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    World No Tobacco Day 2025: सिर्फ सिगरेट ही नहीं, इसका धुंआ भी इन 5 तरीकों से पहुंचाता है नुकसान

    स्मोकिंग सेहत के लिए हानिकारक है लेकिन सिगरेट पीने वालों के आसपास रहना भी उतना ही खतरनाक है। सेकंड हैंड स्मोकिंग (Second Hand Smoking) या पैसिव स्मोकिंग के कारण कई खतरनाक परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए सिगरेट के धुएं से बचना भी बेहद जरूरी है। आइए जानें सेकंड हैंड स्मोकिंग कैसे आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाता है।

    By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Sat, 31 May 2025 08:36 AM (IST)
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    World No Tobacco Day: सेकंड हैंड स्मोकिंग कैसे पहुंचाता है नुकसान? (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। धूम्रपान सेहत के लिए हानिकारक है, यह तो आप जानते ही हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिगरेट पीने वालों के आस-पास रहना भी आपकी सेहत के लिए हानिकारक है। जी हां, सिगरेट का धुंआ भी आपकी सेहत को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। इसे सेकंड हैंड स्मोकिंग (Second Hand Smoking) या पैसिव स्मोकिंग कहा जाता है। सेकंड हैंड स्मोकिंग भी उतना ही खतरनाक है, जितना सिगरेट पीना। आइए वर्ल्ड नो टोबैको डे (World No Tobacco Day 2025) जानें सेकंड हैंड स्मोकिंग कैसे आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है।

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    फेफड़ों की बीमारियों का खतरा

    सेकंड हैंड स्मोकिंग में सिगरेट का धुंआ सीधे फेफड़ों में जाता है और उन्हें नुकसान पहुंचाता है। इससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, लंग इन्फेक्शन का रिस्क काफी बढ़ जाता है। साथ ही, सिगरेट के धुएं भी कई कार्सिनोजेन्स होते हैं, जो कैंसर का कारण बनते हैं। इसलिए सेकंड हैंड स्मोकिंग से भी लंग कैंसर का रिस्क रहता है। सेकंड हैंड स्मोकिंग बच्चों के लिए और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकती है।

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    दिल की बीमारियों का रिस्क बढ़ता है

    सेकंड हैंड स्मोकिंग से दिल की बीमारियों का रिस्क भी काफी बढ़ जाता है। दरअसल, पैसिव स्मोकिंग के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जिसके कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक का रिस्क काफी बढ़ जाता है। सेकंड हैंड स्मोकिंग से आर्टरीज भी डैमेज होती हैं।

    कैंसर का खतरा

    सेकंड हैंड स्मोकिंग से टार, निकोटीन और बेंजीन जैसे केमिकल्स शरीर में जाते हैं। इनके कराण गले का कैंसर, फेफड़ों का कैंसर और ब्लड कैंसर का रिस्क काफी बढ़ जाता है। हर साल हजारों लोग पैसिव स्मोकिंग के कारण कैंसर की चपेट में आते हैं। इसलिए कैंसर का खतरा कम करने के लिए पैसिव स्मोकिंग से बचना जरूरी है।

    शिशु के विकास पर बुरा प्रभाव

    प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए सेकंड हैंड स्मोकिंग इसलिए ज्यादा खतरनाक होता है, क्योंकि इससे होने वाले बच्चे की सेहत पर भी असर पड़ता है। पैसिव स्मोकिंग के कारण गर्भपात, प्रीमैच्योर डिलीवरी और भ्रुण के विकास में रुकावट का खतरा पैदा हो सकता है। इसके अलावा, सेकंड हैंड स्मोकिंग से हाई बीपी की समस्या भी हो सकती है, जो प्रेग्नेंसी में खतरनाक साबित हो सकती है।

    स्किन और आंखों को नुकसान

    स्मोकिंग का धुंआ सिर्फ फेफड़ों को ही नहीं, बल्कि स्किन और आंखों को भी काफी नुकसान पहुंचाता है। इससे आंखों में जलन, खुजली और ड्राइनेस हो सकती है। पैसिव स्मोकिंग के कारण प्रीमैच्योर एजिंग का रिस्क भी रहता है।

    इनसे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सिगरेट का धुंआ भी आपकी सेहत के लिए कितना खतरनाक है। इसलिए सेकंड हैंड स्मोकिंग से बचना जरूरी है।

    सेकंड हैंड स्मोकिंग से कैसे बचें?

    • स्मोक करने वालों से दूरी बनाएं।
    • सार्वजनिक स्थानों पर स्मोकिंग के खिलाफ नियमों का पालन करें।
    • घर और कार में स्मोक करने से मना करें।
    • एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।

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    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।