Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हेल्दी है, लेकिन सेहत की गारंटी नहीं! Plant Based Diet लेने वाले जरा हो जाएं सावधान!

    Updated: Fri, 09 Aug 2024 09:00 PM (IST)

    वजन घटाने के लिए आज कई लोग प्लांट बेस्ड डाइट (Plant Based Diet) का सहारा ले रहे हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर क्या गारंटी है कि इससे सेहत को सिर्फ फायदा ही होगा? दरअसल इस आर्टिकल में हम आपको इस फेमस डाइट से जुड़े कुछ नुकसानों से रूबरू कराने जा रहे हैं जो शरीर के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं हैं।

    Hero Image
    अगर आप भी ले रहे हैं Plant Based Diet, तो जान लीजिए इसके नुकसान (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Plant Based Diet Side Effects: वीगन डाइट फॉलो करने वाले पूरी तरह से प्लांट बेस्ड डाइट पर आ जाते हैं। ये नॉन वेज और अंडे के साथ शहद, जिलेटिन, डेयरी प्रोडक्ट से भी दूरी बनाते हैं। इस डाइट में लोग अनाज, सब्जियां, नट्स, दाल, हर्ब्स, मसाले और डेयरी प्रोडक्ट की जगह सोया मिल्क, टोफू, बादाम का दूध जैसे फूड्स का सेवन करते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भले ही ये डाइट कितनी भी ट्रेंडिंग हो और आपने इसके ढेरों फायदे सुने हों, लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जरूरी नहीं है कि प्लांट बेस्ड डाइट सभी के लिए हेल्दी भी हो। बता दें, कुछ स्थितियों में यह आपको कुछ साइड इफेक्ट्स भी दे सकती है। आइए जानें।

    न्यूट्रिएंट्स की कमी

    प्लांट बेस्ड डाइट फॉलो करने से शरीर में कुछ जरूरी न्यूट्रिएंट्स जैसे विटामिन बी12, आयरन, कैल्शियम, ओमेगा थ्री फैटी एसिड की कमी हो सकती है। ये चीजें रेड मीट, अंडे, फिश और दूध में भरपूर मात्रा में पाई जाती हैं।

    यह भी पढ़ें- Emotional Eating से हो सकते हैं कई बीमारियों का शिकार, बचाव के लिए अपनाएं 5 तरीके

    फूड एलर्जी

    प्लांट बेस्ड डाइट में ऐसी कई खाने की चीजें होती हैं जिनसे एलर्जी हो सकती है जैसे सोया, नट्स, गेहूं आदि। ध्यान से लेबल पढ़ कर और एलर्जन को पहचान कर अपनी एलर्जी समझ कर ही प्लांट बेस्ड डाइट की शुरुआत करें। क्योंकि इस दौरान लोग कई प्रकार के नए फूड भी ट्राई करते हैं तो फूड एलर्जी होना पूरी तरह संभव है।

    ब्लोटिंग और गैस

    प्लांट बेस्ड डाइट लेने का मतलब है कि एक साथ फल, सब्जी और अनाज खा कर अधिक फाइबर का सेवन करना। इससे कुछ लोगों की गट हेल्थ बिगड़ सकती है, गैस और ब्लोटिंग की समस्या उत्पन्न हो सकती है। धीरे धीरे फाइबर की मात्रा बढ़ानी चाहिए।

    अधिक भूख लगना

    नॉन वेज जैसी हाई कैलोरी डाइट से प्लांट बेस्ड डाइट पर शिफ्ट करना अपने आप में एक चुनौती है। इसलिए बार बार भूख लगने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए अपनी डाइट में प्रोटीन और हेल्दी फैट की मात्रा बढ़ाएं जिससे लंबे समय तक पेट भरे होने का एहसास रहे।

    यह भी पढ़ें- ब्रेकफआस्ट में झटपट तैयार होंगी पके केले की कुछ खास डिशेज, सेहत के लिए भी हैं फायदेमंद

    Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।