सर्दियां आते ही मुश्किल हो जाता है उठना-बैठना, तो रीढ़ की हड्डी के दर्द से बचाएंगे ये उपाय
सर्दियों में अक्सर कई तरह की समस्याएं बढ़ जाती हैं। इन दिनों कई लोग रीढ़ की हड्डी में दर्द की समस्या से परेशान रहते हैं। इन मौसम में अक्सर कई लोगों को अकड़न और दर्द महसूस होती है। इसकी कई वजह हो सकती है। ऐसे में एक्सपर्ट बता रहे हैं इससे जुड़ी जरूरी बातें और इस दर्द से राहत पाने के उपाय।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। जैसे-जैसे तापमान गिरता है और सर्दियों का मौसम आता है, गर्म कंबल और चाय-कॉफी की चाह बढ़ जाती है। यह मौसम कई लोगों का पसंदीदा मौसम होता है और यह काफी खुशी और खूबसूरत नजारे लेकर आता है, लेकिन इसके साथ ही सेहत से जुड़ी कई समस्याएं भी होती हैं। इस दौरान अक्सर रीढ़ की हड्डी से जुड़ी कई समस्याएं भी काफी आम होती हैं। ठंड का मौसम रीढ़ में जकड़न और दर्द की समस्या बढ़ा सकता है, इसलिए इस मौसम में अपनी रीढ़ की हड्डी का ध्यान रखना जरूरी है।
सर्दियों में कम तापमान की वजह से रीढ़ के आसपास की मांसपेशियां और लिगामेंट्स सख्त हो जाते हैं, जिससे जकड़न और असुविधा होती है। ऐसे में सर्दियों में रीढ़ की हड्डी ख्याल रखने के लिए हमने सीके बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम के स्पाइन सर्जरी डिपार्टमेंट के निदेशक डॉ अरुण भनोट से बातचीत की।
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क्यों बढ़ जाती है रीढ़ की हड्डी में दर्द की समस्या
उन्होंने बताया कि “गठिया, हर्नियेटेड डिस्क या स्पाइनल स्टेनोसिस जैसी मौजूदा समस्याओं वाले लोगों के लिए यह मौसम और भी दर्दनाक हो सकता है। दरअसल, स्लिप डिस्क, साइटिका या स्पाइनल फाइबर्स पर दबाव के मामले में ठंड का प्रभाव और बढ़ सकता है। वहीं, जो लोग इन समस्याओं से पीड़ित नहीं हैं, उनके लिए भी यह मौसम काफी मुश्किल भरा हो सकता है। लंबे समय तक बैठे रहने और बैठने की की मुद्रा से पीठ दर्द की समस्या हो सकती है। ऐसे में सर्दी के मौसम में रीढ़ की सेहत बनाए रखने के लिए कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं।
कैसे करें बचाव
डॉक्टर ने बताया कि ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनना, थर्मल और शॉल का इस्तेमाल करना और पीठ को हमेशा गर्म रखना बेहद जरूरी है। रीढ़ की सुरक्षा के लिए सही मुद्रा बनाए रखना चाहिए, खासकर जब लंबे समय तक बैठने का समय बढ़ जाता है। एर्गोनोमिक चेयर और सही बैठने की आदतें पीठ दर्द से बचा सकती है। सर्दियों में फिजिकल एक्टिविटी बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन नियमित एक्सरसाइज, योग और हल्की स्ट्रेचिंग से मांसपेशियों की लचीलापन और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
ये उपाय भी होंगे कारगर
इसके अलावा रीढ़ की मजबूती के लिए कैल्शियम, विटामिन डी और ओमेगा-3 से भरपूर डाइट जैसे दूध, दही, हरी सब्जियां और मेवे काफी मददगार होते हैं और इस दौरान हाइड्रेशन का ध्यान रखना भी जरूरी है। साथ ही सोने की सही व्यवस्था, जैसे सख्त गद्दे और करवट के दौरान घुटनों के बीच तकिया रखना, निचली पीठ के दबाव को कम करता है। सर्दियों से हेल्दी रहने के लिए ध्यान, डीप ब्रीथिंग और योग जैसी तकनीकों का अभ्यास फायदेमंद होता है। इन उपायों को अपनाकर ठंड के मौसम में रीढ़ की समस्याओं से बचा जा सकता है।
इन का भी रखें ध्यान
डॉ अरुण ने आगे बताया कि “ठंडी हवा और प्रदूषण शरीर में ऑक्सीजन लेवल को घटा सकते हैं, जिससे पीठ दर्द का खतरा बढ़ सकता है। इससे बचने के लिए, पीठ को गर्म रखना, लगातार लंबे समय तक बैठे रहने से बचें और ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करना जरूरी है। इसके अलावा एक्टिव रहकर, हेल्दी डाइट अपनाकर और एर्गोनोमिक व गर्म उपायों का पालन करके आप सर्दियों का मजा ले सकते हैं और अपनी रीढ़ को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं।
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