क्या वाकई आपकी लाइफस्टाइल नहीं, बल्कि ये बैक्टीरिया हैं दिल की बीमारी का कारण? पढ़ें ये नई रिसर्च
दिल से जुड़ी बीमारी का खतरा आज कल तेजी से बढ़ रहा है। इसके पीछे खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल को जिम्मेदार माना जाता है लेकिन हाल ही में हुए एक रिसर्च से ये मालूम चलता है कि दिल की बीमारी का संबंध बैक्टीरिया से भी हो सकता है। वैज्ञानिकों ने पाया कि दिल की नसों में जमे फैटी प्लाक में बैक्टीरिया की परत होती है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज के समय में दिल से जुड़ी बीमारियां भी तेजी से बढ़ रहीं हैं। पहले ये बीमारी जहां ज्यादा उम्र वाले लोगों में देखने को मिलती थी, वहीं अब युवाओं में भी इस बीमारी का खतरा बढ़ गया है। अमेरिका में तो ज्यादातर लोगों की मौत की वजह दिल की बीमारी ही है। ये बीमारी किसी को भी हो सकती है। अब तक इसे एक ऐसी बीमारी माना जाता था जो किसी कीटाणु (जैसे वायरस या बैक्टीरिया) से नहीं फैलती।
लेकिन हाल ही में हुई एक नई रिसर्च से पता चला है कि दिल की बीमारी का संबंध बैक्टीरिया से भी हो सकता है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, फिनलैंड की ताम्पेरे और ओउलू यूनिवर्सिटी और फिनिश इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थ एंड वेलफेयर के वैज्ञानिकों ने मिलकर एक रिसर्च की है। इस रिसर्च को जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में प्रकाशित किया गया है।
क्या है वजह
इस रिसर्च के मुताबिक, दिल की नसों में जो फैटी प्लाक जमा होता है, उसमें बैक्टीरिया की लेयर (biofilm) मिली है। इस खोज से कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) और हार्ट अटैक को लेकर जो अब तक समझा जा रहा था, उसने सबके होश उड़ा दिए हैं। ये रिसर्च भविष्य में इन बीमारियों की जांच, इलाज और यहां तक कि वैक्सीन बनाने में भी मदद कर सकती है।
कोरोनरी आर्टरी का क्या है काम?
हार्ट अटैक कोरोनरी आर्टरी डिजीज के कारण होता है। दरअसल, कोरोनरी आर्टरी वो नसें हैं जो हमारे दिल तक खून और जरूरी पोषण पहुंचाती हैं। जब इन नसों में प्लाक (चर्बी, कोलेस्ट्रॉल और बाकी चीजाें का जमाव) जमने लगता है, तो ये नसें ब्लॉक हो जाती हैं। इस वजह से दिल को पूरा खून और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार, कोरोनरी आर्टरी डिजीज होने के पीछे ये कारण जिम्मेदार हो सकते हैं-
- हाई ब्लड प्रेशर
- हाई कोलेस्ट्रॉल
- डायबिटीज
- मोटापा
- परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास
- अनहेल्दी लाइफस्टाइल (जैसे स्मोकिंग)
- वर्कआउट में कमी
अब तक इन कारणों में बैक्टीरिया का जिक्र कम होता था, लेकिन नई रिसर्च बताती है कि बैक्टीरिया भी प्लाक बनने में एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
121 लोगों पर किया गया सर्वे
आपको बता दें कि वैज्ञानिकों ने 121 ऐसे लोगों के आर्टरीज को चेक किया, जिनकी मौत अचानक हार्ट अटैक से हुई थी। इसके साथ ही ऐसे 96 मरीजों की जांच की जिनकी हाल फिल्हाल में सर्जरी हुई थी। इस जांच में पता चला कि आर्टरीज में जमी हुई गंदगी (जिसे प्लाक कहते हैं) में बैक्टीरिया की लेयर्य मौजूद थीं। इनमें कुछ बैक्टीरिया ऐसे थे जो सोई हुई हालत (dormant) में रहते हैं।
सूजन का कारण बनते हैं ये बैक्टीरिया
ये बैक्टीरिया शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता और दवाइयों से बच जाते हैं। जब कोई चीज इन्हें जगाती है, तो ये तेजी से बढ़ने लगते हैं। इससे शरीर में सूजन आ जाती है। ये सूजन प्लाक को तोड़ सकती है, जिससे खून का थक्का बनता है और हार्ट अटैक आ सकता है। डीएनए की जांच से पता चला कि ये बैक्टीरिया मुंह, लंग्स, आंत और स्किन से अंदर आते हैं। इसका मतलब है कि हमारे शरीर में रहने वाले ये आम बैक्टीरिया भी कभी-कभी लंबे समय तक सूजन का कारण बन सकते हैं।
क्या बन सकती है वैक्सीन?
वैज्ञानिकों का कहना है कि हार्ट अटैक से बचाने के लिए वैक्सीन बन सकती है। शोधकर्ताओं को दिल की नसों में जमा हुए प्लाक (फैट और कोलेस्ट्रॉल का जमाव) में कई तरह के बैक्टीरिया का DNA मिला है। ये रिसर्च इसलिए भी जरूरी है क्योंकि अगर बैक्टीरिया की भूमिका साबित हो जाती है, तो आने वाले दिनों में दिल की बीमारी और हार्ट अटैक को रोकने के लिए वैक्सीन बनाई जा सकती है, ठीक वैसे ही जैसे दूसरे संक्रामक बीमारियों के लिए बनती हैं।
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Source-
- https://www.ahajournals.org/doi/10.1161/JAHA.125.041521
- https://www.cdc.gov/heart-disease/data-research/facts-stats/index.html
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