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    चैन से सोने के लिए कर रहे हैं स्लीप ट्रैकर का इस्तेमाल, तो जानें कैसे ये उड़ा रहा आपकी नींद

    इन दिनों लोग चैन से सोने के लिए स्लीप ट्रैकर इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि ये आपकी नींद उड़ा रहा है। जानें स्लीप ट्रैकर के फायदे और नुकसान। क्या स्लीप ट्रैकर वाकई अच्छी नींद के लिए जरूरी हैं? नींद की समस्याओं से बचने के लिए एक्सपर्ट की सलाह और स्लीप ट्रैकर के इस्तेमाल का सही तरीका।

    By Jagran News Edited By: Harshita Saxena Updated: Wed, 07 May 2025 04:00 PM (IST)
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    क्या आप भी करते हैं स्लीप ट्रैकर का इस्तेमाल (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। जब हम गहरी और अच्छी नींद पूरी करके उठते हैं, तो ताजगी और सुकून का एहसास होता है। आजकल बाजार में कई सारे स्लीप ट्रैकर्स मिलते हैं, जो ये बताते हैं कि आखिर आपने कितनी अच्छी और गहरी नींद ली है। लेकिन कई बार इन स्लीप ट्रैकर के आंकड़े ही आपकी नींद उड़ा देते हैं।

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    जिन्हें अपने ट्रैकर से होता है कुछ ज्यादा ही प्यार

    कई बार हम अपनी चॉइस से ये स्लीप ट्रैकर खरीदते हैं और कई बार हमें अपनों की ओर से तोहफे में ये मिल जाता है। अपने स्लीप ट्रैकर को जरूरत से ज्यादा ट्रैक करने वाले लोगों को इसके डेटा से ज्यादा घबराहट महसूस होती है। इस तरह के लोगों को तो स्लीप स्पेशलिस्ट की ओर से एक नाम भी मिला है, ऑर्थोसोमनिया।

    उथाह यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर केली बैरन ने अपनी स्टडी में पाया कि कई लोगों को अपने स्लीप ट्रैकर के डेटा की वजह से नींद न आने की समस्या होने लगी है। कई लोगों ने तो इस डर से नींद की दवाएं लेना भी शुरू कर दिया है।

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    क्या अच्छी नींद के लिए ट्रैकर की जरूरत है?

    एक्सपर्ट कहते हैं कि अच्छी नींद के लिए स्लीप ट्रैकर हो जरूरी नहीं। बस आपको सोने की एक तय दिनचर्या बनाने की जरूरत है। आप अपने रोज के सोने-जगने का समय फिक्स करें। यदि आपको नींद से जुड़ी कोई समस्या हो रही है, तो फिर अपने डॉक्टर से बात करें।

    कैसे काम करता है ये स्लीप ट्रैकर

    इस तरह के ट्रैकर घड़ी, अंगूठी और रिस्टबैंड के रूप में आते हैं। इनमें से ज्यादातर ट्रैकर एक्सलरोमीटर का इस्तेमाल करते हैं। कुछ ट्रैकर्स सेंसर्स पर आधारित होते हैं। कई ट्रैकर्स आपकी ब्रीदिंग, बॉडी टेम्परेचर और हार्ट रेट को मापते हैं, जो नींद के अलग-अलग स्टेज में बदलते रहते हैं।

    इससे आपका ट्रैकर हर स्टेज में आपकी नींद को मापने का काम करता है। वैसे हर कंपनी का अपना फॉर्मूला होता है, जिससे वे आपकी नींद का पता लगाते हैं। अगर आप बिस्तर पर चुपचाप लेटे-लेटे टीवी देख रहे होते हैं और हो सकता आपका ट्रैकर उसे नींद में काउंट कर ले, तो इससे परिणाम गलत हो सकते हैं।

    स्लीप ट्रैकर इस्तेमाल करने का तरीका

    इसे बस एक सामान्य जानकारी के तौर पर लें कि आप कितने घंटे की नींद ले रहे हैं। स्लीप ट्रैकर्स आपको इस बारे में थोड़ा जागरूक कर सकते हैं कि आप नींद के पर्याप्त घंटे पूरे कर रहे हैं या नहीं। हालांकि, ये आंकड़ा सौ फीसदी सही नहीं होता है, लेकिन इससे आप एक अंदाजा लगा सकते हैं।

    एक्सपर्ट बताते हैं कि यदि आपका डेटा कहता है कि आप रात के समय काफी करवटें बदलते हैं, तो इस बारे में अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं। ये नींद से जुड़ी कोई समस्या या रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम के लक्षण हो सकते हैं।

    अपने स्लीप ट्रैकर की मदद से आप अपने नींद का पैटर्न पता कर सकते हैं जैसे आप छुट्टी वाले दिन या वर्किंग डे में आपने कितनी नींद ली। इससे आप अपने सोने का सही समय भी पता लगा सकते हैं।

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