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    पुरुषों में ज्यादा रहता है इन 5 कैंसर का रिस्क, यहां जानें इनके लक्षण और बचाव के तरीके

    भारत में कैंसर (Cancer) के बढ़ते मामले चिंता का विषय है। हर साल लाखों लोग इस बीमारी की वजह से अपनी जान गंवाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि इसके बारे में जागरूक रहा जाए ताकि कैंसर की पहचान शुरुआती स्टेज में ही की जा सके। आइए जानें भारतीय पुरुषों में होने वाले 5 सबसे कॉमन कैंसर (Common Cancer Among Men)।

    By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Thu, 12 Jun 2025 09:02 AM (IST)
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    Cancer in Men: पुरुषों में इन कैंसर का रहता है ज्यादा रिस्क (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कैंसर (Cancer) का नाम सुनकर हम घबरा जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके मामले भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं। लाइफस्टाइल, खान-पान, शराब और तंबाकू, प्रदूषण और जेनेटिक कारणों से कैंसर का रिस्क काफी बढ़ जाता है। हालांकि, कुछ प्रकार का कैंसर पुरुषों (Common Cancer Among Men) को ज्यादा अपनी चपेट में लेते हैं। इस आर्टिकल में हम इन्हीं कैंसर के बारे में बताने वाले हैं। आइए जानें भारतीय पुरुषों में होने वाले 5 सबसे कॉमन कैंसर (Common Cancer In Indian Men)।

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    मुंह का कैंसर (Oral Cancer)

    मुंह का कैंसर भारतीय पुरुषों में सबसे ज्यादा पाया जाता है, खासकर तंबाकू, गुटखा, पान मसाला और स्मोकिंग करने वालों में। यह कैंसर होंठ, जीभ, मसूड़ों, गालों के अंदरूनी हिस्से और गले में हो सकता है।

    लक्षण:

    • मुंह में लंबे समय तक रहने वाला छाला
    • गले या मुंह में दर्द
    • निगलने में तकलीफ
    • आवाज में बदलाव

    इस कैंसर के रिस्क को कम करने के लिए जरूरी है कि तंबाकू, शराब और स्मोकिंग से परहेज करें। नियमित डेंटल चेकअप करवाएं।

    यह भी पढ़ें: मिलेनियल्स में तेजी से बढ़ रहे हैं Appendix Cancer के मामले, क्या है इसके पीछे की वजह

    फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer)

    भारत में फेफड़ों का कैंसर स्मोकिंग और वायु प्रदूषण के कारण बढ़ रहा है। यह कैंसर अक्सर देर से पता चलता है, जिससे इलाज मुश्किल हो जाता है।

    लक्षण:

    लंग कैंसर का रिस्क कम करने के लिए स्मोकिंग से परहेज करें, प्रदूषण से बचाव करें और नियमित रूप से फेफड़ों की एक्सरसाइज करवाएं। साथ ही, नियमित हेल्थ चेकअप करवाना भी जरूरी है, खासकर अगर आपको लंग कैंसर के कोई भी लक्षण महसूस होते हैं।

    पेट का कैंसर (गैस्ट्रिक कैंसर)

    अनियमित खानपान, ज्यादा नमक और प्रिजर्वेटिव्स डले हुए फूड्स, स्मोकिंग और हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इन्फेक्शन से पेट का कैंसर हो सकता है।

    लक्षण:

    • पेट में लगातार दर्द
    • भूख न लगना
    • उल्टी या मल में खून आना
    • वजन कम होना

    पेट के कैंसर के रिस्क को कम करने के लिए फ्रेश खाना खाएं, ज्यादा तले-भुने खाने से परहेज करें, स्मोकिंग और शराब से दूर रहें और नियमित मेडिकल चेकअप करवाएं।

    कोलोरेक्टल कैंसर (आंतों का कैंसर)

    यह कैंसर बड़ी आंत या मलाशय में होता है। मोटापा, प्रोसेस्ड फूड, शराब और जेनेटिक कारण इसके अहम रिस्क फैक्टर्स हैं।

    लक्षण:

    • पेट में ऐंठन और दर्द
    • मल में खून आना
    • कब्ज या दस्त की शिकायत
    • वजन कम होना

    आंत के कैंसर का रिस्क कम करने के लिए फाइबर से भरपूर खाना खाएं, नियमित एक्सरसाइज करें और अगर आपकी उम्र 50 या इससे ज्यादा है, तो नियमित रूप से कोलोनोस्कोपी जरूर करवाएं।

    गले का कैंसर (थ्रोट कैंसर)

    यह कैंसर वॉयस बॉक्स, वोकल कॉर्ड्स या गले के अन्य हिस्सों में हो सकता है। तंबाकू, शराब और HPV वायरस इसके अहम कारण हैं।

    लक्षण:

    • गले में खराश या दर्द
    • आवाज में बदलाव
    • निगलने में कठिनाई
    • गर्दन में गांठ

    गले के कैंसर का रिस्क कम करने के लिए तंबाकू और शराब से परहेज करें, HPV वैक्सीन लगवाएं और बहुत ज्यादा गर्म खाना खाने से बचें।

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    Source: 

    ICMR: https://cancerindia.org.in/statistics/