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    Magnesium Deficiency दूर करने के लिए जान लें सप्लीमेंट्स लेने का सही समय, ऐसे करें कमी की पहचान

    Updated: Wed, 07 May 2025 08:32 AM (IST)

    मैग्नीशियम की कमी (Magnesium Deficiency) से थकान मांसपेशियों में दर्द और तनाव जैसे लक्षण दिख सकते हैं। इसलिए इसकी कमी दूर करने के लिए डॉक्टर सप्लीमेंट्स लेने की भी सलाह दे सकते हैं। जानिए मैग्नीशियम की कमी के 7 लक्षण और इसे दूर करने के लिए सप्लीमेंट्स लेने का सही समय क्या है।

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    Magnesium Deficiency दूर करने के लिए सप्लीमेंट्स लेने का सही समय क्या है? (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। मैग्नीशियम (Magnesium) शरीर के लिए एक जरूरी मिनरल है, जो कई बॉडी फंक्शन्स में अहम भूमिका निभाता है। इसकी कमी (Magnesium Deficiency) के कारण मांसपेशियों और नसों के सही कामकाज, हड्डियों की मजबूती, दिल के स्वास्थ्य और एनर्जी प्रोडक्शन जैसी कई जरूरी फंक्शन्स प्रभावित हो सकते हैं।

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    लेकिन आजकल की लाइफस्टाइल और अनहेल्दी डाइट के कारण कई लोगों में मैग्नीशियम की कमी (Magnesium Deficiency) हो जाती है। आइए डॉ. तुषार तयाल (लीड कंसल्टेंट- इंटरनल मेडिसिन सी.के. बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम) से जानें किन लक्षणों की मदद से इसकी कमी का पता लगा सकते हैं और इसके सप्लीमेंट्स लेने का सही समय (Right Time to Take Magnesium Supplements) क्या है। 

    मैग्नीशियम की कमी के लक्षण (Magnesium Deficiency Symptoms)

    • मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द- मैग्नीशियम की कमी से मांसपेशियों में अकड़न, ऐंठन और दर्द हो सकता है। यह खासतौर से रात के समय पैरों में होने वाली ऐंठन (चार्ली हॉर्स) के रूप में दिखाई देता है।
    • थकान और कमजोरी- मैग्नीशियम एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (ATP) के प्रोडक्शन में मदद करता है, जो शरीर की एनर्जी का मुख्य सोर्स है। इसकी कमी से लगातार थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।
    • तनाव और चिंता बढ़ना- मैग्नीशियम नर्वस सिस्टम को शांत रखने में मदद करता है। इसकी कमी से चिड़चिड़ापन, तनाव, नींद न आना और यहां तक कि डिप्रेशन जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं।
    • अनियमित हार्ट बीट- मैग्नीशियम दिल की मांसपेशियों के कॉन्ट्रेक्शन को कंट्रोल करता है। इसकी कमी से दिल की धड़कन अनियमित (एरिदमिया) हो सकती है, जिससे सीने में दर्द या सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
    • हाई ब्लड प्रेशर- मैग्नीशियम की कमी से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, क्योंकि यह ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करने में मदद करता है।
    • हड्डियों का कमजोर होना- मैग्नीशियम कैल्शियम के अब्जॉर्प्शन और विटामिन-डी के एक्टिवेशन में मदद करता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इसकी कमी से ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ सकता है
    • सिरदर्द और माइग्रेन- मैग्नीशियम की कमी से दिमाग में ब्लड वेसल्स कॉन्स्ट्रिक्ट हो सकती है, जिससे माइग्रेन और स्ट्रेस हेडएक की समस्या बढ़ सकती है।

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    मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स लेने का सही समय

    • रात में सोने से पहले- मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स लेने का सबसे अच्छा समय रात को सोने से पहले होता है, क्योंकि यह मांसपेशियों को आराम देकर नींद की गुणवत्ता को सुधारता है।
    • खाने के साथ- अगर मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स पेट में हल्की परेशानी पैदा करते हैं, तो इन्हें खाने के साथ लेना बेहतर होता है। इससे अब्जॉर्प्शन भी बेहतर होता है।
    • दूसरी दवाओं का ध्यान रखें- अगर आप भी कोई दवा लेते हैं, तो इस बारे में डॉक्टर से जरूर बताएं, ताकि वे सप्लीमेंट लेने का सही समय बता सकें।
    • एक्सरसाइज के बाद- एथलीट्स या ज्यादा शारीरिक मेहनत करने वाले लोगों को एक्सरसाइज के बाद मैग्नीशियम लेने से मांसपेशियों की रिकवरी में मदद मिलती है।

    इन बातों का ध्यान रखें

    • ज्यादा मात्रा में मैग्नीशियम लेने से दस्त, मतली या लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।
    • बिना डॉक्टर की सलाह के मैग्नीशियम के सप्लीमेंट्स नहीं लेने चाहिए और न ही उसकी डोज बदलनी चाहिए।

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