चुपचाप हड्डियों की मजबूती चुरा लेता है ऑस्टियोपोरोसिस, महिलाएं भूलकर भी अनदेखा न करें ये लक्षण
सेहत के प्रति लापरवाही बरतने से महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, हड्डियों से जुड़ी समस्याएं बढ़ रही हैं। भारत में 50 साल से ज्यादा उम्र की कई महिलाएं बोन डेंसिटी की समस्या से जूझ रही हैं। समय रहते लक्षणों को पहचानना जरूरी है। आइए जानते हैं किन लक्षणों को बिल्कुल अनदेखा न करें।

महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस: शुरुआती लक्षण और बचाव के उपाय (Picture Credit- Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अपनी सेहत का ख्याल रखने के लिए हम बातों का ध्यान रखते हैं। आमतौर पर जब भी सेहत की बात आती है, तो लोग अक्सर हार्ट हेल्थ, मेंटल हेल्थ पर ज्यादा ध्यान देते हैं और इस वजह से कई बार बोन हेल्थ को अनदेखा कर देते हैं।
खासकर महिलाएं अक्सर अपनी सेहत को लेकर लापरवाही करती हैं, जिसकी वजह से उन्हें ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों से जुड़ी समस्याएं दुनिया भर में बढ़ रही हैं, जिससे लाखों महिलाएं प्रभावित हो रही हैं।
भारत में, अध्ययनों से पता चलता है कि 50 साल से ज्यादा उम्र की लगभग तीन में से एक महिला कम बोन डेंसिटी की समस्या से पीड़ित है, और यह संख्या हर साल बढ़ रही है। ऐसे में जरूरी है कि समय रहते इसकी पहचान की जाए, ताकि ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव किया जा सके। आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं महिलाओं में नजर आने वाले कुछ ऐसे शुरुआती संकेतों के बारे में, जिनकी मदद से समय रहते ऑस्टियोपोरोसिस की पहचान कर सकते हैं।
पीठ या गर्दन में दर्द
कमजोर हड्डियों के शुरुआती लक्षण अक्सर नजरअंदाज हो जाते हैं, लेकिन रोजमर्रा की जिंदगी में दिखाई दे सकते हैं। अगर आपकी लंबाई कम लग रही है या आपके कपड़े अलग तरह से फिट होते हैं, तो यह रीढ़ की हड्डी में छोटे होने या बिना दर्द के फ्रैक्चर होने का संकेत हो सकता है। लगातार पीठ या गर्दन में दर्द, थकान या खराब पोश्चर की वजह से ही नहीं, बल्कि रीढ़ की हड्डी के कमजोर होने का संकेत हो सकता है।
नाखूनों का कमजोर होना
अगर आपके नाखून अचानक कमजोर हो गए है या मसूड़े सिकुड़ गए हैं, जिससे दांतों की जड़े दिखने लगती है, तो इसे अनदेखा न करें। यह कैल्शियम या कोलेजन की कमी का संकेत हो सकता है, जो हड्डियों को प्रभावित कर सकता है। इसलिए इन संकेतों को अनदेखा न करें।
इन लक्षणों को भी न करें
- कमजोर पकड़
- बार-बार दर्द
- बॉडी पोश्चर झुकाव
- सांस लेने में तकलीफ
महिलाएं को ज्यादा खतरा क्यों है?
35 साल की उम्र के बाद महिलाओं में पुरुषों की तुलना में हड्डियों की डेंसिटी तेजी से कम होती है और मेनोपॉज के बाद, एस्ट्रोजन लेवल में कम होने की वजह से हड्डियां तेजी कमजोर होती है। साथ ही शरीर में विटामिन डी की कमी, धूप में कम निकलना, वेजिटेरियन डाइट और बोन हेल्थ को अनदेखा करना भी महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को बढ़ाता है।
ऐसे रखें हड्डियों का ख्याल
- अपनी डाइट भरपूर मात्रा में कैल्शियम शामिल करें
- पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी लें
- फिजिकली एक्टिव रहें
- तंबाकू और शराब से दूरी बनाएं।

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