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    कहीं आप भी विज्ञापनों के जाल में फंसकर बच्चों को नहीं खिला रहे सप्लीमेंट्स? जानें इनकी सच्चाई

    By Niharika PandeyEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Fri, 19 Dec 2025 07:59 PM (IST)

    बड़ों की तरह ही बच्चों को सप्लीमेंट देने की हिमायत की जाती है। जो बच्चे अपना खाना फिनिश करते हैं और डाइट से ही सबकुछ पूरा कर लेते हैं तो ये सप्लीमेंट ...और पढ़ें

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    बच्चों के सप्लीमेंट्स: विज्ञापन या सच्चाई, जानिए पूरी जानकारी (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आजकल कई सारे विज्ञापनों में बच्चों के सप्लीमेंट की बात होती। कोई गमी के रूप में इसे प्रचारित कर रहा है तो कोई पाउडर के रूप में। लेकिन क्या वाकई बच्चों को भी ऊपर से सप्लीमेंट देने की जरूरत है?

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    यह सवाल उन पेरेंट्स के लिए और भी जरूरी हो जाता है, जिनके बच्चे खाने में नखरे करते हैं या हेल्दी खाने को देखकर नाक-मुंह सिकोड़ते हैं। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि क्या बच्चों को सप्लीमेंट देना चाहिए या उनकी डाइट ही इसे पूरा कर सकती है।

    ये पोषक तत्व बच्चों के लिए हैं जरूरी

    बच्चों को काफी सारे विटामिन्स और मिनरल्स की जरूरत पड़ती है, जैसे विटामिन ए,बी,सी,डी,ई और के। इसके साथ ही हेल्दी विकास के लिए बच्चों को फोलेट, कैल्शियम, आयोडिन, आयरन और जिंक की भी जरूरत होती है।

    ये पोषक तत्व बच्चों के दिमाग और नर्व्स के डेवलपमेंट, आंखों की रोशनी, हड्डियों की मजबूती, इम्युनिटी, मेटाबॉलिज्म और सही वजन में अहम भूमिका निभाते हैं। हालांकि, सेहतमंद बच्चों को ये सारे पोषक तत्व खाने से ही मिलने चाहिए, सप्लीमेंट से नहीं।

    रिसर्च का ये है कहना

    अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार सप्लीमेंट की तुलना में विटामिन्स और मिनरल्स को भोजन से लेना ज्यादा बेहतर है। जरूरी पोषक तत्व मिलने के साथ-साथ भोजन से बच्चों को फाइबर, एंजाइम और हेल्दी फैट्स भी मिलते हैं, जो कि सप्लीमेंट नहीं कर सकता। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स का मानना है कि बच्चों के शरीर में विटामिन ए,सी या डी का ज्यादा डोज टॉक्सिक प्रभाव डाल सकता है।

    पेरेंट्स इस तरह कर सकते हैं कमी पूरी

    • मिक्स करें: अगर बच्चा सिर्फ कम हेल्दी फूड खाने की ही जिद करता है तो ऐसे में चीजों को मिक्स करके दे सकते हैं। जैसे अगर कोई बच्चा सिर्फ आलू ही खाता है तो उसमें आप गोभी या फिर इससे मिलते-जुलते स्वाद व रंग वाली सब्जी मिक्स कर सकते हैं।
    • हेल्दी भी टेस्टी भी: अनहेल्दी ऑप्शन को हेल्दी के साथ रिप्लेस कर दें। जैसे व्हाइट ब्रेड, पास्ता और राइस की जगह इसके साबुत वर्जन शामिल करें।
    • पसंद का रखें ध्यान: अगर आपके बच्चे को गिने-चुने फल खाना ही पसंद है तो उसके साथ कुछ ऐसे कलर वाले फ्रूट्स मिक्स करें जो उसकी पसंद से मेल खाता हो। दही के लिए फूलों की डिप तैयार करें या पास्ता बनाते समय चटक रंग वाली सब्जी की प्यूरी या सॉस बनाकर मिलाएं।

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