Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अल्जाइमर से बचाएगा नया जीन, वैज्ञान‍िकों ने खाेज न‍िकाला रास्‍ता; जान‍िए क्‍या कहती है स्‍टडी

    Updated: Thu, 26 Jun 2025 01:33 PM (IST)

    एक नए शोध में अल्जाइमर रोग को रोकने वाले एक दुर्लभ जीन वैरिएंट 'APOE3-R136S' की खोज हुई है। यह जीन मस्तिष्क में प्रतिरक्षा कोशिकाओं में होने वाली सूजन को दबाकर अल्जाइमर से बचाव करता है। यह 'cGAS-STING' नामक सूजन प्रक्रिया को रोकता है, जो न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों में सक्रिय हो जाती है। 

    Hero Image

    अल्जाइमर से बचाएगा ये जीन (Image Credit- Freepik)

    जागरण न्‍यूज, नई द‍िल्‍ली। आज के समय में ज्यादातर लोग क‍िसी ने क‍िसी बात को लेकर तनाव में रहते हैं। इसके पीछे कई वजह ज‍िम्‍मेदार हो सकते हैं। काम का बोझ कह लें या फ‍िर पर‍िवार में कलह और पैसों की कमी, ब्रेकअप्‍स के कारण भी लोगों में तनाव बढ़ रहा है। स्‍ट्रेस लेने से हमारे द‍िमाग पर बुरा असर पड़ता है। हम बातों काे भूलने लग जाते हैं। धीरे-धीरे करके हमारी याददाश्‍त भी कमजोर होने लगती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हमें जब भूलने की आदत लग जाती है तो इस बीमारी को अल्जाइमर कहा जाता है। ये एक ऐसी बीमारी है, जिसमें ब्रेन में एमोलेड बीटा प्रोटीन के जमा होने के कारण ब्रेन के सेल्स प्रभावित होने लगते हैं। ये बढ़ती उम्र की बीमारी है जो लाइफस्टाइल के खराब होने पर तेजी से बढ़ती हैं। इस दौरान आपको कोई भी चीज समझने और सुनने में द‍िक्‍कतें हो सकती हैं। इससे बचाव के ल‍िए हाल ही में हुई ए‍क र‍िसर्च ने राहत भरी खबर दी है।

    'जर्नल इम्युनिटी' में प्रकाशित हुआ है शोध

    आपको बता दें क‍ि र‍िसर्च में अल्जाइमर ड‍िजीज को रोकने वाले एक जीन वैरिएंट की खोज हुई है, जो क‍ि दुर्लभ मानी जाती है। इस जीन का नाम 'APOE3-R136S' है। ये द‍िमाग में Immunity Cells में होने वाली सूजन को दबाकर अल्जाइमर से बचाव करता है। इस र‍िसर्च को 'जर्नल इम्युनिटी' में प्रकाशित क‍ि‍या गया है।

    क्‍या है अल्जाइमर और सूजन का संबंध

    र‍िसर्चर्स के मुताब‍िक, द‍िमाग में सूजन होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। कई न्यूरोडीजेनेरेटिव ड‍िजीज, जैसे कि अल्जाइमर, का एक मुख्य कारण है। ये एक ऐसी बीमारी है जिसमें लोगों की याददाश्त, सोचने-समझने की शक्ति और फैसला लेने की क्षमता धीरे-धीरे कम होती जाती है, जिससे रोजमर्रा के काम करना मुश्किल हो जाता है।

    'APOE3-R136S' कैसे काम करता है?

    शोध करने वाले वैज्ञानिकों ने पाया कि समय के साथ जीन के डीएनए में कुछ स्थायी बदलाव होते हैं जो पीढ़ियों तक जा सकते हैं। इन्हीं बदलावों से 'APOE3-R136S' नाम का ये जीन वैरिएंट बनता है। ये अल्जाइमर के खतरे को कम करने में मदद करता है।

    यह भी पढ़ें: पार्किंसन और अल्जाइमर के इलाज में जगी नई उम्मीद! वैज्ञानिकों ने खोजा सेल डेथ रोकने वाला मालिक्यूल

    द‍िमाग की सूजन रोकेगी ये जीन

    ये जीन 'cGAS-STING' नाम के सूजन प्रक्रिया को रोकती है। यह प्रक्रिया हमारी जन्मजात Immune System का हिस्सा है और न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों में यह ज्‍यादा एक्‍ट‍िव हो जाती है। इस जीन वैरिएंट (जिसे 'क्राइस्टचर्च म्यूटेशन' भी कहा जाता है) के सुरक्षा करने वाले प्रभाव को दवा के जरिए द‍िमाग की सूजन प्रक्रिया को रोककर भी पैदा किया जा सकता है।

    शोधकर्ताओं का मानना है कि ये खोज सुझाव देती है कि cGAS-STING को रोकने से दि‍माग अल्जाइमर के प्रति बचाव करता है, भले ही उसमें Tau Protein का जमाव हो।

    क्‍या है टाऊ प्रोटीन?

    अल्‍जाइमर से जूझ रहे लोगों के द‍िमाग में टाऊ प्रोटीन के कुछ गुच्छे असामान्‍य तरीके से बन जाते हैं। ये एक ऐसा प्रोटीन है जो द‍िमाग में पाया जाता है और सेल्‍स के अंदर की संरचना को ट‍िकाऊ बनाता है। ये स्‍टडी अल्जाइमर के इलाज के लिए नए रास्ते खोल सकता है। खासकर द‍िमाग की सूजन को कंट्रोल करने और टाऊ प्रोटीन के असर को कम करने के ल‍िए ये असरदार तरीका है।

    यह भी पढ़ें: बार-बार घेर रहीं हैं मौसमी बीमार‍ियां, 4 हर्बल काढ़ों से बूस्‍ट करें Immunity, म‍िलेंगे और भी कई फायदे

    Source-

    • https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S1074761325002444?dgcid=author