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    Childhood Obesity: बचपन में मोटापा बन सकता है कई गंभीर बीमारियों की वजह, इन तरीकों से करें बचाव

    क्या आपका बच्चा भी दिनभर फोन या लैपटॉप को लेकर बैठा रहता है? बाहर का जंक खाना पसंद करता है और बाहर खेलने कम जाता है? अगर इन सवालों का जवाब हां है तो सतर्क हो जाइए आपका बच्चा आसानी से मोटापे का शिकार हो सकता है जो अन्य बीमारियों की वजह बन सकता है। आइए जानते हैं कैसे बच्चों को मोटापे से बचा (Childhood Obesity prevention tips) सकते हैं।

    By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Fri, 09 Aug 2024 02:14 PM (IST)
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    Childhood Obesity से ऐसे करें बच्चों का बचाव (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बदलती लाइफस्टाइल का असर बच्चों के जीवन पर भी काफी गहरा पड़ा है। अब बच्चे ज्यादातर फोन या कंप्यूटर पर विडियो गेम खेलना पसंद करते हैं, घर के खाने की जगह उन्हें पिज्जा, बर्गर ज्यादा पसंद है। ऐसे कई कारण (Childhood Obesity Causes) हैं, जिनके कारण उनका वजन बढ़ सकता है और वे मोटापे का शिकार हो सकते हैं। मोटापा एक गंभीर बीमारी है, जिसके कारण दूसरी बीमारियां, जैसे डायबिटीज, दिल की बीमारियां, फैटी लिवर आदि का जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को मोटापे से बचाने के लिए आप कुछ बातों (Childhood Obesity Prevention Tips) का ख्याल रखें। आइए जानें।

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    Childhood obesity Prevention tips

    डाइट में सुधार

    बच्चों को खाने में ताजी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, दही, दूध, लीन प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स दें। इनसे उन्हें जरूरी पोषक तत्व मिलेंगे और वजन नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी। स्नैक्स के लिए भी पॉप कॉर्न, ओट्स जैसी चीजें खाने को दें, ताकि वो ओवर ईटिंग न करें और उनका वजन भी कंट्रोल में रहेगा। इसके अलावा, ज्यादा नमक, चीनी, प्रोसेस्ड फूड्स और जंक फूड को कम से कम खाने दें।

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    खाने का पोर्शन कंट्रोल करें

    बच्चों को एक बारे में ज्यादा खाना खिलाने की जगह, थोड़ा-थोड़ा खाना दें। इससे वे जरूरत से ज्यादा खाना नहीं खाएंगे और उनका पाचन भी बेहतर रहेगा। वैसे भी बच्चों को वयस्कों की तुलना में कम जरूरत होती है। इसलिए उन्हें एक बार में कम खाना दें और जरूरत पड़े, तो उन्हें दोबारा खाना दे सकते हैं। इससे खाना बर्बाद भी नहीं होगा और उनका वजन भी कंट्रोल रहेगा।

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    खाते वक्त टी.वी को कहें ना

    बच्चों की आदत होती है कि वे खाते समय कार्टून या कोई फिल्म देखना पसंद करते हैं। इससे उनका सारा ध्यान खाने पर नहीं होता और उन्हें समझ नहीं आता कि वे कितना खाना खा रहे हैं और क्या खा रहे हैं। इसलिए खाते समय टी.वी. न देखने दें। इससे वे खाने को आराम से चबा-चबाकर खाएंगे और उन्हें अच्छे से समझ आएगा कि उन्हें कितनी भूख लगी है। इसे माइंडफुल ईटिंग कहा जाता है।

    मीठा कम करें

    ज्यादा मीठा खाने के दुष्परिणामों में वजन बढ़ना भी शामिल है। इसलिए बच्चों को कम मीठी चीजें खाने दें। ज्यादा मीठा खाने से उनके दांत भी खराब हो सकते हैं। इसलिए उन्हें कम से कम मीठा खाने को दें। हफ्ते में एक या दो बार मीठा खाना ठीक है, लेकिन रोज मीठा खाने से उनकी सेहत को नुकसान पहुंच सकता है।

    बाहर खेलने जाने दें

    बच्चों को लेकर आजकल माता-पिता काफी ओवर प्रोटेक्टिव हो गए हैं। हालांकि, ये कुछ हद तक ही ठीक है। बच्चों को घर में विडियो गेम आदि खेलने की जगह बाहर जाकर अपने दोस्तों के साथ खेलने के लिए प्रेरित करें। इससे उनकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों ही बेहतर होगी और शारीरिक एक्टिविटी करने से उनका वजन भी कम होगा। इसलिए रोज उन्हें कुछ देर बाहर खेलने के लिए भेजें।

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