ऑफिस में घंटों बैठकर करते हैं काम? तो बिगड़ सकता है पोश्चर और नर्व डैमेज का भी है रिस्क
आजकल लोगों के काम करने का तरीका काफी बदल चुका है। लोग घंटों-घंटों बैठकर (Prolonged Sitting Side Effects) काम करते हैं जिसकी वजह से सेहत को काफी नुकसान होता है। लगातार बैठे रहने की वजह से न सिर्फ पोश्चर खराब होता है बल्कि नर्व डैमेज का खतरा भी बना सकता है। आइए डॉक्टर से जानते हैं कैसे रखें रीढ़ की हड्डी का ख्याल।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। इन दिनों लोगों की लाइफस्टाइल में तेजी से बदलाव होने लगा है। खानपान के साथ ही लोगों का रहन-सहन भी काफी बदल चुका है। साथ ही आजकल हमारे काम करने का तरीका भी काफी हद तक बदल चुका है। इन दिनों कई लोग घंटों-घंटों अपनी ऑफिस चेयर पर बैठे लैपटॉप या सिस्टम चलात रहते हैं, लेकिन ज्यादा देर लगातार बैठना आपकी स्पाइन यानी रीढ़ की हड्डी के लिए हानिकारक हो सकता है।
ज्यादा देर बैठे रहने के नुकसान
इस बारे में मैरिंगो एशिया अस्पताल, फरीदाबाद में न्यूरोलॉजी के डायरेक्टर डॉ कुणाल बहरानी बताते हैं कि सीटिंग जॉब आपकी रीढ़ की हड्डी पर असर डाल सकती है, जिससे खराब पोश्चर, पीठ दर्द और यहां तक कि नर्व संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। चूंकि रीढ़ की हड्डी तंत्रिका तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, कोई भी गलत अलाइनमेंट या तनाव नर्व फंक्शन को प्रभावित कर सकता है, जिससे सुन्नता, कमजोरी या लंबे समय तक दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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रीढ़ की हड्डी नर्वस सिस्टम को कैसे प्रभावित करती है?
हमारी रीढ़ की हड्डी स्पाइनल कॉर्ड की रक्षा करती है, जो ब्रेन और शरीर के बाकी हिस्सों के बीच संकेत पहुंचाने का काम करती है। ऐसे में कोई भी गलत अलाइनमेंट, जैसे कि खराब पोश्चर या लंबे समय तक बैठे रहना, नर्व कंप्रेशन का कारण बन सकता है, जिससे sciatica, माइग्रेन या यहां तक कि ऑर्गन डिस्फंक्शन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में अपनी रीढ़ की हड्डी को हेल्दी रखने के लिए इन बातों का खास ध्यान रखें-
- सही पोश्चर बनाए रखें- सीधी पीठ, कंधे रिलैक्स और पैर जमीन पर सपाट करके बैठें। साथ ही एर्गोनोमिक कुर्सियों का इस्तेमाल करें, जो पीठ के निचले हिस्से को सहारा दें।
- बीच-बीच में ब्रेक लें- रीढ़ की हड्डी पर दबाव कम करने के लिए हर 30-45 मिनट में खड़े हों, स्ट्रेचिंग करें या चलें।
- सही डेस्क सेटअप का इस्तेमाल करें- झुकने से बचने के लिए अपनी स्क्रीन को आंखों के लेवल पर और कलाइयों को अलाइन्ड रखें।
- कोर की मांसपेशियों को मजबूत करें- एक मजबूत कोर रीढ़ को सहारा देती है, जिससे तनाव कम होता है। इसके लिए प्लैंक जैसे व्यायाम मददगार होते हैं।
- हाइड्रेटेड रहें और अच्छा खाएं- सही हाइड्रेशन और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट स्पाइनल डिस्क को हेल्दी रखता है।
- स्पाइनल स्ट्रेच की प्रैक्टिस करें- कैट-काउ या सीटेड ट्विस्ट जैसे सिंपल स्ट्रेच लचीलेपन को बनाए रखने में मदद करते हैं।
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