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    अमेर‍िका में 'जॉम्बी' बने खरगोश, इसके पीछे है चौंकाने वाली बीमारी; क्‍या इंसानों के ल‍िए है खतरा?

    Updated: Fri, 15 Aug 2025 05:25 PM (IST)

    अमेरिका में जंगली खरगोशों में शोप पैपिलोमा वायरस तेजी से फैल रहा है जिससे उनके चेहरे पर ट्यूमर हो रहे हैं और वे डरावने दिख रहे हैं। इस वायरस से खरगोशों को देखने और खाने में परेशानी हो रही है जिससे वे शिकारियों का आसान शिकार बन रहे हैं। इससे खरगोशों को जॉम्‍बी बनीज कहा जा रहा है।

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    खरगोशों में फैल रही ये बीमारी (Image Credit- X)

    लाइफस्‍टाइल डेस्‍क, नई दि‍ल्‍ली। हाल ही में अमेरिका में पाए जाने वाले जंगली खरगोशों में एक ऐसा अजीब वायरस देखा गया है, जो उनके चेहरे को डरावना बना दे रहा है। इस वायरस का नाम शोप पैपिलोमा वायरस (Shope Papillomavirus- SPV) या कॉटनटेल रैबिट पैपिलोमा वायरस (CRPV) है। ये बीमारी आमतौर पर जंगली कॉटनटेल खरगोशों में ही होती है।

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    वॉश‍िंगटन पोस्‍ट के मुताब‍िक, इस बीमरी में खरगोश के चेहरे, सिर या कान पर सींग या टेंटेकल जैसा कुछ निकल आते हैं। इसी वजह से लोग इन्हें 'जॉम्बी बनीज' कहने लगे हैं। हालांकि ये वायरस इंसानों या दूसरे जानवरों के लिए खतरनाक नहीं है, लेकिन खरगोशों के लिए ये बड़ी परेशानी बन सकता है। इस वायरस के फैलने से खरगोशों को देखने और खाने में दिक्कत हो सकती है, जिससे वे आसानी से शिकारियों का शिकार बन जाते हैं।

    शोप पैपिलोमा वायरस क्या है?

    अब आप सोच रहे होंगे क‍ि ये वायरस आख‍िर है क्‍या? ये एक डीएनए वायरस है, जो खास तौर पर खरगोशों को ही निशाना बनाता है। इसे सबसे पहले 1930 के दशक में डॉ. रिचर्ड शोप ने पहचाना था। ये वायरस खरगोश के सिर, चेहरे और कान पर मस्सों जैसे ट्यूमर यानी क‍ि बना देता है। ये उभार कभी-कभी छोटे सींग या मांसल टेंटेकल जैसे नजर आते हैं।

    अधिकतर ये ट्यूमर खतरनाक नहीं होते हैं, लेकिन कभी-कभी कैंसर में भी बदल सकते हैं। पालतू खरगोशों को ये वायरस कम ही होता है, लेकिन अगर वे संक्रमित जंगली खरगोशों या कीड़ों के संपर्क में आएं तो संक्रमित हो सकते हैं।

    वायरस कैसे फैलता है?

    ये वायरस दो तरीकों से फैल सकता है-

    • संक्रमित खरगोश के सीधे संपर्क में आने से
    • खून चूसने वाले कीड़ों के काटने से, जैसे मच्छर, पिस्सू और चिपकू कीड़े

    ये कीड़े अक्सर खरगोश के सिर और कान पर काटते हैं, क्योंकि वहां का बाल पतला होता है। छोटे घाव से वायरस आसानी से अंदर चला जाता है और फिर स्‍क‍िन के सेल्‍स तेजी से बढ़ने शुरू हो जाती है, जिससे ट्यूमर बन जाता है। गर्मी के मौसम में जब मच्छर और पिस्सू ज्‍यादा होते हैं, तब इन्फेक्‍शन का खतरा और भी ज्‍यादा बढ़ जाता है।

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    खरगोशों पर क्‍या पड़ता है असर?

    • शोप पैपिलोमा वायरस सीधे-सीधे खरगोश को नहीं मारता, लेकिन इसका असर जानलेवा साबित हो सकता हैं।
    • आंखों के पास बड़े उभार होने से उन्हें दिखना मुश्किल हो जाता है।
    • मुंह या नाक के पास गांठ बनने से खाना-पीना और सांस लेना कठिन हो जाता है।
    • ऐसे खरगोश कमजोर हो जाते हैं, जिससे शिकारी उन्हें आसानी से पकड़ लेते हैं।
    • कुछ खरगोशों में ये उभार अपने आप कम हो जाते हैं, लेकिन कई मामलों में ट्यूमर लंबे समय तक बने रहते हैं।

    क्या यह इंसानों, कुत्तों या बिल्लियों में फैल सकता है?

    ये वायरस सिर्फ खरगोशों में ही फैलता है। इंसान, कुत्ते, बिल्ली या दूसरे पालतू जानवर इससे संक्रमित नहीं होते हैं। हालांकि, पालतू खरगोशों में संक्रमण का खतरा बना रहता है, इसलिए उन्हें मच्छरों और पिस्सुओं से बचाएं। जंगली खरगोशों से दूर रखें। गर्मियों में उन्हें बाहर कम छोड़ें।

    ये वायरस कहां पाया जाता है?

    ये अमेरिका के कई इलाकों में देखने को म‍िलता है, खासकर मिडवेस्ट में- जैसे साउथ डकोटा और कोलोराडो। कुछ खरगोशों में लक्षण नजर नहीं आते हैं, इसलिए इसके फैलाने का सही अंदाजा लगाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।

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    Source-

    • https://cpw.state.co.us/species/cottontail-rabbits
    • https://cvm.missouri.edu/diseases-of-research-animals-dora/rabbits/rabbit-shope-papilloma-virus/