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    सिर्फ बीड़ी-सिगरेट ही नहीं, बालकनी के कबूतर भी बन सकते हैं लंग डिजीज की वजह; इन तरीकों से करें बचाव

    कबूतर एक ऐसा पक्षी है जो अक्सर ही हमें हमारी छत या बालकनी में देखने को मिल जाता है। शांत स्वभाव के ये पक्षी आपकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। कबूतर के पंख और मल (Pigeon Dropping) की वजह से फेफड़े की गंभीर बीमारी हो सकती है। इसलिए अपनी सेहत का ख्याल रखने के लिए कबूतरों को खुद से दूर रखना जरूरी है।

    By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Mon, 03 Mar 2025 07:49 AM (IST)
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    कबूतरों भी बन सकते हैं Lung Disease का कारण (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Pigeon Dropping Disease: कबूतर एक बेहद कॉमन पक्षी है, जो अक्सर शहरी और ग्रामीण इलाकों में देखने को मिल जाते हैं। ये पक्षी बेहद शांत होते हैं, लेकिन ये इंसानों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा (Pigeon Dropping Risk) भी पैदा कर सकते हैं, खासकर जब बात फेफड़ों से संबंधित बीमारियों की हो।

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    कबूतरों के मल, पंख और लार में मौजूद कुछ फंगस और बैक्टीरिया हानिकारक बीमारियों का कारण बन सकते हैं, जिनमें से कुछ जानलेवा भी हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि कबूतर कैसे फेफड़ों की बीमारियों का कारण बन सकते हैं और इनसे कैसे बचा जा सकता है।

    कबूतरों से जुड़ी फेफड़ों की बीमारियां

    हिस्टोप्लाज्मोसिस (Histoplasmosis)

    यह बीमारी हिस्टोप्लाज्मा कैप्सुलाट नाम के फंगस के कारण होती है, जो कबूतरों के मल में पाया जाता है। जब यह मल सूख जाता है और हवा में मिल जाता है, तो इसके छोटे-छोटे कण सांस के जरिए व्यक्ति के फेफड़ों में पहुंच सकते हैं। इससे बुखार, खांसी, सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। गंभीर मामलों में यह बीमारी जानलेवा भी हो सकती है।

    क्रिप्टोकोक्कोसिस (Cryptococcosis)

    यह बीमारी क्रिप्टोकोकस नियोफॉर्मन्स फंगस के कारण होती है, जो कबूतरों के मल में पाया जाता है। यह फंगस भी सांस के जरिए शरीर में जा सकता है और फेफड़ों को प्रभावित करता है। इसके अलावा, यह दिमाग और नर्वस सिस्टम को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

    साइकोसिस (Psittacosis)

    यह बीमारी क्लैमाइडिया साइटैसी बैक्टीरिया के कारण होती है, जो कबूतरों के मल और पंखों में पाया जाता है। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, सूखी खांसी और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं। यह बीमारी भी फेफड़ों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।

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    कबूतरों से होने वाली बीमारियों से बचाव के उपाय

    कबूतरों के संपर्क से बचें

    कबूतरों के मल और पंखों के सीधे संपर्क में आने से बचें। अगर आपके घर या आसपास कबूतरों का झुंड रहता है, तो उन्हें दूर रखने के लिए सही उपाय करें।

    सफाई का ध्यान रखें

    कबूतरों के मल और पंखों की सफाई करते समय मास्क और दस्ताने पहनें। सफाई के दौरान धूल उड़ने से बचने के लिए मल को पहले गीला करें और फिर साफ करें।

    वेंटिलेशन का ध्यान रखें

    अगर आपके घर या ऑफिस में कबूतरों का झुंड रहता है, तो वेंटिलेशन का खास ध्यान रखें। वेंटिलेशन को बनाए रखने से हानिकारक कणों की मात्रा कम हो सकती है।

    स्वच्छता बनाए रखें

    कबूतरों के मल और पंखों से प्रभावित क्षेत्रों को नियमित रूप से साफ करें। इससे बीमारियों के फैलने का खतरा कम होगा।

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    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।