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    Emotional Eating से हो सकते हैं कई बीमारियों का शिकार, बचाव के लिए अपनाएं 5 तरीके

    बिना सोचे समझे या मूड के मुताबिक अगर आपको भी कुछ न कुछ खाने की क्रेविंग होती है तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है। ऐसे में लोगों को बहुत कुछ खा लेने के बाद भी संतुष्‍टी नहीं होती और फिर पछतावा का दौर शुरू हो जाता है जो इमोशनल ईटिंग (Emotional Eating) के लक्षणों में गिना जाता है। आइए आज आपको बताते हैं इस पर काबू पाने के तरीके।

    By Jagran News Edited By: Nikhil Pawar Updated: Fri, 09 Aug 2024 08:20 PM (IST)
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    Emotional Eating को कंट्रोल करने के लिए अपनाएं 5 तरीके (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। इमोशनल ईटिंग (Emotional Eating) एक आम समस्या है जिसमें आप भावनाओं का सहारा लेकर अपने खाने की क्रेविंग को पूरा करते हैं फिर ये इमोशन चाहे खुशी का हो या फिर दुख, उदासी, डिप्रेशन, गुस्सा या फिर सामान्य रूप से बोर होने पर भी ऐसा हो सकता है। इस दौरान असल भूख और इमोशनल ईटिंग के बीच अंतर समझना बहुत जरूरी है।

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    भूख लगना एक धीमी गति की प्रक्रिया है जो समय के साथ बढ़ती जाती है और किसी भी प्रकार के आहार को स्वीकार कर लेती है। वहीं इमोशनल ईटिंग एक अचानक से होने वाली प्रक्रिया है जो तेजी से किसी विशेष खाने के प्रति क्रेविंग बढ़ाती है। इमोशनल ईटिंग खाने के प्रति तीव्र इच्छा नहीं बल्कि अपनी भावनाओं के प्रति आने वाला एक रिएक्शन है जिसे मैनेज करने के लिए आप खाना शुरू कर देते हैं।

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    ऐसे मैनेज करें इमोशनल ईटिंग

    • प्रोटीन से भरपूर ब्रेकफास्ट जरूर लें जिससे पेट भरने के साथ एनर्जी भी बनी रहे।
    • अनहेल्दी फूड्स को खरीदना बंद करें और आंखों के सामने रखना भी बंद करें। हेल्दी विकल्प को सामने रखें।
    • थकान, बोर और तनाव की स्थिति से निपटने के लिए अपने हेल्दी तरीके पहले से ही मैनेज कर के रखें। मेडिटेशन और हेल्दी फूड हैबिट्स अपनाएं जिससे क्रेविंग होने पर अनहेल्दी खाने की तरफ चाह कर भी आप न देखें।
    • भावनाओं को व्यक्त करने के लिए किसी से शेयर करें, अकेला पड़ने पर साइकेट्रिस्ट की मदद लें लेकिन इमोशनल ईटिंग का ख्याल मन में न लाएं। इससे होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक रहने से इमोशनल होने पर भी आपके अंतर्मन में ये जानकारी बैठी रहेगी जिससे आप विचलित नहीं होंगे और जबरदस्ती खाने की तरफ मुड़ कर अपनी समस्या का समाधान नहीं खोजेंगे।
    • अपने करीबी या पार्टनर को इमोशनल ईटिंग के प्रति जागरूक करें जिससे ऐसी स्थिति में वे खुद को भी संभाल सकें और जरूरत पड़ने पर आपका हाथ भी खाने की तरफ जाने से रोक सकें।

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    Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।