10 मिनट की झपकी लेने से भी मिलेगी गहरी नींद जैसी ताकत, हार्वर्ड की रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा
हाल ही में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में पाया कि छोटी सी झपकी (पावर नैप) लेने के बाद भी इंसान ऊर्जावान महसूस कर सकता है और उसका प्रदर्शन बेहतर हो सकता है। जर्नल ऑफ न्यूरोसाइंस में प्रकाशित स्टडी में 25 लोगों के दिमाग की गतिविधियों पर ध्यान दिया गया।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बेहतर काम करने के लिए अच्छी नींद लेना सबसे जरूरी माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि छोटी सी झपकी (पावर नैप) लेने के बाद भी इंसान खुद को ऊर्जावान महसूस कर सकता है और उसका प्रदर्शन भी बेहतर हो सकता है। हाल ही में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के वैज्ञानिकों की एक रिसर्च में यह बात सामने आई है। ये स्टडी जर्नल ऑफ न्यूरोसांइस में प्रकाशित की गई है।
इस स्टडी में देखा गया कि कुछ लोगों के दिमाग के हिस्सों (कॉर्टेक्स) में पावर नैप के बाद भी तेज और बार-बार दोहराए जाने वाले पैटर्न देखने को मिले। बताया जा रहा है कि हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शोधकर्ताओं ने 25 लोगों के दिमाग की गतिविधियों पर स्टडी की। लेखक डाना मनोच के अनुसार, नींद लेते समय शरीर को आराम मिलता है जिससे हम फिर से तरोताजा महसूस करते हैं। अगर किसी को पूरी नींद नहीं मिलती, तो वो पावर नैप के जरिए अपनी ऊर्जा और काम करने की क्षमता को सुधार सकता है।
25 लोगों की एक्टिविटीज पर दिया गया ध्यान
आपको बता दें कि इस स्टडी में 25 लोगों के दिमाग की गतिविधियों को उस वक्त रिकॉर्ड किया गया था जब वे समय-सीमा वाले टास्क कर रहे थे और फिर झपकी ले रहे थे। उन्होंने पाया कि जो दिमाग के हिस्से फैसले लेने और काम करने से जुड़े हैं, उनमें नैप के बाद भी सक्रियता बनी रही और पैटर्न दोहराए गए।
शरीर को मिलती है ऊर्जा
डाना मनोच का कहना है कि पावर नैप के दौरान शरीर में नई ऊर्जा बनती है, और ये पूरी नींद की तरह ही दिमाग में बदलाव लाता है। हालांकि, नैप की सही समय को लेकर वैज्ञानिकों की राय अलग-अलग है। कुछ का मानना है कि 10 से 30 मिनट की पावर नैप भी पर्याप्त होती है।
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पहले भी हो चुके हैं कई रिसर्च
इस तरह के पहले भी कई रिसर्च हो चुके हैं जिनसे ये पता चला है कि अच्छी नींद सिर्फ प्रदर्शन नहीं बल्कि कई बीमारियों से बचाव करने में भी मदद करती है। हाल ही में अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने भी एक शोध किया था, जिसमें पता चला कि जो बुज़ुर्ग गहरी नींद लेते हैं, उनमें अल्जाइमर का खतरा कम होता है। ये स्टडी 62 शारीरिक रूप से स्वस्थ बुज़ुर्गों पर की गई थी।
सोने से मजबूत होता है दिमाग
उनके दिमाग का पीईटी स्कैन किया गया और पाया गया कि गहरी नींद लेने वाले लोगों ने मेमोरी टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन किया और उनमें अल्जाइमर की संभावना कम रही। वहीं दूसरी ओर यूनिवर्सिटी ऑफ कैल्गरी के शोधकर्ताओं ने तीन हजार से ज्यादा किशोरों पर स्टडी की, जिसमें सामने आया कि जो बच्चे जल्दी सोते और ज्यादा देर तक सोते हैं, वो मानसिक रूप से ज्यादा मजबूत होते हैं और उनके अपने साथियों से रिश्ते भी बेहतर होते हैं।
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