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    Infertility & Obesity: क्या मोटापा बढ़ा सकता है महिलाओं में इनफर्टिलिटी का खतरा, एक्सपर्ट्स से जानें जवाब

    Updated: Sat, 09 Mar 2024 05:47 PM (IST)

    मोटापा एक गंभीर समस्या है जो दिल की बीमारियां और डायबिटीज के साथ-साथ महिलाओं की रिप्रोडक्टिव हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। मोटापे की वजह से शरीर में कई बदलाव होते हैं जिनकी वजह से कंसीव करने में काफी समस्याएं हो सकती हैं। मोटापे की वजह से महिलाओं में फर्टिलिटी से जुड़ी क्या समस्याएं हो सकती हैं जानने के लिए हमने कुछ एक्सपर्ट से बात की।

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    मोटापे की वजह से महिलाओं में फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Infertility and Obesity: हाल ही में मोटापे को लेकर कुछ परेशान करने वाले आंकड़े सामने आए हैं। भारत में मोटापे के बढ़ते मामले चिंता का विषय बन गए हैं। द लांसेट द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में लगभग 4.4 करोड़ महिलाएं मोटापे से जूझ रही हैं। मोटापे की समस्या पुरुषों की तुलना महिलाओं में ज्यादा देखी जा रही है। महिलाओं में मोटापा कई गंभीर समस्याओं की वजह बन जाता है, जिसमें रिप्रोडक्शन यानी प्रजनन से जुड़ी जटिलताएं भी शामिल हैं।

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    मोटापे की वजह से दिल की बीमारी और डायबिटीज जैसी बीमारियां तो होती ही हैं, लेकिन प्रजनन क्षमता यानी फर्टिलिटी को भी प्रभावित करता है। इस बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए हमने बात की एक्सपर्ट्स से। आइए जानते हैं, इस बारे में उनका क्या कहना है।

    मोटापे और महिलाओं की फर्टिलिटी के बारे में बताते हुए मैक्स अस्पताल, वैशाली के बैरियाट्रिक और रोबोटिक सर्जरी के निदेशक और प्रमुख, डॉ. विवेक बिंदल ने बताया कि ओबेसिटी का महिलाओं की रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर काफी गहरा प्रभाव पड़ता है। मोटापे की वजह से महिलाओं में फर्टिलिटी से जुड़ी कई दिक्कतें हो सकती हैं।

    क्या है इनफर्टिलिटी?

    वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, इनफर्टिलिटी रिप्रोडक्टिव सिस्टम की एक बीमारी है, जो 12 महीने या उससे ज्यादा समय से असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने के बाद भी प्रेग्नेंट न हो पाना इनफर्टिलिटी कहलाता है।

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    हार्मोनल समस्याएं हो सकती हैं

    इस बारे में सी.के. बिरला अस्पताल, गुरुग्राम के मेडिकल ऑन्कोलॉजी में कंसल्टेंट, डॉ. पूजा बब्बर ने बताया कि मोटापे की वजह से महिलाओं में हार्मोनल इंबैलेंस हो सकता है, जिसके कारण फर्टिलिटी की समस्याएं हो सकती हैं। हार्मोन में बदलाव की वजह से अनियमित माहवारी, पीसीओएस (PCOS), ओवेरी डिस्फंक्शन, जैसी परेशानियां हो सकती हैं, जिसके कारण कंसीव करने में दिक्कत हो सकती है और कई बार इनफर्टिलिटी की समस्या भी हो सकती है।

    पीसीओएस की समस्या उन महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है, जो मोटापे का शिकार होती हैं। पीसीओएस की वजह से भी अनियमित पीरियड्स, हार्मोनल इंबैलेस, ओवेरियन सिस्ट की समस्याएं भी हो सकती हैं। पीसीओएस की वजह से, इनफर्टिलिटी की समस्या और गंभीर हो जाती है। हार्मोनल इंबैलेंस न केवल रिप्रोडक्शन से जुड़ी समस्याएं बल्कि थायरॉइड और डायबिटीज जैसी बीमारियों की वजह भी बन सकता है।

    ART ट्रीटमेंट हो सकते हैं बेअसर

    मोटापे की वजह से होने वाली परेशानियों के बारे में बताते हुए डॉ. बब्बर ने बताया कि मोटापे की वजह से कई महिलाओं में असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (ART) ट्रीटमेंट, जैसे- इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के सफल होने की संभावना काफी कम हो जाती है। इतना ही नहीं, रिप्रोडक्टिव हेल्थ से जुड़ी समस्याओं के अलावा, गायनेकोलॉजिकल कैंसर, जैसे- ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर और एंडोमेट्रियल कैंसर का जोखिम काफी अधिक बढ़ जाता है।

    इतना ही नहीं इससे पहले एक स्टडी में भी यह बात सामने आई थी कि महिलाओं की कमर का साइज उनकी फर्टिलिटी को प्रभावित करता है। इस स्टडी में पता चला था कि महिलाओं की कमर का एक इंच साइज बढ़ना फर्टिलिटी को 3 प्रतिशत तक कम करता है।

    इसलिए जरूरी है कि मोटापे की समस्या से बचाव किया जाए और अगर आप प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं और आपका वजन अधिक है, तो डॉक्टर से संपर्क करके वजन कम करने की कोशिश करें। इससे न केवल फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकती हैं, बल्कि सेहत संबंधी दूसरी परेशानियों से भी बचाव हो सकता है।

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    Picture Courtesy: Freepik