच्छी बात है कि ये लंबे समय तक बॉडी में नहीं रहता और 24 से 48 घंटे के अंदर यूरीन से बाहर निकल जाता है। इसका तुरंत तो कोई टॉक्सिक प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन लंबे समय तक इस्तेमाल परेशानी खड़ी कर सकता है।
- रिप्रोडक्टिव हॉर्मोन पर असर: एक शोध में पाया गया कि पैराबीन की वजह से महिलाओं में हॉर्मोनल असंतुलन हो सकता है। उनके रिप्रोडक्टिव हॉर्मोन पर पैराबीन का उल्टा प्रभाव पड़ सकता है।
- कैंसर का खतरा: शोधकर्ताओं ने ब्रेस्ट टिशूज में पैराबीन पाया है, तो ऐसे में पैराबीन को ब्रेस्ट कैंसर से जोड़कर देखा जा रहा है। वैसे इसके अभी पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं और शोध जारी है।
पैराबीन फ्री प्रोडक्ट दे रही हैं कंपनियां
नेचुरल प्रोडक्ट बनाने का दावा करने वाली कंपनियां अपने प्रोडक्ट की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए पैराबीन के विकल्पों का इस्तेमाल कर रही है। इन दिनों पैराबीन फ्री प्रोडक्ट्स काफी चलन में हैं और लोग उसे काफी पसंद भी कर रहे हैं।
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