Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शराब की लत छुड़ाने में मदद कर सकती हैं मोटापा कम करने वाली दवाएं, नई रिसर्च ने जगाई उम्मीद

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 07:43 AM (IST)

    शराब की लत एक ऐसी समस्या है जिससे हर साल दुनिया भर में लाखों मौतें होती हैं। एक बार यह आदत लग जाए, तो इसे छोड़ना बहुत मुश्किल होता है। हालांकि, अब शराब पीने वालों के लिए एक बहुत बड़ी उम्मीद की किरण जगी है। दरअसल, एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि वजन घटाने वाली दवाएं शराब की लत छुड़ाने में मदद कर सकती हैं।

    Hero Image

    Ozempic और Wegovy जैसी दवाएं कम कर सकती हैं शराब पीने की इच्छा (Image Source: Freepik) 

    आइएएनएस, नई दिल्ली। शराब पीने वाले लोगों को अक्सर इसकी लत लग जाती है। एक बार कोई शराब का आदी हो जाए, तो इस आदत को छोड़ना मुश्किल काम हो जाता है। अब एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि मोटापा कम करने वाली दवा शराब की लत से छुटकारा मिल सकता है। यह दवा दिमाग में जाकर शराब पीने की इच्छा कम कर देती है, जिससे लोग अपने आप शराब पीना कम कर देते हैं। एक अध्ययन के - अनुसार, डायबिटीज प्रबंधन और वजन घटाने के लिए लोकप्रिय दवाएं जैसे कि ओजेंपिक और वेगोवी शराब के उपयोग को कम करने में भी प्रभावी हो सकती हैं। यह अध्ययन अमेरिका के वर्जीनिया टेक के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया, जिसमें पाया गया कि जीएलपी - 1 शराब के रक्तप्रवाह में प्रवेश करने की गति को धीमा करते हैं, जिससे मस्तिष्क पर प्रभाव भी कम होता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'गेम चेंजर' बन सकती हैं वेट लॉस वाली दवाएं

    शराब पीने की लत एक गंभीर समस्या है, जिससे दुनियाभर में सालाना 26 लाख मौतें हो जाती हैं। इस विकार का इलाज आमतौर पर संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी, काउंसलिंग और दवाओं से किया जाता है। हालांकि, ये उपाय कुछ दिनों तक राहत देती हैं, लेकिन 70% मरीज पहले ही साल में दोबारा शराब पीना शुरू कर देते हैं, जिससे स्थायी समाधान मुश्किल हो जाता है। ऐसे लोगों के लिए मोटापा कम करने वाली दवाएं स्थायी तौर पर राहत दे सकती हैं। वर्जीनिया टेक के फ्रालिन बायोमेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के सहायक प्रोफेसर एलेक्स डिफेलिसेंटोनियो ने कहा कि जो लोग शराब पीते हैं, वे जानते हैं कि एक गिलास वाइन पीने और एक शाट व्हिस्की पीने में अंतर होता है। इन दोनों में से किसी भी एक की मानक खुराक में 0.6 औँस अल्कोहल होता है, लेकिन शाट से रक्त में अल्कोहल की मात्रा तेजी से बढ़ती है। समय के साथ शरीर जिस तरह से अल्कोहल को ग्रहण करता है, उसके कारण यह अलग लगता है।

    20 लोगों पर किया अध्ययन

    डिफेलिसेंटोनियो ने कहा कि यह क्यों महत्वपूर्ण है? तेजी से काम करने वाली दवाओं में उच्च दुरुपयोग की संभावना होती है। इनका मस्तिष्क पर अलग प्रभाव होता है, इसलिए यदि ग्लूकागन लाइक पेप्टाइड - 1 (जीएलपी - 1) शराब के रक्तप्रवाह में प्रवेश को धीमा करते हैं, तो वे शराब के प्रभाव को कम कर सकते हैं और लोगों को कम शराब पीने में मदद कर सकते हैं।

    20 प्रतिभागियों पर किए गए पायलट अध्ययन में टीम ने बताया कि सांस में अल्कोहल की सांद्रता लगभग 0.08 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए गणना की गई समान मात्रा में अल्कोहल लेने के बावजूद सेमाग्लूटाइड, टिरजेपेटाइड या लिराग्लूटाइड लेने वाले प्रतिभागियों में सांद्रता में वृद्धि धीमी रही। उस समूह के प्रतिभागियों ने व्यक्तिपरक मापदंडों पर कम नशे की स्थिति महसूस करने की भी सूचना दी।

    रक्त में होती अल्कोहल की धीमी वृद्धि

    शराब का उपभोग कम करने के लिए अन्य दवाएं, जैसे नाल्ट्रेक्सोन और एकाम्प्रोसेट केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर कार्य करती हैं, जीएलपी-1 को एक अलग तंत्र के माध्यम से सेवन की इच्छा दबाने में प्रभावी पाया गया। साइंटिफिक रिपोर्ट्स पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि ये दवाएं गैस्ट्रिक खाली होने की प्रक्रिया को धीमा कर देती हैं, जिससे रक्त में अल्कोहल की मात्रा में धीमी वृद्धि हो सकती है। शोधकर्ताओं ने कहा कि नशे की लत से जूझ रहे व्यक्तियों को नई आशा देने की संभावना इस काम को महत्वपूर्ण बनाती है।

    यह भी पढ़ें- फैटी लिवर से बचने के लिए रोज सुबह उठते ही करें ये 3 काम, शरीर में जमा कचरा भी हो जाएगा साफ

    यह भी पढ़ें- किसी के ड्रिंक ऑफर करने पर 'ना' कहना आपके लिए भी हो जाता है मुश्किल? ऐसे हैंडल करें सिचुएशन